शादी के तीन दिन बाद ही दूल्हे ने ससुराल वालों को किया परेशान, 19 साल की लड़ाई के बाद दुल्हन के हक में आया कोर्ट के फैसला
दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने दहेज के लिए अपनी दुल्हन को परेशान करने वाले दूल्हे को 19 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 3 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. दूल्हे की मांगों के कारण शादी तीन दिन के भीतर ही टूट गई थी, जिसके कारण उसे दोषी ठहराया गया और अंततः जेल जाना पड़ा.

नई दिल्ली में दहेज के लालच में एक दूल्हे ने अपनी शादी तोड़ दी. तीन दिन के भीतर अपनी शादी तोड़ने के कारण उन पर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा चला. वहीं, दूल्हे को तीन महीने तक जेल में रखा गया और अब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दुल्हन को तीन लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा है, जिसने अब दूसरी शादी कर ली है और विदेश में बस गई है.
बता दें, दोनों की शादी 3 फरवरी 2006 को हुई थी. दुल्हन के माता-पिता ने उसे 60 सोने के सिक्के और दूल्हे को 10 सोने के सिक्के गिफ्ट किए थे. लेकिन दूल्हा जो एक इंफोटेक पेशेवर था, उसने दुल्हन के घर पर शादी के बाद के समारोहों में भाग लेने के लिए और 30 सिक्के की मांग की.
सोने के सिक्कों की रखी थी डिमांड
जानकारी के अनुसार रिसेप्शन के बीच में ही दूल्हे के पिता ने दुल्हन के माता-पिता पर 100 सिक्के न देने का आरोप लगाते हुए उसे मंडप से दूर ले गए. महिला अपने पति के लालच को और बर्दाश्त नहीं कर सकी और उसने IPC की धारा 498 A और दहेज निवारण अधिनियम की धारा 4 के तहत शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया. सैदापेट (टीएन) की ट्रायल कोर्ट ने दूल्हे को IPC और दहेज निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया और उसे IPC की धारा 498 ए के तहत 3000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन साल की कैद और डीपी अधिनियम की धारा 4 के तहत एक साल की सजा सुनाई. एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने दोष और सजा को बरकरार रखा.
तीन महीने तक जेल में रहा दुल्हा
मद्रास हाईकोर्ट ने सजा की पुष्टि की लेकिन सजा को घटाकर दो साल कर दिया. जब दूल्हे ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की तो उसे सरेंडर करने के लिए कहा गया और करीब तीन महीने तक जेल में रखा गया, उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उसे जमानत दे दी. पीठ ने कहा कि दूल्हा मुकदमे के दौरान और उच्च न्यायालय के फैसले के बाद पहले ही तीन महीने जेल में रह चुका है. शादी 31 मार्च, 2006 को हुई थी और दंपत्ति तीन दिन तक साथ रहे थे. जैसा कि उच्च न्यायालय के आदेश से पता चला है, वास्तविक शिकायतकर्ता दुल्हन अब विवाहित है और विदेश में बस गई है. मामला करीब 19 साल तक खिंच गया. दूल्हा और दुल्हन दोनों ही जीवन में आगे बढ़ चुके हैं.
3 लाख रुपए जमा करने का निर्देश
सजा को घटाकर पहले से ही जेल में बिताई गई अवधि तक सीमित करते हुए, कोर्ट ने व्यक्ति को सैदापेट ट्रायल कोर्ट में चार सप्ताह के भीतर 3 लाख रुपए जमा करने का निर्देश दिया. कोर्ट को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दूल्हे के हाथों महिला को हुए उत्पीड़न के लिए यह पैसा दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर पैसे का भुगतान नहीं किया जाता है, तो मामले को आगे की सुनवाई के लिए फिर से सूचीबद्ध किया जाएगा.