नीला ड्रम बेचने वाले से लेकर दवा दुकान वाले सभी बने गवाह, सौरभ हत्याकांड के 1000 पन्नों की चार्जशीट में क्या-क्या?
मेरठ के सौरभ हत्याकांड में पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. नींद की दवा देकर हत्या की गई, शव को ड्रम में छिपाया गया. पुलिस ने 36 गवाहों और डिजिटल सबूतों के आधार पर केस मजबूत किया है. जल्द ही ट्रायल शुरू होगा. मामला 'रेयरेस्ट ऑफ द रेयर' श्रेणी में बताया गया है.
मेरठ के चर्चित सौरभ हत्याकांड में अब पुलिस जांच अंतिम मोड़ पर पहुंच चुकी है. ब्रह्मपुरी थाना पुलिस ने मुख्य आरोपी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी. गुलाबी फाइलों में बंद यह चार्जशीट एक हजार पन्नों की है, जिसे इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी खुद सीजेएम कोर्ट लेकर पहुंचे. इस मामले में पुलिस ने कुल 36 गवाहों को शामिल किया है, लेकिन कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं मिला. जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह हत्या न तो अंधविश्वास का नतीजा थी, न ही तंत्र-मंत्र से जुड़ी थी. यह महज़ एक प्रेम कहानी का क्रूर अंत था, जहां एक पति प्रेम में रोड़ा बन गया था.
इस प्रेम प्रसंग की आड़ में हुई हत्या की पटकथा 3 मार्च की रात लिखी गई, जब इंदिरा नगर के सौरभ को उसकी पत्नी मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर पहले नींद की दवा खिलाई और फिर सीने में चाकू घोंप कर उसकी हत्या कर दी. क्रूरता की हद तब पार हुई जब उसका सिर और दोनों हाथ काट दिए गए. शव को नीले ड्रम में डालकर सीमेंट में दबा दिया गया. इसके बाद दोनों आरोपी हिमाचल भाग गए और फिर 18 मार्च को सच्चाई सामने आई, जब पुलिस ने ड्रम से सौरभ की क्षत-विक्षत लाश बरामद की.
नीला ड्रम बेचने वाला भी गवाह
पुलिस ने इस मामले में जितनी तेजी से कार्रवाई की, उतनी ही सख्ती से विवेचना भी की. 19 मार्च को दोनों आरोपियों को जेल भेजा गया और जांच का जिम्मा इंस्पेक्टर पचौरी को सौंपा गया. फोरेंसिक सबूतों को इकट्ठा कर प्रयोगशाला भेजा गया. नींद की दवा खरीदने वाली मेडिकल शॉप से लेकर नीला ड्रम बेचने वाले दुकानदार तक, सभी को गवाह बनाया गया है. अदालत में इन बयानों की अहम भूमिका रहेगी, क्योंकि चश्मदीद न होने के बावजूद परिस्थितिजन्य साक्ष्य पुलिस के पास मजबूत हैं.
सौरभ का भाई और कैब ड्राइवर है मुख्य गवाह
मुख्य गवाहों में सौरभ का भाई राहुल और कैब ड्राइवर अजब सिंह हैं, जिन्होंने घटना के बाद कई अहम जानकारियां दीं. पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर और घटनास्थल से शव बरामद करने वाली पुलिस टीम भी गवाहों की सूची में हैं. पुलिस की मानें तो यह एक ‘पूरी प्लानिंग से की गई हत्या’ है. मुस्कान ने दो फर्जी आईडी बनाकर स्नैपचैट के जरिये साहिल को लगातार उकसाया, जिसके डिजिटल साक्ष्य अब फोरेंसिक रिपोर्ट का हिस्सा होंगे.
ड्रम और हथियार के नहीं आए रिपोर्ट
फोरेंसिक लैब से जिन साक्ष्यों की रिपोर्ट का इंतजार है, उसमें खून के धब्बों वाले कपड़े, बाथरूम से मिले निशान, मोबाइल चैट्स, ड्रम और हथियार शामिल हैं. सभी रिपोर्ट सीधे कोर्ट में पेश की जाएंगी, जिससे अभियोजन को केस मजबूत करने में मदद मिलेगी. पुलिस का दावा है कि मुस्कान और साहिल की साजिश डिजिटल माध्यमों से भी साबित हो चुकी है, जो इस केस को एक मिसाल बनाएगी.
क्या बोले वकील और एसएसपी?
वरिष्ठ अधिवक्ताओं के अनुसार यह हत्या ‘रेयरेस्ट ऑफ द रेयर’ श्रेणी में आती है. उनका कहना है कि जिस बेरहमी से सौरभ की हत्या की गई और जिस प्रकार से एक वैवाहिक रिश्ते का विश्वास तोड़ा गया, वह इस केस को एक सामाजिक चेतावनी की तरह पेश करता है. एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने भी कहा कि पुलिस ने मजबूत केस तैयार किया है और अब जल्द ही ट्रायल शुरू कर न्याय की दिशा में एक ठोस कदम बढ़ेगा.





