पाकिस्तान का चैंपियंस ट्रॉफी में यूं ही नहीं हुआ बुरा हाल, ये हैं 5 बड़े मुजरिम
पाकिस्तान के लिए चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा. पहले स्टेडियमों के निर्माण में देरी को लेकर उसे आलोचना का सामना करना पड़ा तो वहीं अब टीम टूर्नामेंट से ही बाहर हो गई. उसे भारत और न्यूजीलैंड के हाथों लगातार हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में सवाल उठता है कि पाकिस्तान की इस हाल का जिम्मेदार कौन है? आइए, आपको टीम के 5 बड़े मुजरिमों के बारे में बताते हैं...

Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबान पाकिस्तान सेमीफाइनल की रेस से बाहर हो गया है. उसे पहले कराची में न्यूजीलैंड के हाथों 60 रनों से करारी हार का सामना करना पड़ा. उसके बाद दुबई में हाईवोल्टेज मुकाबले में उसे भारत के हाथों 6 विकेट से हार का सामना करना पड़ा. लगातार दो मैचों में हार के बाद पाकिस्तान की जमकर आलोचना रही है.
पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ियों ने अपनी टीम को खूब सुनाया है. उनका कहना है कि अब बहुत हुआ. टी-20 वर्ल्डकप के लिए टीम बनानी अभी से शुरू कर देनी चाहिए. आखिर चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान का इतना बुरा हाल क्यों हुआ? वे कौन से खिलाड़ी हैं, जो पाक के सबसे बड़े मुजरिम हैं? आइए, जानते हैं...
1- बाबर आजम
बाबर आजम की तुलना भारत के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली से की जाती रही है, लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी में उनका बल्ला खामोश रहा. वे बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे. न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने 90 गेंदों पर 64 रन जरूर बनाए, लेकिन यह पारी पाकिस्तान के काम नहीं आई. उन्हें धीमी बल्लेबाजी के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा. भारत के खिलाफ महामुकाबले में भी वे केवल 23 रन ही बना पाए.
2- मोहम्मद रिजवान
मोहम्मद रिजवान टीम के कप्तान हैं. उनके ऊपर टीम को एक साथ लेकर चलने की जिम्मेदारी है, लेकिन वे इसमें नाकाम रहे हैं. भारत के खिलाफ उनकी कप्तानी की भी काफी आलोचना की गई. बैटिंग से भी रिजवान कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके और 46 रन बनाकर आउट हो गए. वहीं, न्यूजीलैंड के खिलाफ वे 14 गेंदों में महज 3 रन बनाकर आउट हो गए. रिजवान का खराब फॉर्म भी टीम की हार का प्रमुख कारण रहा.
3- शाहीन शाह अफरीदी
टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी चैंपियंस ट्रॉफी में अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे हैं. उनसे टीम को काफी उम्मीदें थीं, जिसमें वे खरे नहीं उतरे. अफरीदी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 10 ओवर में 6.80 की इकॉनमी से 68 रन दे दिए, लेकिन कोई भी विकेट हासिल नहीं कर पाए. वहीं, भारत के खिलाफ उन्होंने 8 ओवर में 9.20 इकॉनमी से 74 रन दिए और 2 विकेट हासिल किए. अफरीदी अन्य गेंदबाजों की तुलना में काफी महंगे साबित हुए.
4- नसीम शाह
नसीम शाह भारत के खिलाफ 8 ओवर में 37 रन देने के बावजूद कोई विकेट हासिल नहीं कर पाए. वहीं, न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने 10 ओवर में 63 रन देकर 2 विकेट चटकाए. इस तरह दो मैचों में उनके नाम केवल 2 विकेट है. नसीम से पाकिस्तानी फैन्स को काफी उम्मीदें थीं. फैन्स को लग रहा था कि नसीम अपनी गेंदबाजी से टीम को विकेट दिलाने में मदद करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
5- हारिस रऊफ
हारिस रऊफ भी पाकिस्तान के प्रमुख तेज गेंदबाज हैं. उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 10 ओवर में 83 रन देकर 2 विकेट चटकाए थे, लेकिन उनका यह प्रदर्शन टीम के काम नहीं आया. भारत के खिलाफ तो रऊफ ने 7 ओवर में ही 52 रन दे दिए, लेकिन कोई विकेट हासिल नहीं कर पाए.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड खुद है सबसे बड़ा मुजरिम
बता दें कि पाकिस्तान की हार का सबसे बड़ा मुजरिम खुद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) भी है. उसने गैरी कर्स्टन और जेसन गिलेस्पी जैसे कोचों को टीम छोड़कर जाने दिया. उन्हें रोकने का भी प्रयास नहीं किया गया. खिलाड़ियों के चयन को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. स्टेडियमों का तय समय पर निर्माण न करने को लेकर भी पीसीबी की जमकर आलोचना हुई थी.
डॉट बॉल बनी सबसे बड़ी समस्या
पाकिस्तान के बल्लेबाजों को स्ट्राइक रोटेट करने में बहुत परेशानी आ रही है. भारत के खिलाफ पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने 152 डॉट बॉल खेली, जबकि न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने 162 डॉट गेंदें खेली. डॉट बॉल खेलने की वजह से टीम जल्द ही बैकफुट पर आ गई.