अगर आप भी खाते हैं ब्रेड तो आपको कैंसर! हो जाएं सावधान- एक्सपर्ट ने किया ये दावा
व्हाइट ब्रेड कभी-कभी खाने में बुरा नहीं, लेकिन इसे रोज़मर्रा की डाइट में शामिल करना एक धीमा ज़हर साबित हो सकता है, क्योंकि ब्रेड खाने से कैंसर हो सकता है. हाल ही में एक एक्सपर्ट ने यह दावा किया है कि व्हाइट ब्रेड हेल्थ के लिए खराब है.
यह कहना गलत नहीं होगा कि आजकल ज्यादातर लोग नाश्ते में व्हाइट ब्रेड खाते हैं. इतना ही नहीं, अलग-अलग फास्ट फूड भी ब्रेड से बनते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपकी सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकती है? हाल के सालों में हुई कुछ रिसर्च के अनुसार, अधिक मात्रा में व्हाइट ब्रेड का सेवन कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जुड़ा हो सकता है.
हाल ही में शुभांकर मिश्रा के पॉडकास्ट में डॉ तरंग कृष्ण ने भी यही बात बताई थी. चलिए जानते हैं कैसे यह कैंसर का कारण बन सकती है.
ब्रेड खाने से कैसे होता है कैंसर?
ब्रेड में एक्रिलामाइड जैसे ऐसे तत्व हो सकते हैं, जो कैंसर पैदा करने की संभावना रखते हैं और लोग बड़ी संख्या में ब्रेड खाते हैं. व्हाइट ब्रेड का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) बहुत ज़्यादा होता है, जिससे शरीर में इंसुलिन का लेवल अचानक बढ़ जाता है. कई साइंटिस्ट स्टजी में यह बात सामने आई है कि बार-बार बढ़ता इंसुलिन लेवल कुछ टाइफ के कैंसर जैसे ब्रेस्ट कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर के डेवलेपमेंट में रोल निभा सकता है.
व्हाइट ब्रेड में पोषण की कमी
व्हाइट ब्रेड को बनाने के लिए गेहूं से फाइबर, विटामिन और मिनरल्स को हटाकर सिर्फ स्टार्च बचा लिया जाता है. यह प्रोसेसिंग इसे सॉफ्ट और टेस्टी तो बनाती है, लेकिन इसमें मौजूद न्यूट्रियंट्स लगभग खत्म हो जाते हैं. ऐसे कार्बोहाइड्रेट्स शरीर में जाकर तेजी से ब्लड शुगर लेवल बढ़ाते हैं, जो लंबे समय में डायबिटीज, मोटापा और अन्य मेटाबॉलिक बीमारियों की वजह बनते हैं, जो खुद कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं.
प्रोसेस्ड फूड्स और कैंसर रिस्क
व्हाइट ब्रेड एक प्रोसेस्ड फूड है. प्रोसेस्ड फूड्स में अक्सर प्रिज़रवेटिव्स, एडिटिव्स और रिफाइंड शुगर होते हैं जो शरीर की सेल्स पर नेगेटिव असर डालते हैं. कुछ रिसर्च में यह भी संकेत मिला है कि ऐसे फूड्स के अधिक सेवन से सेल्स में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है.





