Begin typing your search...

क्‍या है 'Sanchar Saathi' ऐप, कैसे करता है काम? जानिए फायदे और यूजर्स से जुड़े सभी सवालों के जवाब

भारत सरकार ने संचार साथी ऐप को सभी नए मोबाइल फोनों में प्री-इंस्टॉल करना अनिवार्य कर दिया है. यह ऐप मोबाइल सुरक्षा, चोरी रोकथाम, फर्जी सिम पहचान और साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए बनाया गया है. CEIR सिस्टम से जुड़ा यह ऐप IMEI ट्रैकिंग, चोरी हुए फोन को ब्लॉक/अनब्लॉक करने, फर्जी कॉल नंबरों की शिकायत, और आपके नाम पर चल रही सभी सिम की जानकारी देता है.

क्‍या है Sanchar Saathi ऐप, कैसे करता है काम? जानिए फायदे और यूजर्स से जुड़े सभी सवालों के जवाब
X
( Image Source:  sora ai )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 2 Dec 2025 8:07 AM IST

भारत सरकार ने मोबाइल सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. अब देश में बिकने वाले हर नए स्मार्टफोन में ‘संचार साथी’ ऐप प्री-इंस्टॉल करना अनिवार्य कर दिया गया है. जैसे ही मोबाइल पहली बार ऑन होगा, यह ऐप अपने-आप दिखाई देगा और इसे हटाया या बंद नहीं किया जा सकेगा. बढ़ते साइबर फ्रॉड, मोबाइल चोरी, फर्जी सिम और डिजिटल धोखाधड़ी को देखते हुए सरकार चाहती है कि हर व्यक्ति के पास एक ऐसा सुरक्षा टूल हो, जो उसके फोन और पहचान दोनों को सुरक्षित रख सके.

पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन ठगी और मोबाइल चोरी के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है. कई लोग अपना फोन खो जाने के बाद या फर्जी बैंक कॉल के बाद बड़े नुकसान का सामना कर चुके हैं. ऐसे समय में संचार साथी देश के हर नागरिक की डिजिटल सुरक्षा के लिए एक मजबूत ढाल का काम करेगा. यह ऐप पहले ही 5 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है और 7 लाख चोरी हुए फोन वापस मिलवाने, 37 लाख डिवाइस ब्लॉक करने और 3 करोड़ फर्जी सिम बंद कराने में मदद कर चुका है. अब सरकार चाहती है कि यह सुरक्षा सभी के फोन में अनिवार्य रूप से मौजूद हो.

संचार साथी ऐप क्या है?

संचार साथी दूरसंचार विभाग द्वारा बनाया गया एक साइबर सिक्योरिटी ऐप है, जो सीधे सरकार की CEIR प्रणाली से जुड़ा होता है. CEIR वह केंद्रीय डेटाबेस है जिसमें भारत में चल रहे हर मोबाइल फोन का IMEI नंबर दर्ज रहता है. इस ऐप की मदद से मोबाइल चोरी, फर्जी सिम, धोखाधड़ी वाली कॉल, स्पैम नंबर और डिजिटल ठगी जैसी समस्याओं पर तुरंत नियंत्रण पाया जा सकता है. 2023 में यह एक वेब पोर्टल के रूप में शुरू हुआ था और जनवरी 2025 में इसे मोबाइल ऐप के रूप में लॉन्च किया गया.

स्‍टेट मिरर अब WhatsApp पर भी, सब्‍सक्राइब करने के लिए क्लिक करें

यह ऐप कैसे काम करता है?

जब उपयोगकर्ता ऐप खोलता है, तो सबसे पहले उसका फोन नंबर मांगा जाता है. OTP के जरिए मोबाइल वेरीफाई होते ही ऐप फोन का IMEI नंबर पहचान लेता है और उसे DoT की केंद्रीय CEIR डेटाबेस से मिलाता है. अगर फोन चोरी का है, ब्लैकलिस्टेड है या उसका IMEI बदला गया है तो यह तुरंत अलर्ट देता है. ऐप बैकग्राउंड में यह भी जांच करता है कि मोबाइल पर किसी नकली या संदिग्ध कनेक्शन का जोखिम तो नहीं है.

ऐप क्या-क्या कर सकता है?

