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घर के लोगों के धोते थे कपड़े, चीनी राष्ट्रपति से है खास कनेक्शन... पीएम मोदी के अनकहे किस्से उन्हीं की जुबानी

पीएम मोदी का पहला पॉडकास्ट काफी चर्चा में है. इस पॉडकास्ट को निखिल कामथ ने लिया है. इस पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री ने बताया है कि वे बचपन में घर के लोगों के कपड़े धोते थे. उन्होंने यह भी बताया कि उनका चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से खास कनेक्शन है. आइए, प्रधानमंत्री के अनकहे किस्से उन्हीं की जुबानी जानते हैं..

घर के लोगों के धोते थे कपड़े, चीनी राष्ट्रपति से है खास कनेक्शन... पीएम मोदी के अनकहे किस्से उन्हीं की जुबानी
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( Image Source:  ANI )

PM Modi Podcast: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला पॉडकास्ट लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. इस पॉडकास्ट में उन्होंने अपने जीवन से जुड़े कई अनसुने किस्सों को बताया है. प्रधानमंत्री ने बताया कि वे बचपन में घर के लोगों के कपड़ों को खुद धोते थे. इसके अलावा, उनका चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी खास कनेक्शन है.

पीएम मोदी के पहले पॉडकास्ट को जेरोधा के फाउंडर निखिल कामथ ने लिया है. आइए, आपको प्रधानमंत्री के अनकहे किस्सों को उन्ही की जुबानी बताते हैं...

1- बचपन में सबके कपड़े धोते थे मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने पॉडकास्ट में बताया कि उनका जन्म उत्तरी गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर में हुआ. यह एक छोटा टाउन है. जब मैं पैदा हुआ तो गांव की करीब 15 हजार की आबादी थी. मेरा गांव गायकवाड़ स्टेट था. एक तालाब, पोस्ट ऑफिस और लाइब्रेरी समेत 4-5 चीजें होती थी. इस गायकवाड़ स्टेट की प्राइमरी स्कूल में ही मैंने पढ़ाई की थी. बचपन में मैं गांव में ही रहा. तालाब में स्वीमिंग सीखी. सबके कपड़े मैं खुद धोता था. भागवताचार्य नारायणाचार्य हाईस्कूल में स्कूली शिक्षा हुई. उस समय 10 +2 नहीं था, 11वीं कक्षा हुआ करती थी.

2- पढ़ाई और कॉम्पिटिशन से दूर रहते थे मोदी

पीएम मोदी ने बताया कि मैं बहुत सामान्य विद्यार्थी था. कोई मुझे नोटिस करें, ऐसा मेरे अंदर कुछ नहीं था, लेकिन मेरे टीचर्स मुझे बहुत प्यार करते थे. मैं पढ़ना और कॉम्पिटिशन से दूर रहता था. मेरी इसमें कोई रुचि नहीं थी. और एक्टिविटी मैं बहुत करता था. नई चीजों को पकड़ना मेरा नेचर था.

3- सीएम बनने के बाद अपनी चार इच्छाओं को किया पूरा

प्रधानमंत्री ने कहा, जब मैं सीएम बना तो मेरे मन में पहली इच्छा यह जागी कि मेरे जितने बचपन के दोस्त हैं, सबको सीएम हाउस में बुलाऊंगा. मैं नहीं चाहता था कि किसी व्यक्ति को लगे कि मैं अपने आपको बहुत तीस मार खां मान रहा हूं. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं वही व्यक्ति हूं, जो गांव छोड़कर गया था. मैंने उनके साथ खाना खाया. पुरानी बातों को ताजा किया, लेकिन मुझे उनके साथ ज्यादा आनंद नहीं आया, क्योंकि मैं दोस्त खोज रहा था, लेकिन वे मुझे सीएम समझ रहे थे. एक टीचर थे- रासबिहारी मनियार, वे मुझे चिट्ठियां भेजा करते थे. इसमें वे मुझे तू कहकर बुलाते थे. उनका 93 या 94 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके बाद अब कोई तू कहने वाला नहीं बचा.

पीएम ने कहा, मेरी दूसरी इच्छा थी कि मैं अपने सभी टीचरों का सार्वजनिक रूप से सम्मान करूं. इसलिए मैंने अपने सभी टीचरों को ढूंढ़ा और उनका सम्मान किया. करीब 30-32 टीचरों को बुलाया था. सभी का सम्मान किया. इसके बाद मैंने अपने परिवार के सभी लोगों को बुलाकर अपनी तीसरी इच्छा पूरी की. वहीं, अपनी चौथी इच्छा मैंने संघ में काम करते समय जिन लोगों ने मुझे खाना खिलाया था, उन्हें सीएम हाउस बुला कर पूरा किया.

4- शी जिनपिंग से है खास कनेक्शन

पीएम मोदी ने बताया कि 2014 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मेरे पहले कार्यकाल के दौरान मुझसे कहा कि वे भारत में मेरे गांव वडनगर का दौरा करना चाहते हैं. मैंने उनसे पूछा कि इसकी क्या वजह है? इस पर उन्होंने मुझे बताया कि मेरे और आपके बीच में स्पेशल कनेक्शन है. चीनी दार्शनिक व्हेन त्सांग आपके गांव में सबसे लंबे समय तक रहे. जब वे चीन लौटे तो मेरे गांव में रहे.

