'हमने डल्लेवाल के अनशन को खत्म करने का आदेश नहीं दिया...', SC ने पंजाब सरकार को लगाई कड़ी फटकार
Supreme Court ; सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई है, कोर्ट ने कहा कि हमने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को एक अस्पताल में रेफर करे, जहां वे चिकित्सा सुविधाओं के साथ अपना विरोध प्रदर्शन जारी रख सकें, ताकि उनकी जान को कोई खतरा न हो. यही हमारी एकमात्र चिंता है.

सुप्रीम कोर्ट ने 2 जनवरी को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल पहुंचाने का प्रयास न करने पर जमकर फटकार लगाई है. डल्लेवाल 26 नवंबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं. कोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार ने गलत धारणा बनाई है कि हम डल्लेवाल का अनिश्चितकालीन अनशन खत्म कराने की कोशिश कर रहे हैं।
पंजाब सरकार से नाराज जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की दो जजों वाली पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि पूरे मीडिया में जानबूझकर यह कोशिश की जा रही है कि आपके राज्य सरकार के अधिकारी यह धारणा बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि अदालत ने डल्लेवाल को अनशन तोड़ने के लिए राजी किया है. शायद इसीलिए वह अनिच्छुक हैं.
'पंजाब सरकार को कभी भी डल्लेवाल का अनशन तुड़वाने का निर्देश नहीं दिया'
अपना रुख स्पष्ट करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने पंजाब सरकार को कभी भी डल्लेवाल का अनशन तुड़वाने का निर्देश नहीं दिया था. इसके बजाय उसने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि डल्लेवाल को एक अस्पताल में रेफर किया जाए, जहां वह चिकित्सा सुविधाओं के साथ अपना विरोध प्रदर्शन जारी रख सकें, ताकि उनकी जान को कोई खतरा न हो. यही हमारी एकमात्र चिंता है. एक किसान नेता के रूप में उनका जीवन अनमोल है. वह किसी भी राजनीतिक विचारधारा से जुड़े नहीं हैं और वह केवल किसानों के हितों का ध्यान रख रहे हैं.
पंजाब सरकार के कानूनी सलाहकार को फटकार
पंजाब सरकार के कानूनी सलाहकार को फटकार लगाते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि सरकार ने कभी भी डल्लेवाल या उनके सहयोगियों से संपर्क करने का कोई प्रयास नहीं किया. जस्टिस सूर्यकांत ने पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह से कहा कि एक बार भी आपके अधिकारी या आपके मंत्री डल्लेवाल से मिलने नहीं गए. आपका रवैया देख लग रहा है कि आप चाहते हैं कि कोई समझौता ही न हो. यही पूरी समस्या है. इस पर महाधिवक्ता ने जवाब दिया कि राज्य सरकार पूरी तरह से समझौते के पक्ष में है.
6 जनवरी को होगी सुनवाई
मामले की सुनवाई 6 जनवरी तक स्थगित करते हुए अदालत ने पंजाब सरकार से अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा, जिसमें डल्लेवाल को अस्पताल में स्थानांतरित करने के लिए मनाने के लिए उनके द्वारा किए गए प्रयासों का विवरण हो. पीठ ने पंजाब सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह जनता को यह बताए कि अदालत चाहती है कि डल्लेवाल अपना अनशन जारी रखें, लेकिन चिकित्सकीय सहायता के तहत.
पंजाब सरकार ने क्या कहा?
पिछली सुनवाई में पंजाब सरकार ने दोहराया था कि डल्लेवाल तभी चिकित्सा सहायता लेने को तैयार हैं, जब केंद्र सरकार उनसे संपर्क करने को तैयार हो. शीर्ष अदालत पंजाब के शीर्ष अधिकारियों, अर्थात् मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें डल्लेवाल के लिए चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने के अदालती आदेश का पालन नहीं करने का आरोप लगाया गया था.
सुनवाई के दौरान, पीठ ने डल्लेवाल द्वारा दायर एक नई याचिका पर भी सुनवाई की, जिसमें चल रहे किसान विरोध से संबंधित व्यापक मुद्दों को उठाते हुए अदालत से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया है. पीठ ने निर्देश दिया कि डल्लेवाल की याचिका की एक प्रति केंद्र सरकार को दी जाए.
केंद्र सरकार को भी दिए निर्देश
अदालत ने केंद्र सरकार से भी पूरे मामले पर एक बयान जारी करने को भी कहा और पूछा कि केंद्र इस मामले में बयान और इससे जुड़ी हर बात क्यों नहीं जारी कर रहा है? इस सवाल का जवाब देते हुए तुषार मेहता ने कहा कि फिलहाल हम डल्लेवाल के स्वास्थ्य तक ही सीमित हैं. केंद्र सरकार प्रत्येक किसान के बारे में चिंतित है.