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ISS से सुंदर दिखता है भारत, बुच विलमोर को भी घुमाने ले जाएंगे; 286 दिन फंसे रहने पर क्या बोलीं सुनीता विलियम्स?

भारतीय मूल की नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष से भारत को "अद्भुत" और "महान लोकतंत्र" बताया. उन्होंने हिमालय और भारतीय परिदृश्य को अविश्वसनीय बताया. 286 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने के बाद, वह स्पेसएक्स ड्रैगन के जरिए पृथ्वी पर लौटीं. वे नासा के आगामी एक्सिओम मिशन में भी उत्साहित हैं, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्री सुभांशु शुक्ला शामिल होंगे.

ISS से सुंदर दिखता है भारत, बुच विलमोर को भी घुमाने ले जाएंगे; 286 दिन फंसे रहने पर क्या बोलीं सुनीता विलियम्स?
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 1 April 2025 8:10 AM IST

जब कोई अंतरिक्ष से धरती की ओर देखता है, तो उसे सिर्फ एक नीला-हरा ग्रह दिखता है. लेकिन जब भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने भारत को अंतरिक्ष से देखा, तो उन्होंने इसे 'अद्भुत और अविश्वसनीय' बताया. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से उन्होंने हिमालय के ऊपर से गुजरते हुए भारत की भव्यता को महसूस किया.

जब उनसे पूछा गया कि भारत अंतरिक्ष से कैसा दिखता है, तो उन्होंने भावुक होकर कहा, "यह शानदार है! हर बार जब हम हिमालय के ऊपर से गुजरे, तो मेरा दिल खुशी से भर गया. मेरे साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर ने अविश्वसनीय तस्वीरें खींची. यह बस अद्भुत था!"

रोशनी से भरा भारत

सुनीता के मुताबिक, जब भारत के पश्चिमी भाग में प्रवेश किया जाता है, तो समुद्र तट के पास मछली पकड़ने वाले बेड़े नजर आते हैं. यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक संकेत होता है कि भारत आ चुका है. वहीं, रात में जब भारत को देखा जाता है, तो बड़े शहरों से लेकर छोटे गांवों तक फैली रोशनी की लड़ी बहुत खूबसूरत लगती है

भारतीय अंतरिक्ष मिशन में देंगी योगदान

सुनीता सिर्फ भारत को देखने तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि वह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में भी योगदान देना चाहती हैं. उन्होंने इसरो के आगामी अंतरिक्ष मिशन को लेकर खुशी जताई, जिसमें भारतीय वायुसेना के पायलट सुभांशु शुक्ला शामिल होंगे. सुनीता ने कहा, "भारत अब अंतरिक्ष में अपनी जगह बना रहा है, और मैं इस मिशन में भारत की मदद करने के लिए पूरी तरह तैयार हूं."

क्या सुनीता भारत आएंगी?

सुनीता, जिनके माता-पिता भारत में जन्मे थे, अपने 'पिता के देश' भारत आने की योजना बना रही हैं. उनके सह-यात्री बुच विलमोर ने मजाक में पूछा कि क्या वह उन्हें भी अपने साथ भारत ले जाएंगी. इस पर सुनीता ने हंसते हुए कहा, "बिलकुल! लेकिन आपको थोड़ी मसालेदार खाने की आदत डालनी होगी."

अंतरिक्ष में 286 दिन: चुनौती या अवसर?

बोइंग स्टारलाइनर मिशन के दौरान तकनीकी खराबी के कारण सुनीता और उनके साथी 286 दिन तक अंतरिक्ष में फंसे रहे. हालांकि, उन्होंने इसे एक चुनौती की बजाय अवसर के रूप में देखा. उन्होंने कहा, "हमने सोचा कि अगर यह हमारी नियति थी, तो हमें इसे पूरी तरह से जीना चाहिए."

अंतरिक्ष से 19 मार्च को वापसी

स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल की मदद से आखिरकार 19 मार्च को सुनीता और उनके साथी सुरक्षित पृथ्वी पर लौट आए. उनके मुताबिक, यह मिशन उनके लिए एक सीख थी कि अंतरिक्ष यात्रा कभी भी तयशुदा नहीं होती और यात्रियों को हमेशा अचानक बदलने वाली परिस्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए. सुनीता विलियम्स का यह अनुभव न सिर्फ भारत के लिए गर्व की बात है, बल्कि हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा भी है.

पूरा इंटरव्यू यहां देखें

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