Vaishakh Amavasya 2025: जानें इस दिन क्यों किया जाता है पितरों का तर्पण? इन चीजों का करें दान
वैशाख अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. माना जाता है कि इससे भगवान का आशीर्वाद मिलता है. वहीं, इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने से पितृ दोष दूर होते हैं. पिंडदान के लिए भी यह दिन खास माना जाता है.

वैशाख अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख महीने की अमावस्या तिथि होती है. यह दिन धार्मिक खास होता है. इसे पवित्र स्नान, दान, पितृ तर्पण, और उपवास के लिए शुभ माना गया है. यह अमावस्या आमतौर पर अप्रैल या मई के महीने में आती है और इसका संबंध गंगा स्नान तथा अक्षय पुण्य प्राप्ति से जुड़ा होता है.
27 अप्रैल को वैशाख अमावस्या है. इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध करने की परंपरा है. ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
गंगा स्नान करना माना जाता है शुभ
वैशाख अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है. इसलिए कहा जाता है कि वैशाख अमावस्या पर गंगा स्नान करना चाहिए.
दान-पुण्य करने से होगा लाभ
वैशाख अमावस्या के दिन दान-पुण्य करने से लाभ होता है. अन्न, वस्त्र, जल पात्र, घड़ा इत्यादि का दान करने से अक्षय फल प्राप्त होता है. गरीबों को भोजन कराना विशेष रूप से शुभ माना गया है. इसलिए इस अमावस्या दान करें.
व्रत और पूजा
कुछ लोग इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु, भगवान शिव या पितृ देवताओं की पूजा करते हैं. पीपल के वृक्ष की पूजा भी इस दिन की जाती है. इसके अलावा, पीपल वृक्ष की पूजा कर के सात परिक्रमा करने से पितृ दोष दूर होता है. सूर्य देव को जल अर्पित करना जीवन में ऊर्जा और सफलता लाता है. तुलसी को जल देना और उसकी पूजा करना शुभ माना जाता है.