कौन हैं गुजरात कांग्रेस की दबंग महिला सोनल पटेल, जो राहुल गांधी के सामने भी बेहिचक उठाती हैं आधी आबादी के हक की बात?
गुजरात कांग्रेस ने पार्टी को मजबूत करने के लिए 'संगठन सृजन' नाम से एक अभियान चलाया था. गुजरात में 2 महीने तक चले इस अभियान के तहत 40 जिलों व शहर प्रमुखों को अध्यक्ष बनाया गया. अहमदाबाद शहर कांग्रेस की अध्यक्ष सोनल पटेल चुनी गईं, लेकिन वह नाराज हैं. उनका कहना है कि इस सूची में कम से कम 3 से 4 चार महिलाओं नाम और होने चाहिए. काफी संख्या में टैलेंटेड महिलाए हैं.

गुजरात कांग्रेस ने संगठन में जान फूंकने और जिला अध्यक्षों को अधिक शक्तियां प्रदान करने के मकसद से 'संगठन सृजन' अभियान की शुरुआत की थी. इस अभियान के तहत गुजरात के 40 जिलों और शहरी इकाइयों के अध्यक्ष चुने गए हैं. कांग्रेस की इस लिस्ट सिर्फ एक हिला सोनल पटेल का नाम शामिल है, जो अहमदाबाद शहर की अध्यक्ष होंगी. उन्होंने अन्य महिलाओं को मौका न मिलने पर गंभीर चिंता जाहिर की है. 64 वर्षीय पटेल ने का कहना है कि मुझे कम से कम तीन से चार महिला जिला प्रमुख और बनाए जाने की उम्मीद थी.
गुजरात कांग्रेस नेता सोनल पटेल ने कहा, "समय बदल गया है, लेकिन लैंगिक भेदभाव अभी भी मौजूद है. महिलाओं को खुद को तैयार करना चाहिए. आरक्षण के कारण चुनाव के दौरान नामांकन का मौका मिल जाता है, लेकिन संगठनात्मक पद संभालना एक कठिन काम है. इसके लिए समय की आवश्यकता होती है."
कांग्रेस अधिवेशन में राहुल से कही थी ये बात
उन्होंने आगे कहा, "8 मार्च को संपन्न कांग्रेस अधिवेशन के दौरान राहुल गांधी से कहा था, 'आप सिर्फ दिखावटी बातें करते हैं. उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया कि महिलाओं को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा, लेकिन मुझे लगता है कि वे सिर्फ दिखावे के लिए किसी को नियुक्त नहीं करेंगे."
सोनल पटेल का दावा है, "पार्टी के वरिष्ठ नेता जमीन पर काम करने के लिए तैयार नहीं हैं. हमें इस प्रथा को बदलने की ज़रूरत है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. यह केवल लोगों से जुड़ने का अवसर देता है."
कौन हैं सोनम पटेल?
पेशेवर आर्किटेक्ट और टाउन प्लानर सोनल पटेल कांग्रेस की एक अनुभवी नेता हैं. पिछले साल अमित शाह के खिलाफ लोकसभा चुनाव अभियान के लिए उन्होंने क्राउडफंडिंग की थी. क्राउडफंडिंग उनका एक पायलट प्रोजेक्ट था.
आर्किटेक्ट और टाउन प्लानर पटेल AICC सचिव और पूर्व राज्य महिला कांग्रेस अध्यक्ष रह चुकी हैं. वह लोकसभा चुनाव 2024 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ गांधीनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ी थी, लेकिन हार गईं. वह उसी समय तब सुर्खियों में आईं, जब उन्होंने अपने अभियान के लिए क्राउड-फंडिंग की.
सियासी परिवार से ताल्लुक
अहमदाबाद कांग्रेस की नई प्रमुख ने जनता दल से अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी. वह एक राजनीतिक परिवार से आती हैं. उनके पिता रमन पटेल नारनपुरा वार्ड से नगर पार्षद थे, जहां अमित शाह 38 साल तक रहे. उन्होंने बीजेपी के जितेंद्र पटेल के खिलाफ नारनपुरा से 2022 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन हार गईं. चुनाव हारने के बाद उन्होंने कहा था कि उनकी सबसे बड़ी चुनौती शहरी मतदाताओं को कांग्रेस के साथ जोड़ने की होगी, जिसका शहर के पुराने इलाकों में संगठन और पहुंच है.
सोनल पटेल की नाराजगी का जवाब देते हुए कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि राजकोट शहर, वडोदरा शहर और दाहोद के लिए भी चार महिलाओं को शॉर्टलिस्ट किया गया था, लेकिन पार्टी को उन इकाइयों की कमान संभालने के लिए उन्हें नियुक्त करना 'कठिन' लगा. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि केवल 'सक्षम' नेताओं को ही सूची में जगह मिली. जबकि बीजेपी से जुड़े लोगों को लोगों को बाहर रखा गया है.
अध्यक्षों के चुनाव में प्राथमिकता योग्यता, न कि धर्म या जाति
वहीं, कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता अमित चावड़ा ने इस मामले पर कहा, "नेताओं को चुनने में प्राथमिकता जाति या धर्म नहीं, बल्कि योग्यता थी. उम्मीदवारों के चयन के समय सामाजिक संतुलन बनाया जा सकता है. संगठनात्मक पदों के लिए योग्यता ही एकमात्र मानदंड है.