हिंदू धर्म अपनाओ नहीं तो... बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने ईसाइयों पर किया हमला, जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
राष्ट्रीय ईसाई मोर्चा के राज्य महासचिव पल्लब लीमा ने इस घटना को लेकर कहा कि पिछले कुछ महीनों से इलाके में धर्म परिवर्तन को लेकर तनाव बढ़ गया था. हिंदू दक्षिणपंथी कार्यकर्ता लोगों को अपना धर्म बदलने और हिंदू धर्म अपनाने की धमकी दे रहे थे, जन्म से ईसाई धर्म को मानने वाले कई लोगों ने इसका विरोध किया था.

Odisha Latest News: बीजेपी शासित ओडिशा के मलकानगिरि में हिंदुत्ववादी भीड़ ने शनिवार (21 जून) को ओडिशा के एक गांव में प्रोटेस्टेंट ईसाइयों के एक समूह पर हमला कर दिया. अब इसको लेकर ओडिशा में बवाल मचा है. बताया जा रहा है कि जिन लोगों पर हमला हुआ वे लोग हिंदू धर्म अपनाने के कथित दबाव का विरोध कर रहे थे. बजरंग दल के इस हमले में 8 ईसाई घायल हुए हैं. हालांकि, बजरंग ईसाई संगठनों के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.
मलकानगिरी पुलिस ने कहा कि जिले के कोटामाटेरू गांव में चर्च से लौटते समय घायलों पर हमला किया गया था. घायलों को जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. वहीं बजरंग दल इस घटना में शामिल होने से इनकार किया है.
हमले के विरोध में प्रदर्शन
इस घटना के बाद ईसाई समुदाय के नेताओं ने बजरंग दल को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. ईसाई समुदाय के लोगों का आरोप है कि ओडिशा में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से ईसाइयों पर धर्म परिवर्तन का दबाव बढ़ रहा है. दूसरी तरफ बजरंग दल ने इसमें शामिल होने से इनकार किया है. मलकानगिरी पुलिस में एक प्राथमिकी दर्ज की. स्थानीय ईसाइयों ने रविवार को पुलिस अधीक्षक (एसपी) के कार्यालय के सामने शांतिपूर्ण धरना दिया.
ईसाइयों पर धर्म बदलने का दबाव- पल्लब लीमा
राष्ट्रीय ईसाई मोर्चा के राज्य महासचिव पल्लब लीमा ने कहा, "पिछले कुछ महीनों से इलाके में तनाव बढ़ रहा था. हिंदू दक्षिणपंथी कार्यकर्ता लोगों को अपना धर्म बदलने और हिंदू धर्म अपनाने की धमकी देते रहे, लेकिन जन्म से ईसाई कई लोगों ने इसका विरोध किया."
लीमा ने कहा कि एक व्यक्ति ने जिले के पादरी घटना की जानकारी दी. उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दू. पुलिस ने ईसाइयों को बचाया और "गंभीर रूप से घायल" लोगों को अस्पताल ले गई. लीमा ने कहा, "कोटामटेरू के दूरस्थ स्थान के कारण हमले की खबर देरी से मिली.
पुलिस से संस्कृति बचाओं अभियान के खिलाफ शिकायत
रविवार को हमने एसपी को एक ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने दावा किया कि स्थानीय हिंदुत्व संगठनों ने ईसाइयों पर हिंदू धर्म अपनाने के लिए दबाव डालने के लिए 'संस्कृति बचाओ अभियान' शुरू किया था.
हमला भाई-बहन के बीच दुश्मनी का नतीजा- पुलिस
मलकानगिरी कलेक्टर और एसपी ने रविवार को गांव का दौरा किया. पुलिस ने हिंसा को कमतर आंकते हुए इसे भाई-बहन की दुश्मनी का नतीजा बताया. मलकानगिरी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर रिगन किंडा ने कहा, "घटना दो भाइयों के बीच विवाद के कारण हुई, जिनमें से एक ईसाई और दूसरा हिंदू था. हिंदू भाई अपने ईसाई भाई पर हिंदू धर्म में लौटने का दबाव बना रहा था."
बता दें कि हाल ही में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एक 29 वर्षीय नन को ट्रेन से उतार दिया था. उसके बाद महिलाओं पर तस्करी और अवैध धर्मांतरण के आरोप लगाा थात्र. खुर्दा के पुलिस ने महिला को 18 घंटे तक हिरासत में रखा. जांच में आरोप झूठे साबित हुए.