संचार साथी एक ही जगह कई तरह की सुरक्षा देता है. अगर फोन चोरी हो जाए या खो जाए, तो इस ऐप से तुरंत फोन को ब्लॉक कराया जा सकता है ताकि चोर फोन का उपयोग न कर सके. बाद में फोन मिल जाए तो इसी ऐप के जरिए उसे अनब्लॉक भी किया जा सकता है. यह ऐप यह भी दिखाता है कि आपके नाम पर कितनी सिम चल रही हैं अगर कोई दलाल या ठग आपके नाम पर फर्जी सिम निकाल ले, तो तुरंत पता चल जाता है.

इसके अलावा यह ऐप किसी भी फोन के IMEI की जांच करने की सुविधा देता है, जो सेकंड-हैंड फोन खरीदने वालों के लिए बेहद उपयोगी है. अगर कोई धोखेबाज बैंक अधिकारी बनकर कॉल करे, लॉटरी के नाम पर पैसे मांगे या "KYC अपडेट" का झांसा दे, तो इस ऐप के जरिए सीधे सरकार के पास शिकायत भेजी जा सकती है. यह ऐप बैंकों और सरकारी संस्थानों की असली वेरिफाइड हेल्पलाइन भी दिखाता है ताकि यूजर गलत नंबर पर कॉल करके ठगी का शिकार न बने.

सरकार इसे अनिवार्य क्यों कर रही है?

भारत में डिजिटल ठगी और मोबाइल चोरी के मामले हर महीने लाखों की संख्या में दर्ज होते हैं. कई बार लोगों को पता ही नहीं चलता कि उनके नाम पर कितनी सिम चल रही हैं. कई गिरोह चोरी किए गए फोन को नए IMEI में बदलकर फिर से बेच देते हैं. डिजिटल पेमेंट बढ़ने के साथ ठग बैंक अकाउंट खाली करने के नए-नए तरीकों से हमला कर रहे हैं. सरकार चाहती है कि हर नागरिक के फोन में ऐसा टूल मौजूद हो, जो इन सभी जोखिमों से तुरंत सुरक्षा दे सके. इसी वजह से इसे हर नए फोन में अनिवार्य किया गया है और पुराने फोन में सॉफ्टवेयर अपडेट के माध्यम से भेजा जाएगा.

क्या यह ऐप सुरक्षित है?

यह ऐप केवल तीन चीजें पढ़ता है मोबाइल नंबर, IMEI और नेटवर्क जानकारी. यह आपकी फोटो, फाइलें, लोकेशन, चैट, या किसी भी निजी डेटा तक पहुंच नहीं रखता. ऐप का पूरा डेटा DoT के सरकारी सर्वर पर सुरक्षित रहता है. यह किसी भी तरह की स्पाईिंग नहीं करता और आपकी प्राइवेसी पूरी तरह संरक्षित रहती है.

पुराने फोन में ऐप कैसे आएगा?

पहले से बिक चुके फोन में यह ऐप सिस्टम अपडेट, OTA अपडेट या Google Play सिस्टम पैच के माध्यम से दिया जाएगा. यानी आपको बस फोन अपडेट करना होगा और ऐप अपने आप फोन में आ जाएगा. इसे हटाया नहीं जा सकेगा, क्योंकि यह एक ‘‘सिक्योरिटी सिस्टम ऐप’’ की तरह काम करेगा.

आम उपयोगकर्ता को इससे कितना फायदा होगा?

इस ऐप का फायदा बहुत सीधा और बहुत बड़ा है. फोन चोरी हो जाए तो मिनटों में ब्लॉक हो जाता है, और वापस मिलने की संभावना पहले से कई गुना बढ़ जाती है. फर्जी सिम स्वतः पहचान में आ जाती है, डिजिटल ठगी के नंबर तुरंत रिपोर्ट हो सकते हैं, और सेकंड-हैंड फोन खरीदने में धोखा खाने की संभावना लगभग खत्म हो जाती है. संचार साथी मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए बहुत बड़ी सुरक्षा लेकर आया है जैसे घरों में ताला जरूरी होता है, वैसे ही मोबाइल में अब संचार साथी जरूरी बना दिया गया है.

India News
अगला लेख