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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बांह पर काली पट्टी बांधकर क्यों खेलने उतरे भारतीय टीम के खिलाड़ी?

भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी का पहला सेमीफाइनल मैच खेला जा रहा है. रोहित शर्मा लगातार 11वीं बार टॉस हारे. ऑस्टेलिया ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया है. इस दौरान भारतीय टीम के खिलाफ ब्लैक आर्मबैंड यानी बांह पर काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरे. आखिर खिलाड़ियों ने ऐसा क्यों किया? आइए जानते हैं...

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बांह पर काली पट्टी बांधकर क्यों खेलने उतरे भारतीय टीम के खिलाड़ी?
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( Image Source:  X )

Champions Trophy India Vs Australia: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आज दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में पहला सेमीफाइनल मैच खेला जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया है. इस दौरान भारतीय टीम काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरी है. इसकी क्या वजह है, आइए जानते हैं...

दरअसल, मुंबई के पूर्व स्पिनर पद्माकर शिवलकर का सोमवार को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनके सम्मान में आज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया के खिलाड़ी अपनी बांह पर काली पट्टी बांधकर खेलने उतरे.

पद्माकर शिवलकर को घरेलू क्रिकेट के महान गेंदबाजों में गिना जाता है. उन्होंने 1961-62 से 1987-88 तक 124 प्रथम श्रेणी मैच खेले, जिसमें 19.69 की औसत से 589 विकेट लिए. रणजी ट्रॉफी में उनके नाम 361 विकेट है. इसमें 11 बार 10 विकेट लेने का कारनामा शामिल है. हालांकि, उन्हें कभी भारतीय टीम की ओर से खेलने का मौका नहीं मिला.

सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने 2017 में शिवालकर को सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया था. शिवलकर ने 22 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया. वे 48 साल की उम्र तक घरेलू क्रिकेट खेलते रहे. उन्होंने 12 लिस्ट ए मैचों में भी हिस्सा, जिसमें उन्होंने 16 विकेट चटकाए.

'मुंबई क्रिकेट ने आज एक सच्चे दिग्गज को खो दिया'

मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अजिंक्य नाइक ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि मुंबई क्रिकेट ने आज एक सच्चे दिग्गज को खो दिया है. पद्माकर शिवलकर सर का खेल में योगदान, विशेष रूप से एक महान स्पिनर के रूप में, हमेशा याद किया जाएगा.

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