Commonwealth Games 2023 की मेजबानी कर सकता है अहमदाबाद, रोजगार-पर्यटन और खेल को मिलेगा बढ़ावा; 2036 ओलंपिक मेजबानी पर भी फोकस
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के कार्यकारी बोर्ड ने अहमदाबाद को 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स के संभावित मेजबान शहर के रूप में अनुशंसित किया है. अगर नवंबर 2025 में सदस्य देशों की मंजूरी मिलती है, तो यह भारत का दूसरा ऐसा शहर होगा जो कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी करेगा. पहली बार 2010 में नई दिल्ली ने किया था. अहमदाबाद में 72 देशों और क्षेत्रों के एथलीट हिस्सा लेंगे, जिससे रोजगार, पर्यटन और खेल से जुड़ी कई पेशेवर अवसरों को बढ़ावा मिलेगा. भारत इस आयोजन को 2036 के ओलंपिक की तैयारी के हिस्से के रूप में भी देख रहा है.

Ahmedabad CWG 2030: भारत को 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) की मेज़बानी मिलने की राह लगभग साफ़ हो गई है. कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स की कार्यकारी बोर्ड ने अहमदाबाद को 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स के प्रस्तावित होस्ट सिटी के रूप में अनुशंसित किया है. यह 24वां संस्करण इस प्रतिष्ठित खेल आयोजन के 100 साल पूरे होने का प्रतीक होगा, जिसकी शुरुआत 1930 में कनाडा के ओंटारियो से हुई थी.
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अब इस सिफारिश को 26 नवंबर 2025 को ग्लासगो में होने वाली जनरल असेंबली में औपचारिक मंज़ूरी के लिए रखा जाएगा. अगर इसे स्वीकृति मिल जाती है, तो अहमदाबाद नई दिल्ली (2010) के बाद दूसरा भारतीय शहर बन जाएगा जो कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी करेगा.
भारत का 2036 ओलंपिक विजन से जुड़ा बड़ा कदम
भारत का यह प्रयास केवल कॉमनवेल्थ गेम्स तक सीमित नहीं है, बल्कि यह 2036 ओलंपिक गेम्स की मेज़बानी के लिए उसकी दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है. भारत ने अगस्त में इस बोली को केंद्र सरकार की मंज़ूरी के बाद औपचारिक रूप से प्रस्तुत किया था. नाइजीरिया ने भी 2030 संस्करण की मेज़बानी के लिए बोली लगाई थी.
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स इवैल्यूएशन कमिटी ने दोनों देशों के प्रस्तावों की तकनीकी, बुनियादी ढांचे, एथलीट अनुभव, प्रशासनिक क्षमता और कॉमनवेल्थ के मूल्यों के अनुरूपता के आधार पर व्यापक समीक्षा की. इसके बाद अहमदाबाद को 'गेम्स रीसेट' सिद्धांतों के तहत नवाचार, समावेशिता और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सबसे उपयुक्त माना गया.
72 देशों की भागीदारी, रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा
यदि अंतिम स्वीकृति मिलती है, तो 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स में 72 राष्ट्र और क्षेत्र भाग लेंगे. इन खेलों से रोज़गार, पर्यटन और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में बड़े अवसर पैदा होने की उम्मीद है. भारत की योजना एक “समावेशी खेल महोत्सव” आयोजित करने की है, जिसमें वे मेडल इवेंट्स भी शामिल होंगे जिन्हें 2026 संस्करण से हटा दिया गया था- जैसे हॉकी, क्रिकेट, बैडमिंटन, कुश्ती, टेबल टेनिस, डाइविंग, रग्बी सेवन्स, स्क्वैश और जिमनास्टिक.
नाइजीरिया की मेजबानी महत्वाकांक्षाओं को भी मिली सराहना
कॉमनवेल्थ बोर्ड ने नाइजीरिया के प्रस्ताव की भी तारीफ की और कहा कि संगठन भविष्य में अफ्रीकी महाद्वीप पर पहली बार गेम्स आयोजित कराने की दिशा में काम करेगा. 2034 कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए नाइजीरिया को संभावित उम्मीदवार के रूप में माना जा सकता है.
पी.टी. उषा ने कहा - भारत के लिए ऐतिहासिक अवसर
कॉमनवेल्थ गेम्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की अध्यक्ष पी.टी. उषा ने कहा, “अहमदाबाद में सेंचुरी कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी भारत के लिए गर्व का पल होगा. यह न केवल भारत की विश्वस्तरीय आयोजन क्षमता दिखाएगा, बल्कि विकसित भारत 2047 की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगा. यह अवसर युवाओं को प्रेरित करेगा और कॉमनवेल्थ देशों के बीच साझेदारी को मज़बूत बनाएगा.”
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स ने भारत की सराहना की
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के अंतरिम अध्यक्ष डॉ. डोनाल्ड रुकारे ने कहा, “हम भारत और नाइजीरिया दोनों के विज़न और प्रतिबद्धता के लिए आभारी हैं. अहमदाबाद का प्रस्ताव संगठन के 100 वर्ष पूरे होने के जश्न को नई दिशा देगा. अब हमारा ध्यान ग्लासगो में होने वाली जनरल असेंबली पर है, जहां अंतिम फैसला लिया जाएगा.”
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट की सीईओ कैटी सैडलर ने कहा कि 2030 गेम्स भविष्य के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होंगे. उन्होंने कहा, “यह सिर्फ 100 साल की विरासत का जश्न नहीं, बल्कि यह दिखाने का मौका है कि कॉमनवेल्थ गेम्स कैसे समाज, खिलाड़ियों और देशों के लिए सकारात्मक प्रभाव पैदा कर सकते हैं.”