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'ट्रांसफर ले लो या रिटायर हो जाओ...' तिरुपति मंदिर में 18 गैर-हिंदू कर्मचारियों के लिए क्यों जारी हुआ आदेश?

आंध्र प्रदेश के तिरुमाला तिरुपति देवास्थानम बोर्ड ने 18 गैर हिंदू कर्मचारियों के लिए आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि वे या तो स्वैच्छिट रिटायर हो जाएं या ट्रांसफर ले लें. बताया जाता है कि ये सभी कर्मचारी गैर-हिंदू गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं. यही वजह है कि इनके खिलाफ टीटीडी बोर्ड ने कड़ा एक्शन लिया है.

ट्रांसफर ले लो या रिटायर हो जाओ... तिरुपति मंदिर में 18 गैर-हिंदू कर्मचारियों के लिए क्यों जारी हुआ आदेश?
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Tirupati Temple: आंध्र प्रदेश के तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड ने अपने गैर-हिंदू कर्मचारियों के लिए एक आदेश जारी किया है. इस आदेश में कहा गया है कि वे या तो ट्रांसफर लें या वीआरएस यानी स्वैच्छिक रिटायरमेंट लें. टीटीडी बोर्ड श्री वेंकटेश्वर मंदिर की देख-रेख करता है, जिसे तिरुपति मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. बताया जाता है कि ये 18 कर्मचारी गैर-हिंदू गतिविधियों का पालन करते हुए पाए गए हैं, जिसकी वजह से उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया गया है.

TTD बोर्ड ने कहा कि उसका आदेश मंदिरों और धार्मिक प्रथाओं की आध्यात्मिक पवित्रता को बनाए रखने के प्रति समर्पण के अनुरूप है. यह घटनाक्रम नवंबर में लिए गए बोर्ड के उस फैसले के बाद सामने आया है, जिसमें गैर-हिंदू कर्मचारियों को ट्रांसफर करने और राजनीतिक भाषणों पर रोक लगाने की बात कही गई थी. यह बैठक बीआर नायडू को टीटीडी बोर्ड का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद हुई थी. यह नायडू के पदभार संभालने के बाद हुई पहली बैठक थी.



कौन हैं 18 गैर-हिंदू कर्मचारी?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 18 कर्मचारियों में से 6 विभिन्न टीटीडी शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक हैं. वहीं, बाकी कर्मचारियों में से एक उप कार्यकारी अधिकारी (कल्याण), एक सहायक कार्यकारी अधिकारी और एक सहायक तकनीकी अधिकारी (इलेक्ट्रिकल), दो इलेक्ट्रीशियन और दो नर्स हैं. वहीं, एक कर्मचारी छात्रावास में काम करता है.


टीटीडी बोर्ड की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक, भगवान वेंकटेश्वर और टीटीडी के समर्पित सेवक, टीटीडी के सभी कर्मचारी सदियों से चली आ रही परंपराओं और मूल्यों को कायम रखते हुए मंदिर की पवित्रता बनाए रखने और भक्तों की मान्यताओं और भावनाओं को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

पिछले साल सितंबर में लड्डू को लेकर हुआ था विवाद

पिछले साल सितंबर में तिरुपति प्रसादम (लड्डू) को लेकर विवाद देखने को मिला था. उस समय आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान इसे बनाने में जानवरों की चर्बी समेत घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था. लड्डू तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में चढ़ाया जाने वाला पवित्र प्रसाद है. पिछली वाईएसआरसीपी सरकार पर टीटीडी बोर्ड में गैर-हिंदुओं की नियुक्ति करने का भी आरोप लगाया गया था.

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