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चीन की PL-15E मिसाइल के मलबे में क्‍यों है अमेरिका, जापान और फ्रांस की दिलचस्‍पी? भारत से बार-बार कर रहे ये रिक्‍वेस्‍ट

भारत को चीन की अत्याधुनिक PL-15E एयर-टू-एयर मिसाइल के टुकड़े मिले हैं, जिसे पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान JF-17 से दागा था. भारतीय वायुसेना ने मिसाइल को हवा में निष्क्रिय कर दिया और उसका मलबा बरामद कर लिया. अब फ्रांस, जापान और फाइव आईज देश इस तकनीक को समझने में रुचि दिखा रहे हैं. मिसाइल की रडार, गाइडेंस और इंजन तकनीक से चीन की बड़ी सैन्य रणनीति उजागर हो सकती है, जिससे भारत को सामरिक बढ़त मिल सकती है.

चीन की PL-15E मिसाइल के मलबे में क्‍यों है अमेरिका, जापान और फ्रांस की दिलचस्‍पी? भारत से बार-बार कर रहे ये रिक्‍वेस्‍ट
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प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 23 May 2025 8:58 AM

भारत की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) में कामयाबी सिर्फ दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त करने तक सीमित नहीं रही. 9 मई, 2025, यह तारीख इतिहास में दर्ज हो चुकी है. पंजाब के एक खेत से मिले मलबे ने न सिर्फ भारत की वायुसेना (Indian Air Force) को युद्ध में बढ़त दी, बल्कि चीन की सबसे गुप्त और घातक मिसाइल PL-15E का राज खोल दिया.

पाकिस्तान द्वारा भारत पर दागी गई इस एयर-टू-एयर मिसाइल (Air to Air Missile) को भारत की इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर यूनिट ने हवा में ही निष्क्रिय कर दिया. लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती. मिसाइल के बचे हुए टुकड़े अब भारत के पास हैं, और यहीं से शुरू होता है एक नया अंतरराष्ट्रीय सामरिक रोमांच. कहते हैं ना कि मरा हुआ हाथी भी सवा लाख का होता है. यह कहावत इन दिनों इस चाइनीज मिसाइल पर बिल्‍कुल फिट बैठ रही है.

फ्रांस और जापान जैसे तकनीकी दिग्गज देश अब भारत से PL-15E के टुकड़ों की जांच की इजाजत मांग रहे हैं. फाइव आईज गठबंधन - अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड - भी चीन की इस ‘अजेय’ बताई जाने वाली मिसाइल की असलियत को जानना चाहता है. वजह साफ है, PL-15E की संरचना, गाइडेंस सिस्टम, इंजन और AESA रडार जैसी उन्नत तकनीक अगर भारत के जरिये उजागर हो जाती है, तो चीन की सालों की मेहनत और अरबों डॉलर का निवेश मिट्टी में मिल सकता है.

तो सवाल उठता है कि आखिर इस मिसाइल में ऐसा क्या खास है कि इसका टूटा हुआ हिस्सा भी रक्षा जगत में एक खुफिया खजाने की तरह देखा जा रहा है? आइए समझते हैं...

क्या है PL-15E मिसाइल?

PL-15E चीन की सबसे एडवांस एयर-टू-एयर मिसाइल है. यह Beyond Visual Range (BVR) कैटेगरी की मिसाइल है, यानी ये उस दुश्मन विमान को भी गिरा सकती है जो आंखों से दिख भी नहीं रहा. यह अमेरिका की AIM-120D और यूरोप की Meteor मिसाइल को टक्कर देने के लिए बनाई गई है.

PL-15E को क्यों माना जा रहा है गेमचेंजर?

  1. PL-15E की मारक क्षमता 200–300 किमी तक बताई जा रही है. यानी चीन का फाइटर जेट दुश्मन के विमान को उससे पहले ही तबाह कर सकता है, जब वो पलटकर हमला करने की सोच भी रहा हो.
  2. इसमें Active Electronically Scanned Array (AESA) तकनीक वाला रडार लगा है. यह इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग से बचता है और स्टेल्थ विमानों को भी पकड़ सकता है जो इसे ज्यादा सटीक और होशियार ट्रैकिंग देता है.
  3. PL-15E में dual-pulse motor है जो लंबी दूरी तक हाई स्पीड बनाए रखती है. यह Mach 4 (ध्वनि की गति से 4 गुना) से ज्यादा की रफ्तार पकड़ सकती है जिससे दुश्मन के बच निकलने की संभावना बेहद कम हो जाती है.
  4. माना जाता है कि यह मिसाइल AI आधारित टारगेटिंग एल्गोरिद्म से लैस है. यानी यह एक साथ कई लक्ष्यों को लॉक कर सकती है और खुद तय कर सकती है किसे पहले गिराना है.
  5. यह मिसाइल चीन के स्टेल्थ फाइटर J-20 के लिए डिज़ाइन की गई है. यानी दुश्मन को जेट दिखेगा नहीं, मिसाइल पहले ही दाग दी जाएगी. यह कॉम्बिनेशन भारत के Su-30MKI और Rafale विमानों के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है.

तो पूरी दुनिया PL-15E के मलबे में इतनी दिलचस्पी क्यों ले रही है?

  • टेक्नोलॉजी को समझने और रिवर्स इंजीनियरिंग के लिए : मलबे से पता चलेगा कि मिसाइल का रडार किस फ्रीक्वेंसी पर काम करता है, इसमें कौन-सी गाइडेंस प्रणाली है, सर्किट बोर्ड और AI सिस्टम कैसा है. इससे चीन की सैन्य R&D का स्तर समझा जा सकता है.
  • काउंटर सिस्टम बनाने के लिए : PL-15E को हराने के लिए जैमिंग डिवाइसेज़, डिकॉय फ्लेयर्स और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम विकसित किए जा सकते हैं.
  • भविष्य की वायु रणनीति तय करने में मदद : इससे यह समझ आएगा कि चीन युद्ध में मिसाइलों का कैसे उपयोग करता है, कौन-से हथियार सबसे खतरनाक हैं, किस तरह के फॉर्मेशन को चीन टारगेट करता है.

यह दुनिया में पहली बार है जब PL-15E मिसाइल का मलबा किसी देश के हाथ लगा है.

भारत अब इसका उपयोग कर सकता है...

  • अपने मित्र देशों (जैसे अमेरिका, फ्रांस) के साथ तकनीकी साझेदारी में
  • अपनी मिसाइलों – Astra Mk-2, Mk-3 – को अपग्रेड करने में
  • चीन और पाकिस्तान की रक्षा साझेदारी को एक्सपोज़ करने में

एक मलबा, सौ सवाल

PL-15E सिर्फ एक मिसाइल नहीं, बल्कि चीन की हवाई रणनीति की रीढ़ है. और अब भारत के पास इस रीढ़ का हिस्सा है. इस मलबे से निकली जानकारी भारत को अगली पीढ़ी की मिसाइल टेक्नोलॉजी और रणनीति में चीन से आगे ले जा सकती है. यह आधुनिक युद्ध के ‘ब्रेन वारफेयर’ का वो मोर्चा है, जहां जानकारी ही हथियार है.

डिफेंस न्‍यूजऑपरेशन सिंदूर
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