INDvsENG : शुभमन का इंग्लैंड में अब तक नहीं चला है बल्ला, क्या कप्तान गिल खेलेंगे? क्या है गावस्कर और पुजारा का कहना?
शुभमन गिल पहली बार इंग्लैंड की धरती पर टेस्ट टीम की कप्तानी करने जा रहे हैं, लेकिन उनका अब तक का प्रदर्शन वहां खास नहीं रहा है. इंग्लैंड में खेले गए मुकाबलों में गिल रन बनाने में असफल रहे हैं, जिससे उनके फॉर्म को लेकर सवाल उठने लगे हैं. चेतेश्वर पुजारा और सुनील गावस्कर जैसे दिग्गजों ने गिल को बैटिंग पर फोकस करने और कप्तानी का दबाव अलग रखने की सलाह दी है. भारतीय टीम को इंग्लैंड में अनियमित पिचों पर एक नई शुरुआत की दरकार है, जिसमें गिल की भूमिका अहम होगी.

इंग्लैंड की अनियमित उछाल लेती पिचों पर 20 जून से शुरू हो रही टेस्ट सिरीज़ में शुभमन गिल पहली बार कप्तानी करने उतर रहे हैं. हालांकि, विराट कोहली और रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद टीम इंडिया के नए नवेले कप्तान शुभमन गिल पर उनकी कमी को पूरा करने की ज़िम्मेदारी होगी जो कतई आसान नहीं होने वाला है.
निश्चित रूप से भारत की बॉलिंग लाइनअप तो मज़बूत दिखती है लेकिन टॉप बैटिंग ऑर्डर में शुभमन गिल को छोड़कर नियमित बल्लेबाज़ों की कमी दिखती है. ख़ुद शुभमन गिल के पास 32 टेस्ट मैचों का अनुभव है जहां उनका औसत महज़ 35.06 का है. बुधवार को गिल ने टेस्ट की जर्सी में अपनी एक तस्वीर सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट की.
इंग्लैंड में नहीं चला गिल का बल्ला
शुभमन गिल के पास इससे पहले इंग्लैंड में कुल तीन टेस्ट मैच खेलने का अनुभव है. वैसे तो गिल ने दिसंबर 2020 में टेस्ट में डेब्यू ही विदेशी धरती पर की थी. तब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ तीन टेस्ट मैचों की छह पारियों में 51.80 की औसत से 259 रन बनाए थे. लेकिन दो साल बाद जब उन्हें इंग्लैंड दौरे पर सिरीज़ के पांचवे टेस्ट में मौक़ा मिला तो उनके बल्ले से रन नहीं निकले. पहली पारी में 17 और दूसरी में महज़ चार रन बना सके थे. उसी मैच में गिल के साथ भारतीय पारी की शुरुआत करने वाले चेतेश्वर पुजारा कहते हैं, "नए कप्तान गिल को अपनी नेचुरल बैटिंग करनी होगी और बल्लेबाज़ी के दौरान कप्तानी के अतिरिक्त भार को दिमाग़ से अलग रखना होगा."
वे कहते हैं, "जहां तक मैं समझता हूं, बैटिंग का उनका अंदाज नहीं बदलने जा रहा, और यह बदलना भी नहीं चाहिए. अब वो इंग्लैंड में हैं और तैयारियां कर रहे हैं तो उन्हें ख़ुद-ब-ख़ुद यह अहसास हो जाएगा कि वहां के कंडीशन में कौन से शॉट्स खेलने चाहिए और किन गेंदों को नहीं छेड़ना है."
"विदेशी दौरे चुनौतीपूर्ण होते हैं"
चेतेश्वर पुजारा ने आधिकारिक प्रसारक के साथ बातचीत में कहा, "विदेशी दौरे चुनौतीपूर्ण होते हैं, चाहे आप युवा कप्तान हों या फिर मंझे हुए पुराने कप्तान ही क्यों न हों. पर एक युवा खिलाड़ी के लिए यह एक शानदार मौक़ा भी होता है. लिहाजा बल्लेबाज़ी करते समय आपको कप्तानी के बारे में नहीं सोचना होगा. तब आपका काम केवल अच्छी साझेदारी बनाना है. मुझे पूरा भरोसा है कि वो इन दोनों को अलग रख पाएंगे."
"शुभमन गिल लंबे समय तक टीम का नेतृत्व संभाल सकते हैं"
103 से अधिक टेस्ट खेल चुके पुजारा कहते हैं, "शुभमन गिल युवा हैं. टीम मैनेजमेंट और सेलेक्टर्स ने निश्चित रूप से उन्हें यह सोच कर कप्तानी दी होगी कि वो लंबे समय तक टीम का नेतृत्व संभाल सकते हैं. उनके इस किरदार में सपोर्ट स्टाफ़ की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी."
पुजारा को इंग्लैंड का अच्छा अनुभव
अपने टेस्ट करियर के दौरान 7000 से अधिक रन, 19 शतक जमाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने विदेशी धरती पर सबसे अधिक इंग्लैंड में ही टेस्ट मैच खेले हैं. पुजारा ने कुल 103 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया, तो 52 टेस्ट वो विदेशों में खेले. इनमें भी सबसे अधिक 16 टेस्ट मैच इंग्लैंड की धरती पर खेले हैं. वहां पुजारा ने लॉर्ड्स और ओल्ड ट्रैफ़र्ड को छोड़कर बाकी सभी मैदानों पर या तो शतक या अर्धशतक ज़रूर जमाए हैं.
ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ भी इंग्लैंड में नहीं चला बल्ला
गिल इंग्लैंड और वेल्स की पिचों पर ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में भी टीम इंडिया के लिए पारी की शुरुआत कर चुके हैं. न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ गिल के बल्ले से 28 और 08 रन निकले, तो ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2021-23 के फ़ाइनल में महज़ 13 और 18 रन ही निकले. पुजारा कहते हैं, "भले ही आप कितने भी अनुभवी हों, इंग्लैंड में रन बनाना चुनौतीपूर्ण होगा. युवाओं को कड़ी मेहनत करनी होगी. लेकिन मुझे वास्तव में लगता है कि उनमें ऐसा करने की प्रतिभा है. हो सकता है कि वो एक या दो पारियों में अच्छा न खेलें लेकिन उन्हें मानसिक रूप से मजबूत रहना होगा और आगे बढ़ना होगा."
इंग्लैंड में शुभमन गिल को भले ही एक ही टेस्ट का अनुभव है पर भारतीय पिचों पर वो इंग्लैंड के गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ 9 टेस्ट मैचों की 16 पारियों में 40.79 की औसत से खेलते रहे हैं. दो शतक, तीन अर्धशतकों समेत गिल ने अपने टेस्ट करियर के कुल 1893 रनों में से क़रीब एक तिहाई 571 रन भी बनाए हैं.
गावस्कर का गिल को सुझाव
वहीं दिग्गज़ पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने सुझाव दिया कि गिल को उदाहरण पेश करना चाहिए और उन मूल्यों और गुणों का प्रदर्शन करना चाहिए जो वह अपनी टीम में डालना चाहते हैं. गावस्कर ने खेल के प्रति गिल के समर्पण और गंभीरता की सराहना की और सेलेक्टर्स को सलाह दी कि वो गिल पर उनकी कप्तानी के शुरुआती दिनों में अनावश्यक दबाव न डालें. गावस्कर का मानना है कि गिल में लंबे समय के दौरान सफल कप्तान बनने की पूरी क्षमता है.