किसने लिखा था दुनिया का पहला Love Letter? कहानी जान दिल आएगा भर
एक जमाना था जब प्यार का इजहार करने के लिए खत का सहारा लिया जाता था. खत के जरिए अपनी मन की बात कही जाती थी. हालांकि, अब जमाना बदल गया है और अब मैसेज और कॉल के जरिए प्यार बयां किया जाता है.

प्यार क्या है? इस सवाल के अनगिनत जवाब हैं. कोई कहता है प्यार में इजहार जरूरी है, तो दूसरी ओर कहा गया.. मजा क्या रहा जब के खुद कर दिया हो, मोहब्बत का इजहार अपनी जुबां से. प्यार का इजहार करने के लिए एक दौर था जब खत लिखे जाते थे. आज तो लेटर की जगह मैसेज ने ले ली है, लेकिन खत लिखना, फिर भेजना, इसके बाद सामने वाला तक पहुंचने के बाद जवाब पाने का इंतजार ही अलग होता था.
इतना ही नहीं लव लेटर पर कई गाने भी बन चुके हैं. इनमें जगजीत सिंह की गजल सबसे पहले याद आती है, जिसमें वह कहते हैं 'प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है', लेकिन क्या आपने सोचा है कि पहली बार खत किसने लिखा था? इतना ही नहीं, यह लेटर लिखा किसे गया था? चलिए जानते हैं दुनिया के पहले खत लिखने की कहानी के बारे में.
रुक्मणी ने लिखा था पहला लेटर
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के पहले खत की कहानी भारत से जुड़ी हुई है. पहली बार हजारों साल पहले रुक्मणी ने कृष्ण को एक पत्र लिखा था. यह खत उन्होंने अपनी सखी सुनंदा के हाथों भिजवाया था. ऐसा कहा जाता है कि श्री वेद व्यास ने श्रीमद्भागवत के स्कन्ध 10, अध्याय 52 में सात सुन्दर श्लोकों में इसे लिखा है.
क्या है लेटर लिखने की कहानी?
रुक्मिणी देवी विदर्भ की राजकुमारी थीं. वह बुद्धिमत्ता, असाधारण सुंदरता, शुभता से संपन्न थीं. जब से उन्हें श्री कृष्ण के दिव्य गुणों और वीरता के बारे में पता चला, तब से वे उनसे प्रेम करने लगीं और उनसे शादी करना चाहती थीं, लेकिन उनके भाई रुक्मी कुछ और ही चाहते थे. रुक्मी ने अपने मित्र शिशुपाल से अपनी बहन का विवाह तय कर दिया था. इस कारण से रुक्मिणी ने श्री कृष्ण को खत लिखा था.