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जहरीली कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ का मालिक रंगनाथन गोविंदन चेन्नई से गिरफ्तार, MP SIT ला रही भोपाल; 20,000 का था इनाम

मध्य प्रदेश में जहरीली कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ पीने से 20 बच्चों की मौत के बाद SIT ने बड़ी कार्रवाई की है. श्रीसन फार्मा के मालिक रंगनाथन गोविंदन को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया गया. इस सिरप में खतरनाक केमिकल्स की मौजूदगी पाई गई थी, जिसके कारण राज्य में कई परिवारों ने अपने बच्चों को खो दिया. SIT आरोपी से सिरप के उत्पादन, वितरण और लाइसेंस से जुड़े सवालों पर पूछताछ कर रही है.

जहरीली कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ का मालिक रंगनाथन गोविंदन चेन्नई से गिरफ्तार, MP SIT ला रही भोपाल; 20,000 का था  इनाम
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 9 Oct 2025 8:34 AM IST

मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत का कारण बने जहरीले कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. विशेष जांच दल (SIT) ने इस सिरप को बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के मालिक रंगनाथन गोविंदन को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया है. देर रात दो से तीन बजे के बीच गोपनीय छापेमारी कर आरोपी को उसके ठिकाने से पकड़ा गया. पुलिस ने पहले ही उस पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था.

पुलिस सूत्रों के अनुसार, SIT की टीम रंगनाथन को चेन्नई से भोपाल ला रही है, जहां उससे कफ सिरप के निर्माण, कच्चे माल की आपूर्ति, वितरण नेटवर्क और लाइसेंस से जुड़ी अनियमितताओं पर पूछताछ की जाएगी. जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि सिरप में घातक केमिकल कैसे शामिल हुआ और कंपनी की क्वालिटी जांच प्रक्रिया में इतनी गंभीर चूक क्यों हुई.

बच्चों की मौत से मचा था हड़कंप

‘कोल्ड्रिफ’ नाम की इस कफ सिरप के सेवन से मध्य प्रदेश में 20 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी. इसके बाद प्रदेशभर में आक्रोश और दहशत का माहौल बन गया था. स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत दवा की बिक्री पर रोक लगाई और संबंधित कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की. इस घटना ने प्रदेश में दवाओं की सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

इनाम से गिरफ्तारी तक- SIT का ट्रैकिंग ऑपरेशन

रंगनाथन गिरफ्तारी से बचने के लिए पिछले कई हफ्तों से फरार चल रहा था. पुलिस ने उसके ऊपर इनाम घोषित करने के साथ-साथ तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के कई इलाकों में उसकी तलाश तेज कर दी थी. इसी सिलसिले में गठित SIT ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और स्थानीय सूत्रों की मदद से आरोपी का पता लगाया और उसे चेन्नई के एक अपार्टमेंट से धर दबोचा.

राज्य सरकार ने तमिलनाडु प्रशासन पर साधा निशाना

मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने इस घटना को “तमिलनाडु सरकार की गंभीर लापरवाही” बताया. उन्होंने कहा कि “राज्य से बाहर भेजी जाने वाली दवाओं की गुणवत्ता जांचना तमिलनाडु सरकार की जिम्मेदारी थी. यदि समय रहते जांच की जाती तो यह त्रासदी टाली जा सकती थी.” उन्होंने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश सरकार राज्य में आने वाली सभी दवाओं की रैंडम जांच करती है, लेकिन यह सिरप उस सैंपलिंग में शामिल नहीं था.

केंद्र से कड़ी कार्रवाई की मांग

इस घटना के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह दवा निर्माण इकाइयों की सख्त निगरानी सुनिश्चित करे, खासकर वे कंपनियां जो बच्चों की दवाएं बनाती हैं. इस बीच, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने श्रीसन फार्मा के लाइसेंस को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है. जांच एजेंसियां अब यह भी खंगाल रही हैं कि क्या कंपनी की अन्य दवाएं भी गुणवत्ता मानकों पर खरी उतरती हैं या नहीं.

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