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75 साल के हुए मोदी...आखिर 17 सितंबर को क्यों चर्चा में आया....55, 65 और 75, क्या है कनेक्शन?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 75 साल के हो गए. उनका जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ था. तभी यह तारीख भारतीय राजनीति में आज चर्चा के केंद्र में है. इस बार 17 सितंबर खास इसलिए बना क्योंकि इसमें छिपा है मोदी के जीवन और राजनीति से जुड़ा 55, 65 और 75 का अनोखा कनेक्शन. चर्चा ये भी कि पीएम मोदी अब क्या करेंगे? क्या उन पर बीजेपी का 75 साल वाला नियम लागू होगा?

75 साल के हुए मोदी...आखिर 17 सितंबर को क्यों चर्चा में आया....55, 65 और 75, क्या है कनेक्शन?
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को 75 साल के हो गए, लेकिन उनके काम करने का जज्बा आज भी पहले की तरह बरकरार है. बीते 7 जुलाई को मोहन भागवत को भी एक कार्यक्रम में शॉल देकर सम्मानित किया गया था. तब उन्होंने उसी मंच से कहा था कि मुझे पता है कि मैं 75 साल का हो गया हूं. इस उम्र में शॉल देना का मतलब क्या होता है? इसका मतलब होता है, अब आपका समय पूरा हो गया है. अब आप हट जाइए और हमें काम करने दीजिए. मीडिया ने भी उनके बयान को लपक लिया था. 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 75 साल के हो गए. इसलिए, एक बार फिर यह मुद्दा चर्चा में है कि क्या 75 साल की उम्र के नेताओं को एक्टिव पद से सन्यास ले लेना चाहिए.

बीजेपी नेताओं के उम्र को लेकर आज चर्चा इसलिए हो रही है कि साल 2014 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद गुजरात के सीएम रहे नरेंद्र मोदी पीएम बने थे. उसके बाद उम्र को आधार मानकर और बीजेपी-आरएसएस की परंपराओं को हवाला देते हुए बीजेपी के लौह पुरुष और देश के पूर्व डिप्टी पीएम लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे मुरली मनोहर जोशी और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को मार्गदर्शक मंडल में शामिल हो गए थे. गुजरात की पूर्व सीएम आनंदी बेन पटेल ने 75 साल उम्र होने पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

नजमा हेपतुल्ला और कलराज मिश्र केन्‍द्रीय कैबिनेट का ह‍िस्‍सा थे. इसके बाद केंद्रीय मंत्री से हट गए. बाद में दोनों को गवर्नर नियुक्त किया गया. कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने भी जब कनार्टक का मुख्यमंत्री पद छोड़ा था तब उनकी उम्र 78 साल थी. तब ऐसी चर्चा थी क‍ि उम्र की वजह से ऐसा हुआ.

राहुल गांधी ने भी किया था 75 का जिक्र

हाल ही में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी अपने एक्स पोस्ट पर लिखा ​था ​कि 17 सितंबर को पीएम मोदी 75 साल के हो जाएंगे, देखेंगे उसके बाद क्या होता है? उनके इस पोस्ट के बाद विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी के भी पद छोड़ने की बात को तूल दिया था, लेकिन कुछ दिनों बाद मामला ठंडा पड़ा गया. इस बार भी लगता है वही होगा. ऐसा इसलिए कि फिलहाल मोदी को विकल्प उभरकर कोई सामने नहीं आया है.

बीजेपी के 75 साल होने न हो होने की चर्चा के बीच यह बता दूं कि जब नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जा रहा था, तब पार्टी के कई बड़े नेता इस फैसले से असहज महसूस कर रहे थे. लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे नेता मोदी के खिलाफ थे. मोदी को पता था कि अगर इन्हें सरकार में जगह दी गई तो वह स्वतंत्र होकर काम नहीं कर पाएंगे. इसलिए, भाजपा में एक तर्क गढ़ा गया कि 75 साल की उम्र के बाद नेता सक्रिय राजनीति से हट जाएंगे.

फिर नरेंद्र मोदी पर अभी उम्र की सीमा लागू नहीं होता, ऐसा इसलिए कि पीएम को लेकर सिर्फ 75 साल ही नहीं बल्कि 55–65–75 का जिक्र एक साथ बार-बार हो रहा है. इसके पीछे राजनीति और संगठनात्मक दोनों संदर्भ हैं. आइए इसे डिटेल में समझते हैं:

मोदी के 75 साल और 17 सितंबर की चर्चा क्यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ था. इस लिहाज से 2025 में उन्होंने 75 साल पूरे कर लिए. बीजेपी और संघ की परंपरा में 75 वर्ष की उम्र मील का पत्थर मानी जाती है. इस उम्र के बाद नेताओं को सक्रिय राजनीति से ‘मार्गदर्शक मंडल’ में भेजने की परंपरा रही है. यही वजह है कि 17 सितंबर 2025 को मोदी का 75वां जन्मदिन सिर्फ जश्न नहीं बल्कि भविष्य की राजनीति और उनकी भूमिका को लेकर चर्चाओं की वजह से भी केंद्र में है.

