कौन हैं हरप्रीत कौर बबला जो होंगी चंडीगढ़ की नई मेयर?
हरप्रीत कौर बबला चंडीगढ़ की नई मेयर चुनी जा चुकी हैं. उन्होंने केवल 2 वोट से यह जीत हासिल की. हरप्रीत दो बार पार्षद भी रह चुकी हैं. साथ ही, उन्होंने पहले कांग्रेस पार्टी से राजनीति में कदम रखा था, लेकिन फिर बीजेपी का हाथ थाम लिया.

भारतीय जनता पार्टी की हरप्रीत कौर बबला को 2025 में चंडीगढ़ का नया मेयर चुना गया है. उन्होंने 36 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में आम आदमी पार्टी-कांग्रेस की उम्मीदवार 46 प्रेम लता को दो वोटों के मामूली अंतर से हराया. वार्ड नंबर 10 की पार्षद हरप्रीत को 19 वोट मिले, जबकि वार्ड नंबर 23 की पार्षद प्रेम लता को 17 वोट मिले.
सदन में 35 सदस्य हैं, लेकिन चंडीगढ़ से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी एक्स ऑफिशियो वोट का राइट है. ऐसे में क्रॉस वोटिंग हुई है, क्योंकि 35 सदस्यीय नगर निगम सदन में इंडिया ब्लॉक के पास 20 वोट थे . इसमें आप के 13, कांग्रेस के छह और सांसद तिवारी के मतपत्र. हाल ही में तीन बार कांग्रेस पार्षद रहे गुरबक्श रावत के भाजपा में शामिल होने के बाद भाजपा के पास 16 सदस्य हैं. किसी भी पार्टी को अपना मेयर बनाने के लिए 19 वोटों की जरूरत होती है, जो बबला को मिल गए. चलिए जानते हैं कौन है हरप्रीत कौर बबला?
हरप्रीत कौर बबला की पर्सनल लाइफ
हरप्रीत कौर बबला चंडीगढ़ के सेक्टर 27 की निवासी हैं. वह पूर्व पार्षद देविंदर सिंह बबला की पत्नी हैं. उनके पिता रिटायर आर्मी कर्नल रह चुके हैं. हरप्रीत के दो बेटे हैं. युद्धवीर सिंह बबला ट्राइसिटी में रियल एस्टेट के कारोबार में हैं और परमवीर सिंह बबला चंडीगढ़ क्लब के सबसे युवा कार्यकारी सदस्य हैं.
कितनी पढ़ी-लिखी हैं हरप्रीत?
हरप्रीत कौर बबला देहरादून के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी से पढ़ी हैं. उनके पास हिस्ट्री में बीए (ऑनर्स) और अंग्रेजी में एमए की डिग्री है. वह दो बार नगर निगम पार्षद चुनी जा चुकी हैं.
हरप्रीत का राजनीतिक सफर
हरप्रीत कौर बबला ने कांग्रेस पार्टी से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था. लेकिन 2021 में फिर से चुनाव जीतने के बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया.
क्या करते हैं देविंदर सिंह बबला?
देविंदर भाजपा की चंडीगढ़ इकाई के उपाध्यक्ष हैं. वह दो बार पार्षद रह चुके हैं और नगर निगम में विपक्ष के नेता रह चुके हैं. वह चंडीगढ़ की मार्केट कमेटी के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
हरप्रीत कौर बबला का लक्ष्य
हरप्रीत कौर बाबला ने अपना लक्ष्य बताते हुए कहा कि वह नगर निगम को वित्तीय रूप से पटरी पर लाएंगी. एक बार जब इसका वित्तीय संकट हल हो जाएगा, तो सब कुछ ठीक हो जाएगा. इतना ही नहीं, उन्होंने आप मेयर पर हमला करते हुए कहा कि सभी ने देखा है कि आप मेयर का कार्यकाल कितना असफल रहा. अपने कार्यकाल के अंतिम दो महीनों में उन्हें एहसास हुआ कि नगर निगम वित्तीय संकट का सामना कर रहा है.