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ना पार्टी चाहिए, ना पद… बस मम्मी-पापा का प्यार! विवाद के बाद तेज प्रताप का भावुक संदेश, पार्टी के 'जयचंदों' पर निशाना

आरजेडी से बाहर किए जाने के बाद तेज प्रताप यादव ने पहली बार सोशल मीडिया पर माता-पिता के लिए भावनात्मक संदेश लिखा. उन्होंने खुद को सिर्फ मां-पिता के प्रेम का पात्र बताया और पार्टी के 'जयचंदों' पर तंज कसा. तेज प्रताप का यह पोस्ट राजनीतिक बहिष्कार के बाद उनके टूटे आत्मविश्वास और परिवार के प्रति गहरे जुड़ाव को दर्शाता है.

ना पार्टी चाहिए, ना पद… बस मम्मी-पापा का प्यार! विवाद के बाद तेज प्रताप का भावुक संदेश, पार्टी के जयचंदों पर निशाना
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 1 Jun 2025 8:09 AM IST

लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव ने हालिया विवादों और पार्टी से निष्कासन के बाद अपने माता-पिता के नाम एक भावुक संदेश शेयर किया है. उन्होंने कहा कि उनके लिए पूरी दुनिया सिर्फ उनके माता-पिता हैं, और वही उनके लिए भगवान के समान हैं. X (पूर्व ट्विटर) पर किए गए इस पोस्ट में तेज प्रताप ने लिखा कि उन्हें सिर्फ अपने माता-पिता का विश्वास और प्यार चाहिए, और उन्हें किसी और चीज़ की ज़रूरत नहीं है.

तेज प्रताप यादव ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव की भूमिका पर जोर देते हुए लिखा कि अगर लालू यादव नहीं होते, तो न पार्टी होती और न ही राजनीति में उनके इर्द-गिर्द मौजूद कुछ "लालची जयचंद". 'जयचंद' शब्द का प्रयोग उन्होंने पार्टी के भीतर उन नेताओं के लिए किया है, जिन्हें वह धोखेबाज और अवसरवादी मानते हैं. यह संकेत साफ है कि तेज प्रताप पार्टी के अंदर मौजूद ऐसे गुटों को लेकर आहत हैं, जिन्होंने उन्हें परिवार और संगठन से दूर करने में भूमिका निभाई.

परिवार से बाहर किए जाने के बाद पहली प्रतिक्रिया

गौरतलब है कि हाल ही में तेज प्रताप यादव को आरजेडी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था. उनके पिता लालू यादव ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि तेज प्रताप का आचरण और निजी जीवन के नैतिक पतन ने पार्टी और परिवार की छवि को नुकसान पहुंचाया है. यह फैसला उनके और उनकी पत्नी अनुष्का के बीच के विवाद और सार्वजनिक बयानों के बाद लिया गया था.

लालू यादव का सख्त रुख

लालू यादव ने स्पष्ट किया था कि तेज प्रताप को अब न तो परिवार में कोई भूमिका दी जाएगी और न ही पार्टी में. उनका बयान था कि तेज प्रताप के कार्य और व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों के अनुरूप नहीं हैं, और लोकलाज का पालन करना हर जननेता का कर्तव्य है. यह तेज प्रताप के लिए एक सार्वजनिक बहिष्कार की तरह था, जो अब तक आरजेडी का चर्चित चेहरा रहे हैं.

पार्टी में तेज प्रताप की गिरती पकड़

तेज प्रताप यादव कभी पार्टी में युवाओं के बीच लोकप्रिय चेहरा माने जाते थे, लेकिन समय के साथ उनके विवादास्पद बयान और व्यक्तिगत जीवन की उथल-पुथल ने उनकी साख को कमजोर कर दिया. पार्टी के भीतर उन्हें गंभीरता से न लेने और निर्णय प्रक्रियाओं से दूर रखने की बात पहले भी सामने आती रही है. अब सार्वजनिक रूप से निष्कासन के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी नेतृत्व तेजस्वी यादव के इर्द-गिर्द सिमट गया है.

क्या तेज प्रताप बनाएंगे नई राह?

तेज प्रताप के भावुक संदेश और 'जयचंद' जैसे शब्दों का इस्तेमाल इस ओर इशारा करता है कि वह अब भी खुद को हाशिए पर देख रहे हैं और भीतर से टूटे हुए हैं. हालांकि यह पोस्ट उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर भी सवाल खड़ा करता है कि क्या वह पार्टी के बाहर कोई नई राह तलाशेंगे, या अपने परिवार की नाराज़गी को पिघलाने की कोशिश करेंगे? फिलहाल यह स्पष्ट है कि उनकी यह भावुक अपील एक राजनीतिक बयान कम, और एक बेटे का टूटा हुआ मन अधिक है.

लालू प्रसाद यादवतेजस्वी यादव
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