फेज 2 में UP-बंगाल समेत 12 राज्यों में होगा SIR... चुनाव आयोग का बड़ा एलान, कहा- आज रात 12 बजे फ्रीज कर दी जाएगी मतदाता सूची
चुनाव आयोग ने देशभर में मतदाता सूची के विशेष व्यापक पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू की है. मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि यह स्वतंत्रता के बाद नौवां ऐसा अभियान है, जबकि पिछली बार यह 21 साल पहले हुआ था. उन्होंने कहा कि पलायन, डुप्लीकेट वोटर आईडी और मृत मतदाताओं के नाम जैसी खामियों को सुधारने के लिए यह कदम उठाया गया है. दूसरे चरण में 12 राज्यों में मतदाता सूची संशोधन किया जाएगा ताकि चुनावों से पहले सटीक वोटर लिस्ट तैयार हो सके.
SIR Second Phase in India: मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 27 अक्टूबर को देश में दूसरे चरण के लिए विशेष व्यापक पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) का एलान किया. उन्होंने कहा कि फेज 2 में 12 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में SIR होगा. आखिरी बार यह प्रक्रिया 21 साल पहले हुई थी. जिन राज्यों में SIR कराया जाएगा, उनमें उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल भी शामिल हैं.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 1951 से लेकर 2004 तक SIR कराया गया. उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के दौरान अयोग्य मतदाता का नाम लिस्ट से हटाया जाएगा, जबकि योग्य मतदाताओं का नाम जोड़ा जाएगा.
7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची का होगा प्रकाशन
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि मुद्रण और प्रशिक्षण का कार्य 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक किया जाएगा, जिसके बाद घर-घर गणना (Enumeration) का चरण 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक चलेगा. इसके बाद ड्राफ्ट मतदाता सूची 9 दिसंबर 2025 को प्रकाशित की जाएगी. दावे और आपत्तियां 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक दाखिल की जा सकेंगी. जिन लोगों को नोटिस भेजी जाएगी, उनकी सुनवाई और सत्यापन प्रक्रिया 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक चलेगी. अंततः, अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 7 फरवरी 2026 को किया जाएगा.
देश में 21 साल पहले हुआ था SIR
बता दें कि देशभर में मतदाता सूची के विशेष व्यापक पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया चल रही है. मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने बताया कि यह स्वतंत्रता के बाद नौवां ऐसा अभियान है, जबकि पिछली बार यह अभ्यास 21 साल पहले (2002-2004) के बीच हुआ था. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वर्षों से लगातार जनसंख्या के पलायन, डुप्लीकेट वोटर आईडी कार्ड, मृत मतदाताओं के नाम न हटना, और विदेशी नागरिकों के गलत नाम शामिल होना जैसी समस्याओं से मतदाता सूची की सटीकता प्रभावित हुई है. इन खामियों को दूर करने के लिए निर्वाचन आयोग (ECI) ने पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से विशेष पुनरीक्षण करने का फैसला लिया है.
आज रात 12 बजे फ्रीज कर दी जाएगी SIR वाले राज्यों की मतदाता सूची
CEC ज्ञानेश कुमार ने बताया कि जिन राज्यों में SIR होगा, वहां की मतदाता सूची आज रात 12 बजे से फ्रीज कर दी जाएगी. इसके बाद बीएलओ (BLO) मतदाताओं को यूनिक एन्यूमरेशन फॉर्म्स देंगे, जिनमें मौजूदा वोटर लिस्ट की सभी जानकारियां होंगी. मतदाता इन फॉर्म्स को देखकर यह मिलान कर सकेंगे कि उनके या उनके माता-पिता के नाम 2003 की वोटर लिस्ट में थे या नहीं. अगर नाम पहले से मौजूद हैं, तो किसी अतिरिक्त दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी. उन्होंने बताया कि 2002-2004 की वोटर लिस्ट http://voters.eci.gov.in पर देखी जा सकेगी, जिससे लोग खुद ही विवरण का मिलान कर सकेंगे.
किन राज्यों में दूसरे चरण में होगा SIR?
- अंडमान एंड निकोबार
- छत्तीसगढ़
- गुजरात
- गोवा
- केरल
- लक्षद्वीप
- मध्य प्रदेश
- पुडुचेरी
- राजस्थान
- तमिलनाडु
- उत्तर प्रदेश
- पश्चिम बंगाल
मुख्य चुनाव आयुक्त के प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें
- SIR के तहत अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी.
- गणना फॉर्म मतदाताओं के मौजूदा विवरणों से पहले से भरे जाएंगे, जिसमें पिछले संशोधनों की जानकारी भी शामिल होगी.
- राष्ट्रव्यापी एसआईआर प्रक्रिया कल से 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में शुरू होगी.
- सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे 29 अक्टूबर तक राजनीतिक दलों से मिलें और उन्हें एसआईआर प्रक्रिया के बारे में जानकारी दें.
- जिन मतदाताओं के नाम या उनके माता-पिता के नाम 2003 की मतदाता सूची की प्रविष्टियों से मेल खाते हैं, उन्हें SIR के बाद अपडेट वोटर लिस्ट में शामिल होने के लिए अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं होगी.
वर्तमान में चल रहा यह SIR अभियान देशभर में मतदाता सूची को अद्यतन करने की एक बड़ी कवायद है. आयोग ने अब दूसरे चरण (Phase-2) की घोषणा की है, जिसमें 12 राज्यों को शामिल किया गया है. इस चरण के तहत निर्वाचन आयोग मतदाता सूची को सत्यापित और अपडेट करेगा ताकि आगामी चुनावों से पहले सटीक और पारदर्शी मतदाता सूची तैयार की जा सके.





