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नागपुर में हिंसा के बाद कर्फ्यू, डिप्टी सीएम बोले- साजिश कर लगाई गई आग, जानें कैसे हैं वहां के हालात

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने नागपुर हिंसा को साजिश बताया और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों पर हमले की यह घटना पूर्व नियोजित थी. सरकार साजिशकर्ताओं को बेनकाब करेगी और शांति बनाए रखने की अपील की। जनता से अफवाहों से बचने का आग्रह किया गया.

नागपुर में हिंसा के बाद कर्फ्यू, डिप्टी सीएम बोले- साजिश कर लगाई गई आग, जानें कैसे हैं वहां के हालात
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 18 March 2025 8:45 AM IST

नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए, जिसके चलते प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया. नागपुर पुलिस आयुक्त रविंदर कुमार सिंघल द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह प्रतिबंध अगले आदेश तक लागू रहेगा. कर्फ्यू कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर थाना क्षेत्रों में प्रभावी है.

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने नागपुर में हुई हिंसा को एक साजिश करार दिया और कहा कि इसे सोची-समझी योजना के तहत अंजाम दिया गया है. उन्होंने साफ कहा कि जो भी इस हिंसा में शामिल हैं, उन्हें किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. शिंदे ने बताया कि सोमवार दोपहर औरंगजेब को लेकर प्रदर्शन हुआ था, लेकिन रात में हालात बिगड़ गए. जब पुलिसकर्मियों पर पथराव और हथियारों से हमला किया गया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए.

साजिश को बेनकाब करेगी सरकार

डिप्टी सीएम ने इस हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि जनता की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने दावा किया कि यह हिंसा अचानक नहीं भड़की, बल्कि इसके पीछे एक गहरी साजिश थी, जिसे सरकार बेनकाब करेगी. उन्होंने जनता से अफवाहों से बचने और शांति बनाए रखने की अपील की, साथ ही भरोसा दिलाया कि साजिशकर्ताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे.

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के प्रदर्शन से उपजा विवाद

पुलिस के अनुसार, 17 मार्च को विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के 200-250 समर्थक औरंगजेब की कब्र हटाने के समर्थन में शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास एकत्र हुए. इसी दौरान, शाम 7:30 बजे, लगभग 80-100 लोग भालदारपुरा में इकट्ठा हो गए, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया और कानून-व्यवस्था बिगड़ने लगी. हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने कर्फ्यू लगा दिया. इस दौरान, बिना किसी चिकित्सा आपातकाल के घर से बाहर निकलने या घर के अंदर पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर भी रोक लगा दी गई. साथ ही, अफवाहें फैलाने या सार्वजनिक रूप से किसी भी भड़काऊ गतिविधि में शामिल होने पर भी सख्त पाबंदी लगा दी गई.

हिंसा में दुकानों और वाहनों को बनाया गया निशाना

हिंसा की घटनाएं नागपुर के हंसपुरी इलाके में देखने को मिलीं, जहां अज्ञात उपद्रवियों ने दुकानों में तोड़फोड़ की, वाहनों में आग लगा दी और पथराव किया. इससे पहले महल इलाके में दो गुटों के बीच झड़प हो चुकी थी, जिसने पूरे शहर में तनाव बढ़ा दिया. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावर नकाब पहने हुए थे और उनके हाथों में धारदार हथियार, डंडे और पेट्रोल बम थे. उन्होंने हंगामा करते हुए आसपास की दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया. एक अन्य स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि लगभग 8-10 वाहनों को जला दिया गया और इलाके में जमकर पथराव हुआ.

पुलिस प्रशासन ने दिया शांति बनाए रखने का आश्वासन

नागपुर पुलिस आयुक्त रविंदर सिंघल ने स्थानीय नागरिकों को आश्वस्त किया कि हालात अब नियंत्रण में हैं. उन्होंने बताया कि यह घटना रात 8-8:30 बजे के बीच हुई, जिसमें दो वाहनों को आग के हवाले किया गया और कुछ स्थानों पर पथराव हुआ. पुलिस ने बीएनएसएस की धारा 163 के तहत शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है और सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें और अफवाहों पर ध्यान न दें. इसके अलावा, संलिप्त लोगों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी की जा रही है ताकि आगे किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके.

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