इंजेक्शन से डरते हैं Mahendra Singh Dhoni, पत्नी Sakshi Dhoni हेल्थ के मामले में हैं बेहद एक्टिव
जब नमिता थापर ने उनसे उनके और उनकी पत्नी साक्षी धोनी के हीमोग्लोबिन नंबरों के बारे में पूछा, तो धोनी ने स्वीकार किया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है. रेगुलर चेकअप से लक्षण सामने आने से पहले ही हेल्थ प्रॉब्लम्स का पता लगाने में मदद मिल सकती है, जिससे जल्द रोकथाम की मदद मिलती है.

अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने, बीमारियों को रोकने और संभावित स्वास्थ्य समस्याओं का जल्द पता लगाने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच आवश्यक है, खासकर महिलाओं के लिए, जो अक्सर अपने स्वास्थ्य की उपेक्षा करती हैं. क्रिकेट के दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने हाल ही में एमक्योर फार्मा की डायरेक्टर और 'शार्क टैंक इंडिया' की नमिता थापर (Namita Thapar) के साथ उनके पॉडकास्ट, 'अनकंडीशन योरसेल्फ' पर महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के बारे में बात की.
जब नमिता थापर ने उनसे उनके और उनकी पत्नी साक्षी धोनी के हीमोग्लोबिन नंबरों के बारे में पूछा, तो धोनी ने स्वीकार किया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने हेल्थ चेकअप के संबंध में उनसे ज्यादा एक्टिव होने के लिए साक्षी की तारीफ और कहा कि वह रेगुलर हेल्थ चेकअप को प्रॉयरिटी देकर आने वाली बीमारियों को कंट्रोल करती है जिससे हेल्थ में एक सुधार होता है.
साक्षी काफी एक्टिव है
धोनी ने कहा, 'मुझे सच बोलना है या अच्छा जवाब देना है? ठीक है, इसलिए मैं सटीक नंबर नहीं जानता, लेकिन मैं एक बात जानता हूं कि साक्षी अपने नंबर जानती है. वह सभी हेल्थ चेकअप और हर चीज में काफी एक्टिव रहती है. वह इस बारे में मुझसे कहीं अधिक समय-समय पर बात करती रहती है। मुझे होना चाहिए था. आप जानते हैं, वे आम तौर पर कहते हैं कि एक बार जब आप 40 पार कर जाएं, तो आपको रेगुलर चेकअप करना चाहिए. लेकिन मैंने इस फैक्ट को छुपाने की फ्रीडम ली है कि, 'ओह, शायद मैं एक एथलीट हूं, मुझे यह सब करने की ज़रूरत नहीं है.'
सुइयों से डरते हैं धोनी
उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन मुझे इसमें शामिल होने की जरूरत है. मेरी सबसे बड़ी समस्याओं में से एक यह है कि मुझे सुइयों से डर लगता है... इसलिए जब तक यह बिल्कुल जरुरी न हो, मैं इसे हेल्थ चेकअप नहीं कराता; मैं इसमें देरी करने की कोशिश करता हूं.' धोनी ने कहा कि जहां उनकी पत्नी हर 6 महीने में अपना हेल्थ चेकअप कराती है वहीं घर में उनके पिता हर तीन महीने में.
क्या कहते है एक्सपर्ट्स
रेगुलर चेकअप से लक्षण सामने आने से पहले ही हेल्थ प्रॉब्लम्स का पता लगाने में मदद मिल सकती है, जिससे जल्द रोकथाम की मदद मिलती है. इससे ट्रीटमेंट के परिणामों में काफी सुधार हो सकता है और कॉम्प्लीकेशन्स के रिस्क को कम किया जा सकता है.