Begin typing your search...

Operation Sindoor: राष्ट्र के नाम संबोधन में अमेरिका और चीन को क्या संदेश दे गए पीएम मोदी?

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि पहलगाम की आतंकी घटना उनके लिए व्यक्तिगत पीड़ा है. ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए उन्होंने पाकिस्तान और उसके समर्थकों को चेताया कि भारत अब हर हमले का घुसकर जवाब देगा. अमेरिका और चीन को भी संदेश दिया गया कि कोई मध्यस्थता नहीं चलेगी, और न्यूक्लियर ब्लैकमेल अब बर्दाश्त नहीं होगा.

Operation Sindoor: राष्ट्र के नाम संबोधन में अमेरिका और चीन को क्या संदेश दे गए पीएम मोदी?
X
नवनीत कुमार
By: नवनीत कुमार

Updated on: 13 May 2025 10:27 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन इस बार महज़ एक औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि एक रणनीतिक चेतावनी थी, जिसका लक्ष्य था आतंकवाद के सरपरस्तों को वैश्विक स्तर पर बेनकाब करना और भारत की बदलती सैन्य नीति को स्पष्ट रूप से दुनिया के सामने रखना.

पीएम ने पहली बार अपने भाषण में घटना को “व्यक्तिगत पीड़ा” बताया, जब उन्होंने पहलगाम की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक बच्चे के सामने उसके पिता की हत्या ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया. उनका यह बयान न सिर्फ राजनीतिक था, बल्कि यह दर्शाता था कि भारत अब भावनाओं से परे एक निर्णायक राष्ट्र के रूप में उभर चुका है.

अमेरिका के 'मध्यस्थता भ्रम' पर सीधा प्रहार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाक टकराव में अपने 'शांति प्रयासों' का ढोल पीटा, लेकिन पीएम मोदी ने बिना नाम लिए उसे खारिज कर दिया. 'ट्रेड और टेरर एक साथ नहीं चल सकते' कहकर मोदी ने संकेत दे दिया कि भारत की संप्रभुता अब व्यापारिक समीकरणों पर नहीं बिकेगी. उन्होंने दुनिया को यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अपने सुरक्षा हितों को लेकर अब किसी भी ‘मध्यस्थ’ देश की खुशामद नहीं करेगा चाहे वह अमेरिका ही क्यों न हो.

चीन को भी चेतावनी

पाकिस्तान को जिस अंदाज में पीएम मोदी ने ललकारा, उसका एक अप्रत्यक्ष संदेश चीन को भी गया. चीन, जो बार-बार पाकिस्तान की ढाल बनने की कोशिश करता है, अब यह समझ ले कि भारत की नई सैन्य नीति ‘हिट एंड होम’ की है. मतलब हमला जहां से होगा, जवाब वहीं घुसकर मिलेगा. ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने न केवल सैन्य कार्रवाई को न्याय की संकल्पना से जोड़ा, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि भारत अब “न्यू नॉर्मल” की ओर बढ़ चुका है. जहां कोई भी देश भारत की आत्मरक्षा की नीति पर सवाल नहीं उठा सकता.

‘न्यूक्लियर ब्लैकमेल’ की धमकियों पर दो टूक

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यह भी साफ किया कि भारत अब ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेल’ जैसी शब्दावली से डरने वाला नहीं है. यह सीधा इशारा पाकिस्तान और उन वैश्विक शक्तियों की ओर था जो परमाणु युद्ध की आशंका दिखाकर भारत पर कूटनीतिक दबाव बनाना चाहते हैं. मोदी की स्पष्ट भाषा में कहा गया, "कोई न्यूक्लियर ब्लैकमेल नहीं चलेगा" यह दर्शाता है कि भारत अब शक्ति संतुलन के सिद्धांत पर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के आत्मनिर्णय पर आधारित कार्रवाई करेगा.

आतंकवाद का वैश्विक नेटवर्क और उसका स्रोत

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर वैश्विक समुदाय को भी कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने स्पष्ट कहा कि चाहे 9/11 हो, लंदन बम धमाके हों या भारत में हुए हमले इन सबके पीछे कहीं न कहीं पाकिस्तान की जमीन और उसकी नीति रही है. भारत ने पहली बार खुले मंच से दुनिया को कहा कि "जिन्होंने हमारी बहनों का सिंदूर मिटाया, हमने उनके अड्डों को मिटा दिया." यह बयान बताता है कि भारत अब केवल आत्मरक्षा नहीं कर रहा, बल्कि वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ प्रतिशोध की राह पर भी है.

पाक की घुटनों पर लाने वाली रणनीति

भाषण का अंतिम हिस्सा भारत की सैन्य क्षमता और पाकिस्तान की रणनीतिक विफलता का खुला बयान था. पीएम ने बताया कि कैसे ऑपरेशन सिंदूर के तीन दिन बाद ही पाकिस्तान ने डीजीएमओ स्तर पर संपर्क किया और शांति की गुहार लगाई. भारत ने आतंकी ढांचों को नेस्तनाबूद कर दिखाया कि अब सिर्फ शब्दों से नहीं, परिणामों से जवाब दिया जाएगा. पाकिस्तान की तरफ से जब यह वादा आया कि अब कोई आतंकी दुस्साहस नहीं होगा, तभी भारत ने कार्रवाई रोकी. लेकिन यह भी चेतावनी दी गई कि अगली बार जवाब और भी घातक होगा.

ऑपरेशन सिंदूरनरेंद्र मोदीडोनाल्ड ट्रंपपाकिस्तान
अगला लेख