5- अमेरिका के वीजा न देने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कही थी बड़ी बात

पीएम मोदी ने बताया, 2005 में अमेरिका ने मुझे वीजा देने से इनकार कर दिया था. मैं उस समय विधायक था. अमेरिका जाना कोई बड़ी बात नहीं थी, लेकिन मुझे इससे देश का अपमान महसूस हुआ. इसके बाद मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अमेरिकी सरकार ने मेरा वीजा खारिज कर दिया है, लेकिन मैं एक ऐसा भारत देख रहा हूं, जहां दुनिया के लोग भारत के वीजा के लिए कतार में खड़े होंगे. आज 2025 आ गया है. मैं देख सकता हूं कि अब समय भारत का है.

6- एकल इंजन वाले हेलिकॉप्टर से गोधरा पहुंचे थे मोदी

प्रधानमंत्री ने बताया, 24 फरवरी 2002 को मैं पहली बार विधायक बना और 27 फरवरी को विधानसभा गया. मैं तीन दिन पुराना विधायक था, जब गोधरा कांड हुआ. हमें सबसे पहले ट्रेन में आग लगने की खबर मिली, फिर धीरे-धीरे हमें हताहतों की खबरें मिलने लगीं. मैं सदन में था और चिंतित था.

मोदी ने कहा, जैसे ही मैं बाहर आया, मैंने कहा कि मैं गोधरा जाना चाहता हूं. उस समय वहां केवल एक हेलिकॉप्टर था. मुझे लगता है कि यह ओएनजीसी का था, लेकिन उन्होंने कहा कि यह एकल इंजन वाला हेलिकॉप्टर है. इसलिए वे इसमें किसी वीआईपी को जाने की अनुमति नहीं दे सकते. उसके बाद मैंने उनसे कहा कि अगर मेरे साथ कुछ भी होगा तो उसके लिए मैं जिम्मेदार रहूंगा. जब मैं गोधरा पहुंचा तो मैंने दर्दनाक दृश्य देखे. इस पर मैंने खुद को नियंत्रित करने के लिए जो भी कुछ हो सकता था, किया.

7- अशोक भट्ट की सुनाई कहानी

पीएम मोदी ने कहा कि राजनीतिक जीवन सरल नहीं होता. अशोक भट्ट नाम के हमारे कार्यकर्ता थे. जीवन के अंत तक वे छोटे से घर में रहे. खुद की कोई गाड़ी नहीं थी. कई सालों तक मंत्री रहे. आप तीन बजे रात भी फोन कीजिए, वे तुरंत आपका कॉल उठा लेते थे. मैं उस समय राजनीति में नहीं था. अहमदाबाद-राजकोट हाईवे पर हादसे बहुत होते थे. मुझे सप्ताह में दो-तीन दिन फोन आते थे. मैं इस पर अशोक भट्ट को फोन किया करता था. वे कहते थे- अच्छा और थोड़ी देर में निकल जाते थे. वे किसी को पकड़ लेते थे या कभी ट्रक से चले जाते थे. पूरी जिंदगी उन्होंने ऐसे जिया.

8- मुसीबत ही सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी है

प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा जीवन मैंने नहीं बनाया, हालात ने बनाए हैं. मैं बचपन में जो जिंदगी गुजार कर आया हूं, मैं उसकी गहराई में नहीं जाना चाहता, लेकिन उस जिंदगी ने काफी कुछ सिखाया है. मुसीबत ही मेरी यूनिवर्सिटी है. उसी ने मुझे जीना सिखाया. मैं उस राज्य से आता हूं, जहां मैंने माताओं-बहनों को घड़ों में दो-तीन किलोमीटर दूर से पानी लाते हुए देखा है. आजादी के 75 साल बाद मैं सोचता हूं कि क्या मैं उनके घर-घर तक पानी पहुंचा सकता हूं.

9- बचपन में ऊंटपटांग चीजें सुनते थे मोदी

सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल पर पीएम मोदी ने कहा, मैं जब पहले संगठन में काम करता था तो राजनीति से जुड़े लोगों को कुछ नहीं करने पर भी गालियां मिलती थीं. अकाल पड़ने पर भी नेताओं को गालियां मिलती थीं. पहले पेपरों में छपता था, आज सोशल मीडिया है. सोशल मीडिया नई जनरेशन के लिए एक बड़ी ताकत बन रही है. मैं इसे उपयोगी समझता हूं. जब मैं छोटा था तो मैं बहुत ऊटपटांग चीजें सुनता था तो मुझे लगता था कि ये लोग क्यों ऐसा बोल रहे हैं. तब मुझे एहसास हुआ कि यह क्षेत्र ही ऐसा है, जिनमें आपको जीना है.

10- रिजल्ट के दौरान टीवी नहीं देखते थे मोदी

प्रधानमंत्री ने बताया कि 2002 में गुजरात में चुनाव था. मेरी जिंदगी की वह सबसे बड़ी कसौटी थी. रिजल्ट आ रहे थे, लेकिन मैं टीवी नहीं देख रहा था. करीब 11-12 बजे सीएम बंगले के नीचे ढोल की आवाजें आने लगीं. मेरे ऑपरेटर ने मुझे चिट्ठी भेजी कि आप दो तिहाई बहुमत से आगे चल रहे हैं.

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