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Loitering Munition क्या है, जिसका भारत ने Operation Sindoor में किया इस्तेमाल? जानें क्यों कहा जाता है इसे 'सुसाइड ड्रोन'

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पहली बार अत्याधुनिक लॉइटरिंग म्यूनिशन यानी सुसाइड ड्रोन का इस्तेमाल किया. ये ड्रोन लक्ष्य के ऊपर मंडराकर सही समय पर खुद को विस्फोट कर देते हैं, जिससे दुश्मन को सटीक और तेज़ नुकसान होता है. इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पीओके स्थित आतंकवादी ठिकानों पर हमले किए गए, जिनमें लगभग 70 आतंकी मारे गए. भारत द्वारा उपयोग किए गए स्वदेशी ड्रोन जैसे नागस्त्र-1 और JM-1 देश की रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता की मिसाल हैं. ये ड्रोन अब भारत की आधुनिक सैन्य रणनीति का अहम हिस्सा बनते जा रहे हैं.

Loitering Munition क्या है, जिसका भारत ने Operation Sindoor में किया इस्तेमाल? जानें क्यों कहा जाता है इसे सुसाइड ड्रोन
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Loitering Munition meaning in Hindi: भारत ने 7 मई 2025 को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए. ये हमले 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में किए गए, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. भारत ने इन हमलों में आधुनिक 'लॉइटरिंग म्यूनिशन' (Loitering Munition) का उपयोग किया, जो आधुनिक युद्ध में एक महत्वपूर्ण तकनीक बनकर उभरी है.

लॉइटरिंग म्यूनिशन क्या है?

लॉइटरिंग म्यूनिशन, जिसे 'सुसाइड ड्रोन' या 'कामिकाज़े ड्रोन' भी कहा जाता है, एक प्रकार का मानव रहित हवाई वाहन (UAV) है जो लक्ष्य क्षेत्र के ऊपर मंडराता है और जैसे ही लक्ष्य की पहचान होती है, उस पर हमला करता है. यह तकनीक पारंपरिक मिसाइलों और ड्रोन के बीच की खाई को पाटती है, जिससे कम लागत में उच्च सटीकता वाले हमले संभव होते हैं.

भारत में विकसित प्रमुख लॉइटरिंग म्यूनिशन

1. नागस्त्र-1 (Nagastra-1)

  • नागपुर स्थित सोलर इंडस्ट्रीज़ द्वारा विकसित नागस्त्र-1 एक पूरी तरह से स्वदेशी, मैन-पोर्टेबल लॉइटरिंग म्यूनिशन है.
  • वजन: लगभग 1-1.5 किलोग्राम का विस्फोटक वारहेड
  • प्रणाली: इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन, जिससे यह 200 मीटर की ऊंचाई पर भी कम आवाज़ करता है
  • खासियत: मिशन को बीच में रोकने, पुनः प्राप्त करने और पुनः उपयोग करने की क्षमता
  • भारतीय सेना ने आपातकालीन खरीद के तहत 450 से अधिक नागस्त्र-1 म्यूनिशन का ऑर्डर दिया है।

2. JM-1

  • जॉननेट टेक्नोलॉजीज द्वारा विकसित JM-1 एक AI-सक्षम लॉइटरिंग म्यूनिशन है, जिसे विशेष रूप से उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है.
  • अधिकतम परीक्षण ऊंचाई: 18,000 फीट
  • ऑपरेशनल ऊंचाई: 500 मीटर
  • रेंज: 5 किलोमीटर
  • उड़ान समय: 25 मिनट तक
  • लॉन्च विधि: कैनिस्टर या हाथ से लॉन्च

ऑपरेशन सिंदूर में लॉइटरिंग म्यूनिशन की भूमिका

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकवादी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर सटीक हमले किए. इन हमलों में लॉइटरिंग म्यूनिशन का उपयोग करके लगभग 70 आतंकवादियों को मार गिराया गया. भारत ने इन हमलों को 'फोकस्ड, मेजर्ड और नॉन-एस्केलेटरी' बताया, जिसमें पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया था.

लॉइटरिंग म्यूनिशन की तकनीक ने भारत की सैन्य क्षमताओं में एक नया आयाम जोड़ा है. स्वदेशी रूप से विकसित इन प्रणालियों ने न केवल भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया है, बल्कि सीमित संसाधनों में उच्च प्रभावी हमले करने की क्षमता भी प्रदान की है. भविष्य में, ये तकनीकें भारत की रक्षा रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.

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