55-65-75 का अर्थ क्या है?

  • भारतीय राजनीति में 55 साल को परिपक्वता का पड़ाव माना गया है.
  • नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में 2001 में कार्यभार संभाला था. उस वक्त उनकी उम्र 51 साल थी. 55 साल के बाद 2005 से आगे वे राष्ट्रीय स्तर पर उभरते गए. 2007 में गुजरात चुनाव में हैट्रिक जीतने के बाद मोदी को एक नेशनल लीडर के रूप में देखा जाने लगा था. यानी 55 के आसपास मोदी की राजनीति गुजरात से निकलकर राष्ट्र राजनीति में प्रवेश कर गई.
  • 65 साल की उम्र में दिल्ली की राजनीति में चरम पर मोदी आ गए थे. मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री पद संभाला, तब उनकी उम्र 63 साल थी. 65 की उम्र (2015) तक वे एक सशक्त राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित हो चुके थे.
  • नोटबंदी (2016), 2019 में दूसरी बार प्रचंड जीत, कश्मीर से 370 हटाना, राम मंदिर निर्माण जैसे बड़े फैसलों ने 65 से 70 आयु अवधि में हुए. यानी 65 की उम्र मोदी के राजनीतिक जीवन का एक तरह से स्वर्णकाल (Golden Phase) की शुरुआत थी.

75 साल - भविष्य का मोड़

  • बीजेपी का अनौपचारिक 75 की आयु सीमा नियम हमेशा चर्चा में रहा है. ऐसे में यह उम्र उनके राजनीतिक भविष्य और पार्टी की रणनीति से भी जुड़कर बहस का विषय बन गई है.
  • मोदी के लिहाज से उम्र को समझें तो 55 पर शुरुआत, 65 पर शिखर और 75 पर नया मोड़, यही है नरेंद्र मोदी और 17 सितंबर का खास कनेक्शन.
  • वैसे भी, पीएम मोदी अभी भी पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा और सरकार के निर्णायक नेता हैं. 2024 चुनाव में भी पार्टी पूरी तरह मोदी के चेहरे पर लड़ी और जीती. यही कारण है कि 75 की उम्र में मोदी का रोल - क्या वे सत्ता में बने रहेंगे? क्या बीजेपी इस बार "75 का नियम" तोड़ेगी? क्या नए नेतृत्व (योगी, शाह, नड्डा, ध्रुव) की तैयारी होगी? ये सारे सवाल 17 सितंबर को चर्चा के केंद्र में उन्हें ले आए हैं. यहां सवाल ये भी है कि 75 साल की उम्र में भी पीएम मोदी आराम करने के मूड में नहीं हैं. वह अजेय की तरह दिखते हैं और अधिक काम करने के लिए तैयार हैं.

आनंदी बेन ने क्या कहा था?

हालांकि, भाजपा में ये कोई अनिवार्य नियम नहीं है कि 75 साल की उम्र में व्यक्ति एक्टिव पॉलिटिक्स से अलग हो जाए. इस 'नियम' को औपचारिक रूप से सबसे पहले आनंदीबेन पटेल ने स्वीकार किया था. आनंदीबेन ने साल 2016 में गुजरात की मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा द‍िया था. तब उन्होंने कहा था, "मैं भी नवंबर में 75 साल की होने जा रही हूं. हमेशा से ही बीजेपी की विचारधारा, सिद्धांत और अनुशासन से प्रेरित हूं. इसका आज तक पालन करती आई हूं. कुछ वर्षों से पार्टी में 75 से ऊपर उम्र के नेता और कार्यकर्ता स्वेच्छा से अपना पद छोड़ रहे हैं, जिससे युवाओं को मौका मिले. यह एक बहुत अच्छी परंपरा है. मेरे भी नवंबर महीने में 75 साल पूरे होने जा रहे हैं."

उम्र को लेकर मोहन भागवत का हालिया बयान

उम्र पर बहस एक बार फिर तब शुरू हुई थी जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने 7 जुलाई 2025 को आरएसएस के वरिष्ठ नेता मोरोपंत पिंगले का एक अनुभव साझा करते हुए कहा था कि जब उनहें एक समारोह में सम्मानित कर शॉल दिया गया तो उन्होंने कहा, "आपने मुझे 75 साल की उम्र में शॉल दिया. मैं जानता हू.'' उन्होंने कहा कि इस मतलब समझाते हुए कहा कि जब किसी को 75 साल की उम्र में सम्मानित किया जाता है तो उसका मतलब होता है, अब आपका समय पूरा हो गया है. अब आप हट जाइए और हमें काम करने दीजिए."

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