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SIR से पहले पश्चिम बंगाल में 1000 से ज्यादा CAA शिविर क्यों लगाना चाहती है बीजेपी?

West Bengal: पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी चल रही है. इस बीच BJP ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत 1,000 से अधिक शिविर स्थापित करने की योजना बनाई है. एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि इन शिविरों का आयोजन राज्य के बॉर्डर जिलों में किया जाएगा, जहां जनसंख्या में बदलाव देखा गया है.

SIR से पहले पश्चिम बंगाल में 1000 से ज्यादा CAA शिविर क्यों लगाना चाहती है बीजेपी?
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( Image Source:  sora ai )

West Bengal: पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. सभी राजनीतिक दल अभी से जनता को लुभाने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन भाजपा अलग तैयारी में है. BJP ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत 1,000 से अधिक शिविर स्थापित करने की योजना बनाई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा का यह कदम विशेष रूप से बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न के कारण राज्य में आए हिंदू शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दिलाने के लिए उठाया जा रहा है.

शिविर लगाने का मकसद

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि इन शिविरों का आयोजन राज्य के बॉर्डर जिलों में किया जाएगा, जहां जनसंख्या में बदलाव देखा गया है. पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे इन क्षेत्रों में शरणार्थियों को CAA के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए प्रेरित करें.

इसके लिए पार्टी ने एक कार्यशाला का आयोजन भी किया, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बी.एल. संतोष ने कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दी. उम्मीद की जा रही है कि ये शिविर नागरिकता आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाएंगे और शरणार्थियों को जरूरी डॉक्यूमेंट्स जुटाने में मदद करेंगे.

TMC ने बोला हमला

शिविर को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने आपत्ति जताई है. TMC ने इन शिविरों को राजनीतिक चाल बताते हुए कहा कि यह कदम आगामी चुनावों में हिंदू वोटों को एकजुट करने की रणनीति है. इसके बावजूद, BJP ने इन शिविरों को शरणार्थियों के अधिकारों की रक्षा और उन्हें नागरिकता प्रदान करने के रूप में प्रस्तुत किया है.

SIR शुरू करने की तैयारी

राज्य में मतदाता सूची की SIR की प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है, जिससे इन शिविरों की महत्व और बढ़ जाता है. BJP का मानना है कि इन शिविरों के जरिए वे नागरिकता आवेदन प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं. साथ ही सुनिश्चित कर सकते हैं कि केवल योग्य व्यक्ति ही मतदाता सूची में शामिल हों. यानी दूसरे देश का नागरिक नहीं.

कब होंगे पश्चिम बंगाल में चुनाव?

पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव 2026 में मार्च से अप्रैल के बीच हो सकते हैं. चुनाव आयोग ने इस संबंध में तैयारी शुरू कर ली है, जिसमें विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया, मतदाता सत्यापन, मतदान कर्मियों की ट्रेनिंग और अन्य काम शामिल हैं.

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