वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करना नीतीश कुमार को पड़ रहा भारी, अब तक JDU के 5 नेता दे चुके इस्तीफा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का वक्फ संशोधन विधेयक 2025 का समर्थन करना भारी पड़ रहा है. अब तक इसके विरोध में 5 मुस्लिम नेता JDU से इस्तीफा दे चुके हैं. उन्होंने नीतीश कुमार पर मुसलमानों के खिलाफ काम करने वाली ताकतों के साध खड़े होने का आरोप लगाया. इसके अलावा, राष्ट्रीय लोक दल के यूपी महासचिव शाहजेब रिजवी ने भी बिल का समर्थन करने के फैसले से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया.

Waqf Amendment Bill 2025 JDU 5 Leaders Resigns: केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए वक्फ संशोधन विधेयक 2025 का समर्थन करना बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारी पड़ रहा है. अब तक 5 मुस्लिम नेता जनता दल (यूनाइटेड) से इस्तीफा दे चुके हैं. शुक्रवार को, पार्टी की युवा शाखा के उपाध्यक्ष तबरेज़ हसन ने नीतीश कुमार को अपना त्यागपत्र भेजा.
हसन ने पत्र में लिखा कि वक्फ बिल का समर्थन करने के JDU के फैसले से मुस्लिम समुदाय का विश्वास टूट गया है, जो JDU को धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का समर्थक मानते थे. उन्होंने कहा, ''मुझे उम्मीद थी कि आप अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि बनाए रखेंगे, लेकिन आपने उन ताकतों के साथ खड़े होने का फैसला किया जो लगातार मुसलमानों के खिलाफ काम करती रही हैं.''
हसन ने कहा कि उन्होंने पार्टी से विधेयक का विरोध करने का आग्रह करते हुए उर्दू और हिंदी में ज्ञापन सौंपे थे, लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया. उन्होंने कहा कि यह मेरी जिम्मेदारी का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है.
तबरेज हसन से पहले किन नेताओं ने दिया इस्तीफा?
तबरेज़ हसन से पहले, JDU के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राज्य सचिव मोहम्मद शहनवाज़ मलिक, राज्य महासचिव मोहम्मद तबरेज़ सिद्दीकी (अलीगढ़ से), भोजपुर के सदस्य मोहम्मद दिलशान राइन और पूर्व उम्मीदवार मोहम्मद कासिम अंसारी ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. JDU के इन नेताओं का इस्तीफा बिहार में आगामी चुनावों से पहले पार्टी के भीतर बढ़ते असंतोष को दर्शाता है, विशेष रूप से मुस्लिम मतदाताओं के बीच, जो पार्टी की धर्मनिरपेक्ष छवि पर सवाल उठा रहे हैं.
राष्ट्रीय लोक दल के यूपी महसचिव ने दिया इस्तीफा
एनडीए के एक अन्य सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल के यूपी महासचिव शाहजेब रिजवी ने भी बिल का समर्थन करने के फैसले से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पार्टी प्रमुख जयंत चौधरी पर मुसलमानों का समर्थन न करने और धर्मनिरपेक्षता को त्यागने का आरोप लगाया. रिजवी ने कहा कि मुसलमानों ने बड़ी संख्या में जयंत चौधरी का समर्थन किया, लेकिन जब जरूरत थी, तब वे हमारे साथ खड़े नहीं हुए.
आरएलडी के हापुड़ के जिला महासचिव मोहम्मद ज़की ने भी स्थानीय नेताओं के साथ इस्तीफ़ा दे दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी मुस्लिम मुद्दों पर चुप रही है और सिद्धांतों पर सत्ता को तरजीह दी है.
संसद से पारित हुआ वक्फ संशोधन विधेयक 2025
बता दें कि शुक्रवार को राज्यसभा में गहन बहस के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित हुआ. विधेयक के पक्ष में 128 और विरोध में 95 मत पड़े. वहीं, लोकसभा में बिल के समर्थन में 288, जबकि विरोध में 232 वोट पड़े. बिल का समर्थन करने वालों का कहना है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार कम होगा, जबकि आलोचकों का मानना है कि यह मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करता है और धार्मिक स्वतंत्रता को खतरे में डालता है.