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SIR: कहीं आत्महत्या, कहीं BLO का विरोध - देश के इन राज्यों में एसआईआर को लेकर चल क्या रहा है?

Special Intensive Revision: स्पेशल इंटेंसिव रिविजन अभियान कई राज्यों में राजनीतिक और प्रशासनिक विवादों के घेरे में आ गया है. कुछ राज्यों में BLO (Booth Level Officers) ने काम के दबाव की वजह से आत्महत्या कर ली तो कई जगहों पर इस प्रक्रिया का जोरदार विरोध हो रहा है. केरल में बीएलओ हड़ताल पर चले गए हैं. जानें कौन-से राज्य SIR को लेकर सबसे अधिक नाराज हैं, उनके मुख्य आरोप क्या हैं, और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया क्या है?

SIR: कहीं आत्महत्या, कहीं BLO का विरोध - देश के इन राज्यों में एसआईआर को लेकर चल क्या रहा है?
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( Image Source:  ani )

Special Intensive Revision (SIR): बिहार के बाद देश के 12 राज्यों में SIR (Special Intensive Revision) अभियान चुनाव आयोग द्वारा चलाया जा रहा है. लेकिन ये क्या, BLOs पर काम का भारी दबाव, तनाव और असमंजस बढ़ रहा है? कुछ मामलों में तो आत्महत्या इतनी गंभीर रही कि राज्यव्यापी बहिष्कार की स्थिति बन गई है. विपक्षी दलों और ट्रेड यूनियनों ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाए हैं कि यह प्रक्रिया जल्दबाजी में लागू की जा रही है और लोकतांत्रिक अधिकारों को कमजोर कर रही है. आइए, गहराई से देखें कि किस-किस राज्य में यह विवाद चल रहा है और मुद्दे कितने बड़े हैं.

SIR क्या है?

SIR यानी Special Intensive Revision एक इलेक्टोरल रोल रिविजन प्रक्रिया है, जिसे चुनाव आयोग शुरू कर रहा है ताकि वोटर लिस्ट को अपडेट किया जा सके. एसआईआर के दूसरे चरण में यह प्रक्रिया 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में जारी है.करीब 51 करोड़ मतदाताओं की सूची इस प्रक्रिया के तहत अपडेट होना है.

इसमें BLO (Booth Level Officers) और ERO (Electoral Registration Officers) घर-घर जाकर मतदाताओं से जानकारी ले रहे हैं, फॉर्म जमा कर रहे हैं, और मतदाता सूची की छानबीन कर रहे हैं.

इसका मकसद 51 करोड़ तक वोटर एलिजिबिलिटी की वेरिफिकेशन करना और गलत, मिस्टेक या डुप्लीकेट नामों को हटाना है. मतदाता सूची “फ्रीज़” (मतदाता रोल में संशोधन बंद) उन राज्यों में की जाती है, जहां SIR चल रहा है.

किन राज्यों में SIR प्रक्रिया जारी है?

चुनाव आयोग के आदेश पर दूसरे चरण में कुल 12 राज्यों + केंद्रशासित प्रदेशों में SIR की प्रक्रिया जारी है. इनमें 9 राज्य और 3 केंद्र-शासित प्रदेश शामिल हैं. जो राज्य शामिल हैं उनमें छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल का नाम शामिल है. केंद्रशासित प्रदेशों में अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, लक्षद्वीप और पुडुचेरी का नाम शामिल है.

एसआईआर के विरोध में कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. BLO और अन्य संगठन आरोप लगा रहे हैं कि SIR बहुत जल्दी और बिना पर्याप्त तैयारी के लागू किया गया है, जिससे चुनाव आयोग की जवाबदेही सवालों के घेरे में है.

3 बीएलओ कर चुके हैं सुसाइड

IWC Rajasthan ने एक एक्स पर पोस्ट का दावा किया है कि SIR से अब तक की सबसे बड़ी वोट चोरी हो रही है! इसी दबाव में 3 BLO भाई आत्महत्या कर चुके हैं. इनमें राजस्थान के मुकेश जांगिड़, केरल के अनिश जॉर्ज और मध्य प्रदेश के उदय भान सिहारे का नाम शामिल है. यूजर ने ये सवाल भी चुनाव आयोग से पूछे हैं कि क्या यही है लोकतंत्र, ज्ञानेश जी?

