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हम थक गए हैं....बेंगलुरु के प्रसिद्ध मंदिर ने आखिर क्यों लगाई शादी पर रोक? पुजारियों ने बताई बड़ी वजह; यूजर्स भी हैरान

बेंगलुरु के सबसे पुराने और प्रसिद्ध हलासुरु सोमेश्वर स्वामी मंदिर ने अपने परिसर में शादी समारोह कराने पर पूरी तरह रोक लगा दी है. यह मंदिर विजयनगर कालीन है और सदियों से शादियों के लिए बेहद लोकप्रिय रहा है. लेकिन अब मंदिर प्रशासन ने साफ कह दिया है कि आगे से कोई भी विवाह समारोह यहां नहीं होगा.

हम थक गए हैं....बेंगलुरु के प्रसिद्ध मंदिर ने आखिर क्यों लगाई शादी पर रोक? पुजारियों ने बताई बड़ी वजह; यूजर्स भी हैरान
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( Image Source:  Create By Grok AI )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 9 Dec 2025 1:11 PM

बेंगलुरु के प्रसिद्ध और बहुत पुराने हलासुरु सोमेश्वर स्वामी मंदिर ने अब अपने परिसर में शादियां कराने पर पूरी तरह रोक लगा दी है. यह फैसला अचानक नहीं आया ऐसा करने की एक बड़ी वजह भी सामने आई है. कुछ दिन पहले एक व्यक्ति ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में शिकायत की कि मंदिर वालों ने उसकी शादी कराने से साफ मना कर दिया.

जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने मंदिर से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा, तो मंदिर के पुजारियों और प्रशासन ने जो वजह बताई, वह सुनकर हर कोई हैरान रह गया. उन्होंने कहा, 'हम शादियां इसलिए बंद कर रहे हैं क्योंकि आजकल शादियां बहुत जल्दी टूट रही हैं. तलाक के केस जब कोर्ट में जाते हैं, तो जज साहब हमें (यानी पुजारियों को) बार-बार तलब करते हैं. हमें कोर्ट में हाजिरी देनी पड़ती है, गवाही देनी पड़ती है. हम इससे तंग आ चुके हैं. हम पुजारी हैं, कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं काटना चाहते.'

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हर पर गवाही के लिए पुजारी को बुलाया जाता है

यह मंदिर बेंगलुरु के सबसे पुराने और लोकप्रिय मंदिरों में से एक है. सदियों से यहां सैकड़ों-हजारों शादियां हुई हैं. मंदिर का कल्याण मंडप शादियों के लिए बहुत पसंद किया जाता था. लेकिन पिछले कुछ सालों में मंदिर प्रशासन ने देखा कि कई जोड़े यहां फर्जी दस्तावेज़ लेकर भागकर शादी कर लेते हैं. कुछ महीनों या सालों बाद जब घरवाले पता करते हैं या तलाक का केस चलता है, तो कोर्ट मंदिर से शादी के प्रमाण मंगवाती है और पुजारी को बुलाया जाता है.

साल में होती थी 100-150 शादियां

मंदिर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी वी. गोविंदराजू ने बताया, 'पहले हम साल में 100-150 शादियां कराते थे. लेकिन 6-7 साल पहले ही हमने यह सब बंद कर दिया था. अब सिर्फ़ एक शिकायत आने की वजह से यह खबर फिर से सुर्खियों में आई है.' मंदिर अब भी पूजा-पाठ, अन्य धार्मिक अनुष्ठान और उत्सव करता रहेगा, लेकिन शादी समारोह बिल्कुल नहीं होंगे. भविष्य में नीति बदली जा सकती है, पर अभी कोई शादी नहीं होगी.

क्या कहते है इंटरनेट यूजर्स

इंटरनेट पर इस खबर के बाद लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियां आई हैं. एक व्यक्ति ने हैरानी जताते हुए बोला, 'तलाक के केस में पुजारी को कोर्ट क्यों बुलाया जाता है भला? शादी का असली सर्टिफ़िकेट तो रजिस्ट्रार ऑफ़ मैरिज या तहसील से मिलता है ना! हमने आज तक कहीं ऐसा नहीं सुना.' किसी ने मज़ाक में कहा, 'अब तो हद हो गई. शादियां इतनी जल्दी टूट रही हैं कि पुजारी महाराज भी परेशान हो गए और बोले बस करो, हमारा पेशा पूजा करना है, तलाक की गवाही देना नहीं।' एक अन्य यूज़र ने गंभीरता से लिखा, 'मंदिर भगवान का घर है, पवित्र स्थान है. इसे कुछ लोगों का निजी कल्याण मंडप बनाने की ज़रूरत नहीं. जोड़े चाहें तो रजिस्ट्रार ऑफ़िस में कानूनी शादी कर लें, फिर सिर्फ़ आशीर्वाद लेने मंदिर आए. इससे मंदिर की पवित्रता भी बनी रहेगी और कोर्ट-कचहरी का झंझट भी नहीं होगा.' किसी ने शक जताते हुए कहा, 'ये बात कुछ अजीब सी लग रही है. अगर मैं किसी फंक्शन हॉल या होटल में शादी करूं और बाद में तलाक हो जाए, तो क्या कोर्ट हॉल वाले को बुलाएगी? फिर मंदिर को ही क्यों परेशान किया जाता है?.'

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