अरुणाचल पर सच बोलना पड़ा भारी! चीन ने भारतीय ब्लॉगर को 15 घंटे हिरासत में रखा, बिना खाना-पानी दिए भारत लौटाया | Video
दिल्ली के ट्रैवल व्लॉगर अनंत मित्तल को चीन के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर करीब 15 घंटे हिरासत में रखा गया, जब उन्होंने अपने कंटेंट में अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा बताया. इमिग्रेशन अधिकारियों ने उनके डिजिटल डिवाइस जब्त कर लिए, घंटों पूछताछ की और भारतीय दूतावास से संपर्क की अनुमति नहीं दी. मित्तल का दावा है कि हिरासत के दौरान उन्हें खाना तक नहीं दिया गया. यह मामला केवल एक व्लॉगर का नहीं, बल्कि चीन के अरुणाचल को लेकर विवादित रुख और भारतीय यात्रियों के साथ व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े करता है.
ट्रैवल व्लॉगिंग सिर्फ घूमने-फिरने का नाम नहीं है, बल्कि यह देशों, संस्कृतियों और सच्चाइयों को दुनिया के सामने लाने का जरिया भी है. कैमरे के सामने कही गई एक बात कभी प्रेरणा बनती है, तो कभी वही बात सत्ता और सीमाओं को असहज कर देती है. दिल्ली से निकले एक भारतीय ट्रैवल व्लॉगर के साथ चीन में कुछ ऐसा ही हुआ, जहां एक सच्चे बयान ने उसकी पूरी यात्रा को भयावह अनुभव में बदल दिया.
यह मामला केवल एक यूट्यूबर की हिरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत–चीन के संवेदनशील मुद्दों, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और यात्रियों के अधिकारों पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है. जिस बात को भारत में सामान्य सच माना जाता है, वही चीन में ‘अपराध’ बन गई.
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कौन हैं अनंत मित्तल और क्यों बने निशाने पर?
दिल्ली के रहने वाले ट्रैवल यूट्यूबर अनंत मित्तल ‘On Road Indian’ नाम से व्लॉग बनाते हैं. उनकी पहचान बेबाक यात्राओं और जियो-पॉलिटिकल मुद्दों पर स्पष्ट स्टैंड के लिए है. अपने कंटेंट में उन्होंने अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा बताया जो भारत के लिए निर्विवाद तथ्य है, लेकिन चीन इसे स्वीकार नहीं करता.
इमिग्रेशन काउंटर पर बदला माहौल
16 नवंबर 2025 को चीन पहुंचने पर इमिग्रेशन काउंटर तक सब कुछ सामान्य था. पासपोर्ट चेक हुआ, स्टिकर भी लग गया, लेकिन अंतिम स्टाम्प से ठीक पहले उन्हें रोक लिया गया. एक सीनियर अधिकारी बुलाया गया और अनंत को डिटेंशन एरिया में भेज दिया गया- जहां कुछ अन्य विदेशी यात्री भी मौजूद थे.
बिना किसी जानकारी के घंटों का इंतज़ार
पहले दो घंटे तक किसी ने नहीं बताया कि उन्हें क्यों रोका गया है. अनंत को लगा कि शायद यह रूटीन जांच है, क्योंकि हाल के दिनों में इमिग्रेशन प्रक्रिया सख्त हुई है. लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, हालात असामान्य होते चले गए.
पूछताछ और डिजिटल तलाशी
करीब दो घंटे बाद उन्हें एक अलग कमरे में ले जाकर पूछताछ शुरू की गई. बैग खोला गया, सामान की जांच हुई और iPad छोड़कर बाकी सभी डिवाइस जब्त कर लिए गए. अधिकारियों ने उनके यूट्यूब चैनल, कंटेंट और अरुणाचल पर दिए गए बयानों को लेकर सवाल किए. यहीं साफ हो गया कि असली वजह क्या है.
भूख, प्यास और दूतावास से दूरी
अनंत का दावा है कि हिरासत के दौरान उन्हें खाना नहीं दिया गया और पानी भी घंटों बाद सिर्फ एक बार मिला. करीब 28 घंटे तक वे बिना भोजन रहे. सबसे गंभीर बात यह रही कि उन्हें फोन इस्तेमाल करने या भारतीय दूतावास से संपर्क करने की अनुमति नहीं दी गई, जिससे मानसिक दबाव और बढ़ गया.
15 घंटे बाद भारत वापसी
लगभग 15 घंटे बाद अधिकारियों ने बताया कि उनकी ‘प्रक्रिया पूरी’ हो गई है और उन्हें भारत वापस भेजा जाएगा. अनंत ने बाद में एक विस्तृत वीडियो जारी कर पूरा अनुभव साझा किया और उम्मीद जताई कि यह मामला भारतीय और चीनी अधिकारियों तक पहुंचे.
अरुणाचल बना विवाद की जड़
अनंत ने यूके में रहने वाली Pem Wang Thongdok का भी जिक्र किया, जिन्हें नवंबर 2025 में Shanghai Pudong International Airport पर 18 घंटे रोके रखा गया. कारण वही, उनके भारतीय पासपोर्ट पर जन्मस्थान अरुणाचल प्रदेश दर्ज होना. यह दिखाता है कि यह एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक पैटर्न है.
सच बोलने की कीमत कितनी भारी?
यह घटना सिर्फ एक व्लॉगर की नहीं, बल्कि हर उस भारतीय की है जो सच को बिना डर कहता है. चीन में अरुणाचल को लेकर अपनाया गया रवैया बताता है कि यात्रा आज सिर्फ घूमना नहीं, बल्कि राजनीतिक जोखिम भी बन चुकी है. सवाल यह है कि क्या सच बोलना अब सीमाओं के भीतर भी सुरक्षित नहीं रहा?





