One Nation One Election Bill का 269 सांसदों ने किया समर्थन, 198 ने विरोध; देखें पूरी लिस्ट
One Nation One Bill 2024: वन नेशन वन इलेक्शन बिल को आज लोकसभा में पेश किया गया. केंद्रीय विधि व न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल पेश किया. बिल का 269 सांसदों ने समर्थन, जबकि 198 सांसदों ने विरोध किया है. आइए आपको बताते हैं कि बिल का किन दलों ने विरोध किया है और किन दलों ने समर्थन किया है.

One Nation One Election Bill 2024: केंद्रीय विधि व न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 17 दिसंबर को लोकसभा में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया. मेघवाल ने संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और संघ राज्य क्षेत्र कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को सदन के सामने रखा. इस बिल को लाने का मकसद देश में एक साथ लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव कराना है, ताकि चुनाव में होने वाले खर्च को कम किया जा सके.
वन नेशन वन इलेक्शन बिल को लेकर देश में बड़े पैमाने पर राजनीतिक बहस छिड़ी हुई है. कई दलों ने बिल का समर्थन किया है तो वहीं कुछ दलों ने इसका विरोध किया है. इस बिल पर 47 दलों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें 32 दलों ने समर्थन किया है, जबकि 15 दलों ने इस पर चिंता जताई है.
बिल का 269 सांसदों ने किया समर्थन
लोकसभा में 'वन नेशन वन इलेक्शन' बिल का 269 सांसदों ने समर्थन, जबकि 198 सांसदों ने विरोध किया है. बिल पर दो बार वोटिंग हुई थी.
किन दलों ने One Nation One Election Bill का किया समर्थन?
जिन दलों ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल का समर्थन किया है, उनमें बीजेपी, जनता दल यूनाइटेड, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), बहुजन समाज पार्टी, टीडीपी (तेलुगू देशम पार्टी), वाईएसआर कांग्रेस, शिवसेना, एनसीपी और असम गण परिषद समेत अन्य पार्टियां शामिल हैं.
किन दलों ने One Nation One Election Bill का किया विरोध?
जिन दिलों ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल का विरोध किया है, उसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, एनसीपी (एससीपी), शिवसेना (यूबीटी), AIMIM, राष्ट्रीय जनता दल (RJD), आम आदमी पार्टी (AAP), DMK, PDP, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) समेत अन्य दल शामिल हैं.
'बिल संघीय ढांचे पर चोट है'
बिल का विरोध करते हुए कांग्रेस ने कहा कि यह बिल संघीय ढांचे पर चोट है. मोदी सरकार तानाशाही की ओर बढ़ रही है. यह बिल संविधान के खिलाफ है. वहीं, अर्जुन ऱाम मेघवाल ने कहा कि संविधान के मूलभूत ढांचे से कोई छेड़छाड़ नहीं की जा रही है. यह बिल संविधान के खिलाफ नहीं है.
'बिल का मकसद संविधान को बदलना है'
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि बिल का मकसद संविधान को बदलना है, जो आरएसएस का दीर्घकालिक लक्ष्य है. यह विधेयक संविधान में बदलाव की दिशा में एक कदम है. वहीं, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि देश को आजादी मिलने के बाद करीब दो दशक तक वन नेशन वन इलेक्शन मॉडल रहा था. कांग्रेस ने अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग कर इसको खत्म किया. इस बिल का मकसद लोगों की सेवा करना है.