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पुरुष भी हो सकते हैं प्रेग्नेंट! जानें क्या है इसके पीछे का साइंस और मिथक

प्रेग्नेंसी को हमेशा महिलाओं से जोड़ा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पुरुष भी प्रेग्नेंट हो सकते हैं? यह सुनकर भले ही अजीब लगे, लेकिन मेडिकल साइंस और कुछ दुर्लभ केस स्टडीज़ ने इस धारणा को चुनौती दी है. कहीं ये सिर्फ मिथक है या इसके पीछे सच भी छिपा है? आइए जानते हैं पुरुष प्रेग्नेंसी से जुड़े साइंस और रहस्यों के बारे में.

पुरुष भी हो सकते हैं प्रेग्नेंट! जानें क्या है इसके पीछे का साइंस और मिथक
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( Image Source:  Canva )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 21 Sept 2025 5:24 PM IST

मेडिकल साइंस की दुनिया में कुछ ऐसे मामले सामने आते हैं जिन्हें देखकर डॉक्टर भी हैरान रह जाते हैं. ऐसा ही एक केस नागपुर के संजू भगत का है, जिन्हें लोग मजाक में "प्रेग्नेंट मैन" कहकर बुलाते थे. वजह थी उनका असामान्य रूप से बड़ा पेट, जो बिल्कुल गर्भवती महिला की तरह दिखता था.

लेकिन इसके पीछे की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं थी. असल में संजू एक बेहद दुर्लभ मेडिकल कंडीशन Fetus in Fetu (FIF) से पीड़ित थे. चलिए जानते हैं क्या है ये बीमारी.

आखिर क्या है Fetus in Fetu?

Fetus in Fetu एक बेहद दुर्लभ मेडिकल कंडीशन है, जिसमें किसी इंसान के शरीर के अंदर उसका जुड़वां भ्रूण फंस जाता है. आसान भाषा में कहें तो जब मां के गर्भ में जुड़वां बच्चे पल रहे होते हैं, तो कभी-कभी एक भ्रूण ठीक से विकसित नहीं हो पाता और दूसरे भ्रूण के शरीर में समा जाता है. ये भ्रूण बढ़ता तो है, लेकिन कभी पूर्ण रूप से इंसान नहीं बन पाता. डॉक्टरी भाषा में ये एक तरह की "डिवेलपमेंट एरर" है. दुनिया में अब तक ऐसे केवल कुछ सौ केस ही दर्ज किए गए हैं.

क्यों होती है ये स्थिति?

वैज्ञानिकों का मानना है कि ये समस्या भ्रूण के शुरुआती विकास के दौरान होती है. जब जुड़वां बच्चे एक ही थैली में पल रहे हों और उनमें से एक सही तरीके से विकसित न हो पाए, तो वो दूसरे भ्रूण के शरीर में समा जाता है. ये भ्रूण जिंदा तो नहीं होता, लेकिन शरीर के अंदर कई सालों तक मौजूद रह सकता है.

इलाज और खतरे

Fetus in Fetu का कोई घरेलू इलाज संभव नहीं है. जब तक डॉक्टर सर्जरी करके उस भ्रूण को शरीर से बाहर न निकालें, तब तक मरीज को पेट दर्द, सांस लेने में दिक्कत या अंगों पर दबाव जैसी परेशानियां हो सकती हैं. सर्जरी के बाद ज्यादातर लोग सामान्य जिंदगी जी पाते हैं.

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