Begin typing your search...

66 की उम्र में पूरा हुआ LLB का सपना, गुजरात के शशि कुमार मोहता ने जीती 24 साल पुरानी कानूनी 'जंग'

गुजरात के रहने वाले शशि कुमार को साल 2000 में एलएलबी कॉलेज में एडमिशन लेने से इनकार कर दिया गया था. इसके बाद से ही वह अदालत में इसे लेकर लड़ाई लड़ रहे थे. हालांकि अब इस मामले में उन्हें बड़ी जीत हासिल हुई और कोर्ट ने एलएलबी की पढ़ाई की अनुमति दे दी है.

66 की उम्र में पूरा हुआ LLB का सपना, गुजरात के शशि कुमार मोहता ने जीती 24 साल पुरानी कानूनी जंग
X
( Image Source:  Meta AI )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 6 Dec 2025 3:38 PM IST

पढ़ाई का अधिकार हर किसी को है. लेकिन साल 2000 में यह हक गुजरात के 66 साल के शेयर मार्केट प्रोफेशनल शशिकुमार मोहता को यह हक नहीं दिया गया था. दरअसल शशिकुमार ने साल 2000 में गुजरात की यूनिवर्सिटी के डीटी लॉ कॉलेज में एडमिशन लेने गए थे. लेकिन कॉलेज में उन्हें एडमिशन नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने साल 2001 में यूनिवर्सिटी के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

वहीं आज 24 साल की इस कानूनी लड़ाई को शशिकुमार ने जीत लिया है. यह जीत हैरान करने के साथ-साथ प्रेरणादायक भी है. वहीं अब अगले साल होने वाले एंट्रेस एग्जाम देने की अनुमति मिल जाएगी. कोर्ट ने कॉलेज के सारे नियमों के पालन के साथ तीन साल के एलएलबी अभ्यास क्रम में प्रवेश की अनुमति देते हुए मोहतो की अपील स्वीकारी है.

कॉलेज को जारी किए गए ये निर्देश

वहीं अदालत की ओर से लॉ कॉलेज को 24 साल की इस लड़ाई के बाद शशिकुमार मोहतो को अलगे अकैडमिक इयर में तीन साल के एलएलबी की पढ़ाई में प्रवेश करने के निर्देश दिए हैं. इसी के साथ कोर्ट ने याचिकाकर्ता मोहतो के कानूनी केस से जुड़े सारे खर्च का वहन करने का भी आदेश दिया है. आपके मन में भी ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर यूनिवर्सिटी ने उस समय एडमिशन देने से इनकार क्यों किया था?

क्यों नहीं दिया गया एडमिशन?

दरअसल शिवकुमार मोहतो ने साल 2000 में 3 साल के इस LLB कोर्स के लिए आवेदन किया था. आवेदन फीस भर दी गई थी. लेकिन कॉलेज की ओर से इसकी कोई स्लिप नहीं दी गई. इस मामले पर जब अदालत में सुनवाई हुई तो यूनिवर्सिटी ने अदालत में कहा कि गुजरात यूनिवर्सिटी के नियमों के मुताबिक एडमिशन के लिए कुल 15 साल के प्रैक्टिस की आवश्यकता होती है. इसमें 12 साल की स्कूली पढ़ाई और 3 साल का ग्रेजुएशन शामिल है. लेकिन मोहतो के पास कुल 14 साल तक के ही सभी सर्टिफिकेट थे. संभव है तीन साल के ग्रैजुएशन में उन्होंने दो साल तक ही पढ़ाई की. इस कारण यूनिवर्सिटी द्वारा उन्हें एडमिशन से रोक लगाई गई थी.

कुछ कारणों से नहीं पूरी की पढ़ाई

वहीं अदालत में शशिकुमार मोहतो ने कहा कि साल 1987-88 में उन्होंने इन्हीं सर्टिफिकेट्स के आधार पर गुजरात यूनिवर्सिटी के नव गुजरात कॉलेज में दाखिला मिला था. लेकिन कुछ कारणों के चलते वह अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए थे. जिसके कारण यूनिवर्सिटी ने उन्हें एडमिशन देने से रोका था. वहीं उन्होंने कोर्ट में जानकारी दी कि वह साल 1980 तक कोलकाता में रही रहे थे. लेकिन उस दौरान तक सिर्फ अपनी 11 वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की थी. लेकिन उस समय 11 साल की स्कूली शिक्षा के बाद 3 साल का ग्रेजुएशन कोर्स होता था. उन्होंने स्कूली शिक्षा के बाद 3 साल का बीकॉम पाठ्यक्रम पूरा किया था. ऐसे में वो LLB की पढ़ाई पूरी करने के योग्य थे.

India News
अगला लेख