नहीं सुधेरगा पाकिस्तान! पूंछ में मंदिर-मस्जिद और गुरुद्वारे पर किया हमला, 12 नागरिकों की मौत; दहशत में घरों को छोड़कर जा रहे लोग
पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर के पूंछ जिले में की गई सीमा पार गोलाबारी में 12 नागरिकों की मौत हो गई, जिनमें पाँच सिख समुदाय से थे. एक गोला श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा के कोने से टकराया जिससे इमारत को आंशिक नुकसान हुआ, जबकि एक मस्जिद में एक शिक्षक की मौत हुई. इससे पहले, भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को सटीकता से ध्वस्त कर दिया था.

Pakistan Ceasefire Violation Civilians Killed in Poonch: 7 मई की सुबह जब देश अपने रोज़मर्रा के कामों में व्यस्त था, तब जम्मू-कश्मीर के पूंछ में मौत बरस रही थी. पाकिस्तान की सेना ने न सिर्फ़ सीजफायर का उल्लंघन किया, बल्कि सीधे-सीधे आम नागरिकों को निशाना बनाया. गुरुद्वारे के शांत कोने में, जहां प्रार्थनाएं गूंजा करती थीं, अब गोलों की गूंज सुनाई दी. एक शिक्षक मस्जिद में पढ़ा रहा था...और वही उसकी आख़िरी क्लास बन गई.
एक गोला जब श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारे की दीवार से टकराया, तब सिर्फ़ खिड़कियों के शीशे नहीं टूटे, बल्कि सैकड़ों दिलों का चैन चकनाचूर हो गया. पांच सिख और कई मुस्लिम भाई- सभी निर्दोष, सभी शांतिप्रिय—इस क्रूरता के शिकार हो गए. पूंछ की गलियों में मातम पसरा है, हर आंख पूछ रही है- हमने क्या गुनाह किया था?
पूंछ के दर्द का जवाब भारत ने अपनी परंपरा के अनुसार संयम, सटीकता और साहस से दिया. 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत ने पीओके और पाकिस्तान के भीतर मौजूद नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया. भारतीय सेना ने सिर्फ़ आतंकियों को निशाना बनाया, ये भी सुनिश्चित किया कि किसी मासूम नागरिक को नुक़सान न हो. यह सिर्फ़ एक सैन्य जवाब नहीं था- यह एक संदेश था कि भारत सहनशील है, लेकिन कमज़ोर नहीं.
12 लोगों की हुई मौत
पाकिस्तान सेना द्वारा की गई भारी गोलाबारी ने पूंछ जिले में आम नागरिकों को भारी नुकसान पहुंचाया है. ज़िला गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष नरिंदर सिंह ने बताया कि इस गोलाबारी में लगभग 12 लोगों की जान चली गई, जिनमें से 5 सिख समुदाय से और बाकी मुस्लिम समुदाय से थे. उन्होंने केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की.
पूंछ-तंगधार में 15 नागरिकों की मौत
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार रात से पाकिस्तानी सेना द्वारा पूंछ और तंगधार में नागरिक इलाकों में की गई गोलाबारी में 15 निर्दोष नागरिक मारे गए हैं और 43 घायल हुए हैं. पाकिस्तानी सेना ने सीमावर्ती इलाकों में नागरिक इलाकों को निशाना बनाया है. गोलाबारी से ग्रामीणों में दहशत फैल गई. कई घरों को नुकसान पहुंचा है.
गोले से गुरुद्वारा के दरवाजे और कांच टूटे
नरिंदर सिंह ने बताया कि एक गोला श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा के एक कोने में भी गिरा, जिससे दरवाज़ा और कांच टूट गए. इस हमले में गीता भवन और एक मस्जिद भी चपेट में आई, जिससे एक शिक्षक की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को कोई समझ नहीं है. उसने नागरिकों पर बहुत बड़ा हमला किया है. उनका कहना है कि स्थानीय लोग दहशत में हैं. कई लोग अपने घरों को छोड़कर चले गए हैं.
सुखबीर सिंह बादल ने की हमले की निंदा
शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी पाकिस्तानी सेना के इस अमानवीय हमले की कड़ी निंदा की, जिसमें तीन सिख श्रद्धालुओं- भाई अमरीक सिंह, भाई अमरजीत सिंह और भाई रणजीत सिंह की जान चली गई. उन्होंने तीनों को श्रद्धांजलि दी और सरकार से उनके परिवारों को उचित मुआवज़ा देने की मांग की।
लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहा पाकिस्तान
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी पाकिस्तान की ओर से नागरिक इलाकों में संघर्षविराम उल्लंघन जारी रहा, जिससे कई घरों को नुकसान पहुंचा और लोग डर के साए में जीने को मजबूर हुए. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने 'सटीकता, सतर्कता और संवेदनशीलता' के साथ आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई कर एक नया इतिहास रच दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सेना को पूरा समर्थन देने के लिए धन्यवाद भी दिया.
'आतंकवादी ढांचे को नष्ट करना कार्रवाई का मकसद'
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की हत्या बेहद बर्बर तरीके से की गई थी, जिससे घाटी में सामान्य स्थिति को बिगाड़ने की साजिश थी. उन्होंने बताया कि भारत की कार्रवाई मापी-तौली, गैर-उकसावे वाली और जिम्मेदार थी, जिसका उद्देश्य आतंकवादी ढांचे को नष्ट करना था.
भारतीय सेना ने 9 आतंकी शिविरों को बनाया निशाना
विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि भारतीय सेना ने 9 आतंकी शिविरों को निशाना बनाकर पूरी तरह से नष्ट कर दिया, जिनमें मुरिदके, सियालकोट और कोटली जैसे इलाकों के आतंकी ठिकाने शामिल थे. यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से चलाया गया था. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी.