क्या टीम इंडिया को टेस्ट मैचों के लिए कपिल-शास्त्री-अश्विन जैसे भविष्य के अगले दो ऑलराउंडर मिल गए हैं?
टीम इंडिया इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में बदलाव के दौर से गुजर रही है. रवींद्र जडेजा करियर के अंत के करीब हैं तो वहीं रविचंद्रन अश्विन संन्यास ले चुके हैं. ऐसे में टीम को नए हरफनमौला खिलाड़ियों की तलाश है. नीतीश रेड्डी और वाशिंगटन सुंदर इस भूमिका के लिए उभरते नाम हैं. रवि शास्त्री और माइकल वॉन जैसे क्रिकेट दिग्गजों ने सुंदर की प्रतिभा की सराहना की है. ये ऑलराउंडर भविष्य में टेस्ट टीम के संतुलन और मजबूती के लिए अहम साबित हो सकते हैं.

क्रिकेट एक टीम गेम है यानी मैच में जीत हो या हार, खेलने वाले सभी 11 खिलाड़ियों का उसमें एक किरदार होता है. बल्लेबाज़ बैट से तो गेंदबाज़ गेंद से अपनी भूमिका निभाते हैं पर जो खिलाड़ी इन दोनों तरीक़ों से मैच पर असर डालते हैं वो ऑलराउंडर कहलाते हैं. साथ ही वो अगर कमाल का फ़ील्डर हो तो क्या कहने. क्रिकेट के मैदान में भारतीय टीम में भी एक-से-बढ़कर-एक ऑलराउंडर हुए हैं. कपिल देव, मोहिंदर अमरनाथ, रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, युवराज सिंह, रवि शास्त्री, मनोज प्रभाकर जैसे खिलाड़ियों ने अपने दम पर कई मैच का रुख़ मोड़ा है. अगर इन्होंने हरफ़नमौला प्रदर्शन किया तो टीम का अच्छा करना लगभग तय हो जाता है. जैसा कि सब देख ही रहे हैं कि रवींद्र जडेजा कैसे इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट सिरीज़ में जबरदस्त ऑलराउंड प्रदर्शन कर रहे हैं.
उनके नाम सात हज़ार से अधिक अंतराराष्ट्रीय रन हो चुके हैं तो क्रिकेट के तीनों अंतरराष्ट्रीय फ़ॉर्मेट को मिला लें तो उन्होंने छह सौ से अधिक विकेट लिए हैं. पहले टेस्ट में जडेजा ने 11 और नाबाद 25 रन बनाए. निचले क्रम के बल्ले से रन नहीं निकलने की आलोचना हुई. उसके बाद से लगातार चार पारियों में वो अर्धशतक जमा चुके हैं. एजबेस्टन में 89 और नाबाद 69 रन, तो लॉर्ड्स में 72 और नाबाद 61 रन उनके बल्ले से निकले हैं. इस सिरीज़ में भले ही शुभमन गिल (607 रन), ऋषभ पंत (425 रन) और केएल राहुल (375 रन) ने उनसे अधिक रन बनाए हैं, पर दोनों टीमों में रनों के औसत के मामले में वो बाकी बल्लेबाज़ों से कहीं आगे चल रहे हैं. जडेजा अब तक 109 रनों की औसत से रन बना रहे हैं.
टीम इंडिया को अदद ऑलराउंडर की तलाश
टीम इंडिया इस समय इंग्लैंड में टेस्ट सिरीज़ खेल रही है और बड़े बदलाव के दौर से गुज़र रही है. इसके कप्तान नए हैं तो कुछ एक खिलाड़ियों को छोड़कर लगभग पूरी टीम ही नई है. सितंबर के महीने में 39 साल के होने जा रहे ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन क्रिकेट के सभी फ़ॉर्मेट को अलविदा कर चुके हैं. तो ऑलराउंड प्रदर्शन कर रहे रवींद्र जडेजा भी इसी साल 37 के हो जाएंगे. जडेजा टी20 क्रिकेट से पिछले साल ही संन्यास ले चुके हैं. लिहाजा उनसे भी बहुत अधिक टेस्ट क्रिकेट खेलने की उम्मीद नहीं की जा सकती है. ऐसे में भारतीय टीम को कम से कम दो तीन अच्छे ऑलराउंडर्स की तलाश है जो लगातार अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम हों. पिछले एक साल की क्रिकेट को देखें तो भारत के दो क्रिकेटर इस समय इस किरदार में बिल्कुल फिट बैठ रहे हैं. ये हैं नीतीश कुमार रेड्डी और दूसरे हैं वाशिंगटन सुंदर.
