वक्फ संशोधन बिल अब बना कानून, राष्ट्रपति की मिली मंजूरी; AIMPLB ने कहा- करेंगे विरोध प्रदर्शन
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की मंजूरी मिल गई है. इससे अब यह विधेयक कानून बन जाएगा. बिल को लोकसभा और राज्यसभा से पहले ही पारित किया जा चुका है. हालांकि, कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने बिल को असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक बताया है. ओवैसी, जावेद और अमानतुल्लाह खान ने बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

Waqf Amendment Bill 2025: वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की मंजूरी मिल गई है. इससे अब यह विधेयक कानून बन जाएगा. बिल को लोकसभा और राज्यसभा से पहले ही पारित किया जा चुका है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ कानून के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन करने का एलान किया है.
लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 के पक्ष में 288, जबकि विरोध में 232 मत पड़े. वहीं, राज्यसभा में बिल के पक्ष में 128, जबकि विपक्ष में 232 मत पड़े. राज्यसभा में 13 घंटे, जबकि लोकसभा में 12 घंटे तक विधेयक पर बहस हुई.
बता दें कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, विवाद समाधान और सरकारी निगरानी से संबंधित प्रावधानों को और स्पष्ट करता है. इस बिल को लेकर विपक्ष ने विरोध जताया था, लेकिन सरकार का कहना है कि इससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी.
वक्फ विधेयक को बताया 'असंवैधानिक' और 'लोकतांत्रिक'
कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने वक्फ विधेयक को 'असंवैधानिक' और 'लोकतांत्रिक' बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना की थी. उन्होंने तर्क दिया था कि सरकार भारत के धार्मिक अल्पसंख्यकों के निजी मामलों में हस्तक्षेप कर रही है. कांग्रेस ने वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति का भी विरोध किया था.
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अमानतुल्लाह खान और कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने याचिका दायर कर बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. वहीं, बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के पांच नेताओं ने बिल का समर्थन करने के मुद्दे पर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने नीतीश पर मुसलमानों के खिलाफ काम करने वाली ताकतों के साथ खड़े होने का आरोप लगाया.