कौन हैं Shehla Rashid? जिसने इंडियन आर्मी के खिलाफ उगली थी आग, अब देशद्रोह केस से मिली राहत
Shehla Rashid के इंडियन आर्मी के खिलाफ दिए गए बयान के बाद दिल्ली होम डिपार्टमेंट ने दावा किया था कि भारतीय सेना के खिलाफ झूठे आरोप एक गंभीर मुद्दा है और उनकी टिप्पणी के लिए उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए. अब इस मामले में शेहला को दिल्ली अदालत से राहत मिल गई है.

शेहला राशिद के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. जहां उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर भारतीय सेना पर आरोप लगाए थे. अपनी पोस्ट में शेहला ने कहा कि 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद राज्य में तालाबंदी के बाद वे जम्मू-कश्मीर में स्थानीय लोगों के घरों में कथित रूप से घुस रहे हैं.
अब इस मामले में दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली पुलिस को देशद्रोह का मामला वापस लेने की अनुमति दे दी है. पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुज कुमार ने 27 फरवरी को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की अर्जी मंजूर कर ली. चलिए ऐसे में जानते हैं आखिर कौन हैं शेहला राशिद?
कौन हैं शेहला राशिद
शेहला राशिद शोरा जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पी.एच.डी कर चुकी हैं. वह 2015-16 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ की उपाध्यक्ष थी और अखिल भारतीय छात्र संघ की सदस्या थी. शेहला कुछ समय के लिए 17 मार्च 2019 को शाह फैसल द्वारा स्थापित जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट राजनीतिक दल में शामिल का हिस्सा थीं.
ये भी पढ़ें :तेलंगाना सुरंग में फंसे 8 मजदूरों की मिली डेड बॉडी, तेलंगाना मंत्री ने दिया अपडेट
सेना ने किया था दावों का खंडन
शेहला के 370 हटने के बाद सेना के घर में घुसने वाले दावे को इंडियन आर्मी ने निराधार और नॉन वैरिफाइड बताते हुए इनका पुरजोर खंडन किया था. उस समय दिल्ली के उपराज्यपाल ने कहा था कि रशीद के पोस्ट का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में धार्मिक मतभेद पैदा करना था.
इन आंदोलन का किया नेतृत्व
शेहला राशिद फरवरी 2016 के घटना के बाद कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अन्य की रिहाई के लिए छात्र आंदोलन का नेतृत्व के दौरान बड़ा चेहरा बन गई. नॉन-नेट फेलोशिप को वापस लेने के विरोध में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन हेडक्वार्टर में ऑक्यूपाई यू.जी.सी. मूवमेंट' को ऑर्गेनाइज करने में लीड रोल प्ले किया था. शेहला ने ग्रेजुएट स्टूडेंट के लिए स्टाइपेंड को बढ़ाने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स तक विरोध मार्च निकाला था.
शेहला के भड़काऊ बयान
16 फरवरी 2019 को शेहला ने एक ट्वीट पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने कहा कि कश्मीरी लड़कियों के एक समूह को उनके निष्कासन की मांग करने वाली भीड़ द्वारा देहरादून के एक छात्रावास में फंसा रखा गया है. बाद में उत्तराखंड पुलिस ने सार्वजनिक शांति भंग करने और अफवाहें फैलाकर शांति भंग करने के इरादे से उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
शेहला के बदलते सुर
हालांकि, अब शेहला के सुर बदल गए हैं. उन्होंने यू टर्न ले लिया है, क्योंकि पिछले कुछ समय से शेहला बीजेपी के पक्ष में बोलने लगी थी. शेहला पीएम मोदी की जमकर तारीफ कर चुकी हैं. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 370 आर्टिकल हटने के चलते काफी बदलाव आया है.