शादी से इनकार करना खुदकशी के लिए उकसाना नहीं, जानें किस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने की बड़ी टिप्पणी
एक युवती ने रेलवे ट्रैक के सामने आकर आत्महत्या कर ली. इस कारण मृतिका के परिजनों ने युवक के परिवार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था. सुप्रीम कोर्ट में इसी मामले पर सुनवाई हुई जिसमें अदलात ने बड़ी टिप्पणी की है.

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें महिला पर एक युवती को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप था. जानकारी के अनुसार युवती महिला के बेटे से प्यार करती थी. वहीं इस याचिका पर अदालत में सुनवाई हुई कोर्ट ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 के तहत शादी से इनकार करना आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं हो सकता.
अदलात ने सुनवाई के दौरान युवती द्वारा लगाए आरोप को खारिज कर दिया है, और इस फैसले पर बड़ी टिप्पणी की है. जानकारी के अनुसार ये मामला साल 2008 में 3 जुलाई का बताया जा रहा है.
युवती के परिजनों ने लगाया आरोप
दरअसल इस मामले में सौमा नाम की महिला का शव रेलवे ट्रैक से बरामद हुआ था. इस मामले पर मृतिका के परिजनों ने एक परिवार पर सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप लगाया था. आरोप था कि लक्ष्मी सिंह नाम की एक महिला और उसके बेटे समेत दो अन्य लोगों ने मृतिका को इतना परेशान किया कि उसे आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा. मामला इस तरह सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. जिसपर काफी समय से सुनवाई जारी थी. लेकिन अब अदालत ने फैसला सुनाते हुए बड़ी टिप्पणी की है.
एक भी सबूत नहीं
अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर आरोप पत्र और बयानों के अनुसार सभी सबूतों को मान लिया जाए तो अपीलकर्ता के खिलाफ एक भी सबूत नहीं है. उन्होंने कहा कि इस कारण ये इसे अपराध नहीं कह सकते क्योंकी युवती के पास आत्महत्या के अलागा कोई विकल्प नहींव बचा था. अदालत ने कहा कि ये मालूम होता है कि युवक के परिजनों ने इस रिश्ते को खत्म करने का किसी भी तरह प्रेशर नहीं डाला था. वहीं अदालत ने ये भी साफ किया कि युवती का परिवार इस रिश्ते से ना खुश था. मामले में भले ही युवक ने रिश्ते में असहमति जताते हुए शादी से इनकार किया हो लेकिन ये किसी भी रूप में आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप स्तर तक नहीं पहुंच सकता है.