केरल : IUML ने की बंद की अपील, SC में याचिका

केरल के कन्नूर जिले में एक BLO अनीश जॉर्ज ने कथित रूप से SIR प्रक्रिया के दौरान कार्यभार के दबाव में आत्महत्या कर ली. उनके परिवार और सहकर्मियों का आरोप है कि काम का बोझ बहुत ज्यादा था. रात 2 बजे तक फॉर्म भरने का काम, लगातार अपडेट की मांग. इसके बाद BLOs ने राज्यव्यापी बहिष्कार की शुरुआत की है. मुस्लिम लीग (IUML) ने SIR बंद करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

पश्चिम बंगाल: बीएलओ नहीं मतदाता कर रहे आत्महत्या

पश्चिम बंगाल में भी टीएमसी, पश्चिम बंगाल और अन्य विपक्षी दलों ने SIR प्रक्रिया का जोरदार विरोध शुरू किया है. ममता बनर्जी की TMC ने SIR को एनआरसी का दूसरा रूप बताया है. चुनाव आयोग ने एसआईआर के दूसरे चरण में पश्चिम बंगाल को भी शामिल किया है. बंगाल में एसआईआर के एक महीने में कम से कम 9 मौतें हुई हैं, जिनमें 6 आत्महत्या शामिल हैं. ये मौतें मुख्य रूप से मतदाताओं के बीच नाम कटने के डर से जुड़ी बताई जा रही हैं. तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने चुनाव आयोग पर 'भय का माहौल' फैलाने का आरोप लगाया है.

राजस्थान में ट्रेन के सामने कूदा BLO

राजस्थान के जयपुर जिले के कालवाड़ क्षेत्र में एक अन्य BLO मुकेश कुमार जांगिड़ (48), जो सरकारी शिक्षक थे, ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली. उनके पास मिले सुसाइड नोट में अधिकारियों के लगातार दबाव और निलंबन की धमकी का जिक्र था. परिवार ने SIR की कड़ी समय सीमा को मौत का मुख्य कारण बताया.

बिहार : राजेंद्र प्रसाद की कार्डियक अरेस्ट से हुई थी मौत

इससे पहले पहले चरण के एसआईआर प्रक्रिया के दौरान बिहार में आरा के एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक और बीएलओ सुपरवाइजर राजेंद्र प्रसाद की 27 अगस्त को कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई थी.

मामला क्या है?

  • वर्कलोड-मानसिक दबाव: BLOs को घर-घर जाकर फॉर्म भरने और वेरीफाई करने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिली है.
  • राजनीतिक आरोप: विपक्ष कह रहा है कि SIR का उपयोग वोटर लिस्ट को साफ करने के नाम पर सियासी फायदे के लिए किया जा रहा है.
  • मानवाधिकार और निष्पक्षता: कुछ पार्टियां दावा कर रही हैं कि प्रक्रिया की तेजी और पाबंदियों से न्यून अधिकार वाले लोगों को हाशिए पर रखा जा रहा है.
  • संघर्ष का लीगल मोर्चा: सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हैं - प्रक्रिया स्थगित करने की मांग की गई है.
  • प्रशासनिक कार्रवाई: बरेली के 36 BLOs का वेतन रोका गया क्योंकि वे ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे.

क्या होगा इसका असर?

  • BLO बहिष्कार और आत्महत्या जैसी घटनाएं SIR की विश्वसनीयता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं.
  • यदि BLO विरोध बढ़ता है, तो वोटर लिस्ट रिविजन अधूरा रह सकता है, जिससे निर्वाचन प्रक्रिया पर भी असर पड़ेगा.
  • राजनीतिक दल इस मुद्दे को चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे SIR एक मामूली प्रशासनिक कदम न रहकर बड़ी सियासी लड़ाई बन जाए.
  • मानवीय और प्रणालीगत सुधार की मांग बढ़ेंगी. चुनाव आयोग और सरकार को BLOs की कंडीशन, ट्रेनिंग, सपोर्ट पर ध्यान देना होगा.

एसआईआर के विरोध में कांग्रेस करेगी विशाल रैली

AICC मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि देश के उन 12 राज्यों में SIR हो रहा है. आज उसी को लेकर एक जरूरी बैठक हुई. इस बैठक में कांग्रेस पार्टी ने निर्णय लिया है कि दिसंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली के रामलीला मैदान में SIR के खिलाफ विशाल रैली आयोजित होगी. इस रैली में हम चुनाव आयोग के राजनीतिकरण का पर्दाफाश करेंगे.

SIR में टारगेट कर लोगों के नाम काटे जा रहे हैं. चुनाव आयोग ने जैसा बिहार में किया, वही नीति बाकी राज्यों में अपनाई जाएगी. SIR को लेकर हम बिहार चुनाव के पहले से सवाल उठा रहे हैं. हमने बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' भी निकाली थी और देश को बताया था कि SIR में बहुत सारी गड़बड़ियां हैं. SIR के बारे में सुप्रीम कोर्ट के 5 आदेश आए, जो कि चुनाव आयोग की बदनीयती को दिखाते थे और उसे सुप्रीम कोर्ट ने भी देखा.

कांग्रेस पार्टी ने देशभर में एक 'हस्ताक्षर अभियान' चलाया, जिसमें 5 करोड़ Sign इकट्ठा हुए हैं.ये पार्टी स्तर से चलाया जाने वाला अभियान रहा. अगर वोटर का अधिकार छीना जाएगा तो हम सब आवाज उठाएंगे और यह हमारा कर्तव्य है.

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