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Pahalgam Terror Attack: पहलगाम के गद्दार ‘स्लीपर-सेलों’ के अड्डे बम-बुलडोजर से बर्बाद, अब तलाश में निकली ‘बंदूकें’

22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय एजेंसियों ने ‘ऑपरेशन क्लीन-अप’ शुरू किया है. दो स्थानीय स्लीपर सेल आसिफ शेख और आदिल हुसैन ठोकर के ठिकानों को उड़ा दिया गया. गांव वालों ने भी चुपचाप समर्थन दिया. तीसरे आतंकी की तलाश जारी है. सुरक्षा बलों को आशंका है कि इन्हें ज़िंदा पकड़ना कठिन होगा, लेकिन इससे पाकिस्तान तक की आतंकी कड़ी का भंडाफोड़ संभव है.

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम के गद्दार ‘स्लीपर-सेलों’ के अड्डे बम-बुलडोजर से बर्बाद, अब तलाश में निकली ‘बंदूकें’
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संजीव चौहान
By: संजीव चौहान

Updated on: 25 April 2025 3:38 PM IST

दुनिया भर में कोहराम मचा देने वाले कश्मीर घाटी के पहलगाम में मंगलवार को दिन-दहाड़े हुए ‘अमंगल’ (Pahalgam Terrorist Attack) में भारतीय एजेंसियों ने ‘ऑपरेशन क्लीन अप’ शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में सबसे पहले उन दो गद्दार भारतीयों यानी ‘स्लीपर-सेल’ (Sleeper Cell) की पहचान की गई जो इस नरसंहार में, 28 बेगुनाहों की इस कदर की बर्बर मौत के पहले जिम्मेदार रहे हैं.

पाकिस्तान (Pakistan) और उसके आतकंवादियों (Pakistani Terrorist) से निपटने में तो पूरी भारत सरकार की कायनात ही जुटी है. इस ‘ऑपरेश क्लीन अप’ (Pahalgam Operation Clean Up) में भारतीय एजेंसियों ने साझा अभियान में सबसे पहले, दोनो अपने ही गद्दार स्लीपर-सेल की पहचान करके, उनके घरों को बर्बाद कर डाला. एक के घर को बम से उड़ा दिया, दूसरे के आशियाने को बुलडोजर से मिट्टी में मिला दिया.

आसिफ शेख और आदिल हुसैन थोकर ‘गद्दार’

त्राल (Tral Kashmir Valley) इलाके में जिस स्लीपर सेल यानी पाकिस्तानी आतंकवादियों को पनाह देने वाले, भारत के गद्दार का पता चला उसका नाम आसिफ शेख (Pahalgam Terrorist Asif Sheikh) है. आतंकवादी अपने इसी अड्डे से आतंकवादियों और आतंकवाद को पाल-पोस रहा था. यहां भारतीय एजेंसियों को विस्फोट भरे होने की भनक लगी थी. लिहाजा उसकी तलाशी लेने के बजाए एजेंसियों ने उसे बम से ही उड़ाकर स्वाहा कर दिया.

जवाबी एक्शन पर लोगों की खामोशी

दूसरे स्लीपर सेल या कहिए भारत के गद्दार आतंकवादी आदिल हुसैन थोकर (Pahalgam Terrorist Adil Hussain Thokar) का ठिकाना (आशियाना) बिजबेहरा में मिला. उसे बुलडोजर से मिट्टी में मिला डाला गया. इन दोनो ही बड़े जवाबी एक्शन के दौरान गांव वालों का मौन-समर्थन भारतीय एजेंसियों को मिला. मतलब, जब इन स्लीपर सेलों के मकान ढहाए और बम से उड़ाए जा रहे थे, तब गांव के किसी भी स्थानीय निवासी ने उसका कतई विरोध नहीं किया.

स्लीपर सेल आदिल थोकर, अली भाई, हाशिम मुसा

जिक्र करना जरूरी है कि इन तीनों ही मोस्ट वॉन्टेड स्लीपर सेल की मुखबरी करने वाले को, जम्मू कश्मीर पुलिस ने 20 लाख का इनाम देने की घोषणा की थी. उस घोषणा के चंद घंटे बाद ही इनमें से दो गद्दार स्लीपर-सेल (आदिल हुसैन थोकर और आसिफ हुसैन शेख) के बारे में पता चल गया. और दोनों को अड्डों को तबाह कर दिया गया. तीसरे आतंकवादी अली भाई का के पते-ठिकाने की तलाश जारी है. तीनों ही लश्कर-ए-तैयबा जैसे खतरनाक पाकिस्तानी आतंकवादी गुट के आतंकवादी हैं. 22 अप्रैल 2025 को इन्हीं तीनों ने मिलकर पहलगाम के पर्यटन स्थल बैसारन घाटी में तबाही मचाई और मचवाई थी.

जिंदा पकड़ा जाना जरूरी मगर बेहद मुश्किल है...

जब इन तीनों के बारे में पुख्ता जानकारी मिली. तो दो के ठिकाने तबाह कर डाले गए. जबकि तीनों की तलाश में अब भारतीय फौज, केंद्रीय सुरक्षा बल यानी सीआरपीएफ और बीएसएफ की बंदूकें इनकी ‘जिंदगियां’ जल्द से जल्द पूरी करने के लिए कश्मीर के संभावित इलाकों की ओर घूम गई हैं. हालांकि वहीं दूसरी ओर भारतीय खुफिया एजेंसी (आईबी) के उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि, इन सबको जिंदा पकड़ा बेहद जरूरी है. जिसकी संभावना न के बराबर है. क्योंकि भारतीय सुरक्षा बलों से आमना-सामना होने की हालत में यह सीधे गोली से बात करेंगे. जिसका जवाब भी गोली से ही दिया जाना मजबूरी होगा. अगर यह जीवित मिलेंगे तो, पहलगाम नरसंहार कांड की पूरी चेन (भारत से लेकर पाकिस्तान तक) हमें मिल सकती है. जो बेहद काम की साबित होगी.

आतंकी हमला
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