रतन टाटा की वसीयत में किसे कितनी मिली संपत्ति? जिगरी दोस्त शांतनु और भाई को दिया खास तोहफा
रतन टाटा की वसीयत में चैरिटी को प्राथमिकता दी गई है. उन्होंने अपनी 3,800 करोड़ रुपये की संपत्ति रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन को दान कर दी. बहनों, दोस्त, पालतू जानवरों, नौकरों और सहयोगियों का भी ध्यान रखा गया. जुहू और अलीबाग की प्रॉपर्टी, बैंक एफडी, घड़ियां, पेंटिंग्स और शेयर भी बांटे गए. हाईकोर्ट में वसीयत की मान्यता के लिए अर्जी दी गई है.

रतन टाटा की वसीयत को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. उन्होंने अपनी अधिकतर संपत्ति दान और परोपकार के लिए छोड़ दी. उनकी कुल संपत्ति करीब 3,800 करोड़ रुपये आंकी गई है, जिसे रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन और टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट को दिया गया है. इसके अलावा, उन्होंने अपने परिवार, करीबी दोस्तों, नौकरों और पालतू जानवरों का भी ध्यान रखा है.
रतन टाटा ने अपनी दो सौतेली बहनों, शिरीन जेजेभोय और डीना जेजेभोय को अपनी संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा दिया है. इसमें बैंक में जमा रकम, निवेश, महंगी घड़ियां और पेंटिंग्स शामिल हैं. दूसरा एक तिहाई हिस्सा उन्होंने मोहिनी एम दत्ता को दिया, जो टाटा ग्रुप की पूर्व कर्मचारी थीं और उनके बेहद करीब थीं.
भाई को दिया बंगले का आधा हिस्सा
उनके भाई जिमी नवल टाटा को जुहू स्थित बंगले का आधा हिस्सा दिया गया है, जो उन्हें पिता नवल एच. टाटा से विरासत में मिला था. बाकी का आधा हिस्सा सिमोन टाटा और नोएल टाटा को मिलेगा. वहीं, मेहली मिस्त्री, जो रतन टाटा के करीबी दोस्त थे, उन्हें अलीबाग स्थित बंगला और तीन लाइसेंसी बंदूकें दी गई हैं.
शांतनु नायडू को क्या मिला?
रतन टाटा ने अपने पालतू जानवरों के लिए भी खास प्रबंध किया है. उन्होंने 12 लाख रुपये का एक फंड बनाया है, जिससे उनके पालतू जानवरों का खर्चा निकाला जाएगा. इसके अलावा, उनके करीबी सहयोगी शांतनु नायडू का स्टूडेंट लोन माफ कर दिया गया है. उनके एक पड़ोसी जेक मालिटे को भी एमबीए की पढ़ाई के लिए 23 लाख रुपये दिए गए हैं.
कब मिलेगी कानूनन मान्यता?
रतन टाटा की वसीयत को लेकर अब बॉम्बे हाईकोर्ट में एक अर्जी दी गई है, ताकि इसे कानूनी रूप से मान्यता मिल सके. वसीयत को लागू करने की प्रक्रिया में करीब छह महीने लग सकते हैं. इस प्रक्रिया के बाद ही संपत्ति का आधिकारिक रूप से वितरण किया जाएगा.
शेयर का वसीयत में नहीं है जिक्र
आखिरी कोडिसिल में बताया गया कि रतन टाटा ने विभिन्न कंपनियों के शेयर खरीदे थे, जिनमें लिस्टेड और नॉन लिस्टेड दोनों प्रकार की कंपनियां शामिल हैं. इसके अलावा, उनकी कुछ संपत्तियां ऐसी थीं जिनका जिक्र वसीयत में नहीं किया गया था. इन सभी संपत्तियों को रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन और रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट के बीच समान रूप से वितरित किया जाएगा.
सिंगापुर की कंपनी को भी मिली संपत्ति
इसके अलावा, सेशेल्स में स्थित उनकी एक संपत्ति को आरएनटी एसोसिएट्स सिंगापुर को दिया गया है. उन्होंने अपनी वसीयत में यह भी सुनिश्चित किया कि आर वेंकटरमन और पैट्रिक मैकगोल्ड्रिक के हित संरक्षित रहें. उनकी वसीयत में पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक सेवा की झलक साफ दिखाई देती है.