नीतीश रेड्डी और वाशिंगटन सुंदर से उम्मीद
नीतीश रेड्डी ने इसी साल ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर पांच विकेट और 298 रन बनाकर अपनी योग्यता का बखूबी प्रदर्शन किया तो लॉर्ड्स में खेले गए पिछले मैच में भी उन्होंने अपनी छाप छोड़ी है. वहीं वाशिंगटन सुंदर ने पिछले साल न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ घरेलू सिरीज़ में बेहतरीन प्रदर्शन किया था तो अब लॉर्ड्स में पहली पारी में भी दमदार प्रदर्शन से इंग्लैंड को बैकफ़ुट पर धकेलने का काम किया. पिछले एक साल के दौरान आजमाए गए कुछ खिलाड़ियों में वाशिंगटन सुंदर और नीतीश कुमार रेड्डी का नाम ऑलराउंडर के तौर पर उभरे हैं और क्रिकेट के कई दिग्गजों ने भी इसकी वकालत की है. उनका कहना है कि इन खिलाड़ियों को भरपूर मौक़ा दिया जाना चाहिए ताकि उनमें आत्मविश्वास पैदा हो और वो टीम को जीत दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी दे सकें.
वाशिंगटन सुंदर पर क्या बोले रवि शास्त्री?
अब उसी कड़ी में चैंपियन ऑफ़ चैंपियंस का ख़िताब हासिल करने वाले पूर्व ऑलराउंडर और टीम इंडिया के कोच रह चुके रवि शास्त्री का नाम जुड़ा है, जिन्होंने वाशिंगटन सुंदर की तारीफ़ों के पुल बांधे हैं. शास्त्री ने कहा कि वाशिंगटन सुंदर टीम इंडिया के लिए बतौर ऑलराउंडर लंबे समय तक खेल सकते हैं क्योंकि उनमें अगला ऑलराउंडर बनने की सभी ज़रूरी गुण मौजूद हैं. शास्त्री ने कहा कि वाशिंगटन घरेलू मैदान पर वहां की परिस्थितियों में घातक गेंदबाज़ी करते हैं तो बैट से वो एक स्वाभाविक प्रतिभाशाली बल्लेबाज़ हैं. 'द आईसीसी रिव्यू' पर रवि शास्त्री ने ने वाशिंगटन सुंदर की बहुमुखी प्रतिभा की प्रशंसा करते हुए यह भरोसा जताया कि वो टेस्ट क्रिकेट में सफल होंगे. शास्त्री ने सुंदर के धैर्य और टेक्निकल स्किल की भी तारीफ़ की. रवि शास्त्री ने कहा, "मुझे वाशिंगटन शुरू से ही पसंद हैं. जब मैंने पहली बार उनको देखा, तभी मैंने कहा था कि ये वो आदमी है." शास्त्री टीम को एक ऑलराउंडर की तलाश की बात कर रहे थे.
माइकल वॉन, सुनील गावस्कर की प्रतिक्रिया
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में विकेटों का शतक पूरा कर चुके वाशिंगटन सुंदर ने अब तक खेले गए 11 टेस्ट मैचों में महज़ 30 विकेट लिए हैं लेकिन न्यूज़ीलैंड के साथ पिछले साल खेले गए दो टेस्ट मैचों में उन्होंने 16 विकेट चटकाए थे. तो इंग्लैंड के ख़िलाफ़ लॉर्ड्स टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने चार बल्लेबाज़ों को अपनी फिरकी से बोल्ड आउट किया तो इंग्लैंड के कई पूर्व क्रिकेटरों ने उनकी तारीफ़ की. उनमें पूर्व कप्तान माइकल वॉन भी शामिल थे, जिन्होंने वाशिंगटन सुंदर की दबाव झेलने की क्षमता और ऊपर के बैटिंग पोजिशन पर उन्हे उतारने की वकालत की. वहीं पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने वाशिंगटन सुंदर की बैटिंग की सराहना की, ख़ास तौर पर तेज़ और स्पिन, दोनों गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ उनके रन बनाने की क्षमता की ख़ास प्रशंसा की.
क्या फ़र्क़ डालेंगे ऑलराउंडर?
टीम इंडिया ने हेडिंग्ले के पहले टेस्ट में पांच शतक जमाए, बुमराह ने पांच विकेट भी चटकाए पर जब अपनी दूसरी पारी में उसने थोड़ी ढिलाई बरती और ऑलराउंडर्स के बल्ले से कुछ ख़ास नहीं निकला और फिर चौथी पारी में गेंदबाज़ों ने कुछ ख़ास नहीं किया तो इंग्लैंड जीत गया. अगर टीम के पास दो या तीन अच्छे ऑलराउंडर्स भी मौजूद होते तो संभवतः नतीजा कुछ और होता, जैसा कि हमने लॉर्ड्स टेस्ट में देखा जब पांचवें दिन जल्दी जल्दी चार विकेट गिर गए तो एक छोर से रवींद्र जडेजा इस तरह डटे कि मैच धीरे धीरे इंग्लैंड की पकड़ से बाहर जाता दिखने लगा. हालांकि मैच भारत नहीं जीत सका पर जडेजा अंत तक पिच पर डटे रहे. तो ऐसे ही ऑलराउंडर टीम इंडिया को चाहिए.