ऑपरेशन सिंदूर बना आतंक का काल! LOC से लेकर आसमान तक पाकिस्तान को करारा जवाब... 100 आतंकी और 40 जवान ढेर
भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी और 35-40 पाक सैनिक मारे गए. 7 से 10 मई के बीच वायुसेना ने नौ आतंकी अड्डों पर सटीक हमले किए, जबकि सेना ने एलओसी पर पाकिस्तान की गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया. नौसेना ने भी सटीक हथियार और समर्थन प्रदान किया, जिससे यह एक संयुक्त सैन्य अभियान बना. पाकिस्तान के एयरबेस, कमांड सेंटर्स और सैन्य ढांचों पर हुए हमलों से उसकी क्षमताओं को बड़ा नुकसान पहुंचा.

Operation Sindoor : भारतीय सशस्त्र बलों ने रविवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' पर एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें सेना के लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वायुसेना के एयर मार्शल ए.के. भारती और नौसेना के वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने हिस्सा लिया. यह प्रेस वार्ता भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के एक दिन बाद हुई थी.
इस प्रेस वार्ता में बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने अपने टारगेट को हासिल कर लिया. सेना ने पाकिस्तान के हर हमले को नाकाम कर दिया. वहीं, पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ है. उसके एयरबेस को भी तबाह कर दिया गया है. यह भी बताया गया कि पाकिस्तान ने ही सीजफायर के लिए पहल की थी.
पाकिस्तानी सेना के 35-40 जवान मारे गए
डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई के अनुसार, 7 से 10 मई के बीच भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच हुई तोपखाने की गोलाबारी में पाकिस्तान के 35 से 40 सैनिक मारे गए. यही नहीं, भारतीय वायुसेना ने 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में स्थित नौ आतंकी शिविरों पर सटीक हमले किए, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. सेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर यह अभियान चलाया, जिससे पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश गया कि भारत आतंकवाद और आक्रामकता को बर्दाश्त नहीं करेगा.
हमलों में पाकिस्तान के एयरबेस, कमांड सेंटर्स और सैन्य ढांचे को निशाना बनाया गया, जिससे उनकी सैन्य क्षमताओं को गंभीर नुकसान पहुंचा. भारतीय सेना ने स्पष्ट किया कि किसी भी उल्लंघन का कड़ा जवाब दिया जाएगा, और सेना प्रमुख ने कमांडरों को पूर्ण अधिकार दिए हैं कि वे आवश्यकतानुसार कार्रवाई करें.
भारत के पांच जवान हुए शहीद
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “मैं ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए अपने पांच सैन्य साथियों और उन निर्दोष नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं,जिन्होंने इस अभियान में अपनी जान गंवाई. हमारा दिल उन शोकाकुल परिवारों के साथ है... उनके बलिदान को देश कभी नहीं भूलेगा. हमने अब तक बेहद संयम और संतुलित दृष्टिकोण अपनाया है, हमारी कार्रवाई सोच-समझकर और उकसावे से दूर रही है, लेकिन यदि भारत की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता या नागरिकों की सुरक्षा को कोई खतरा हुआ, तो उसका जवाब निर्णायक शक्ति से दिया जाएगा.”
पाकिस्तान ने 8 मई की रात वायुसेना के कई बेसों पर किया हमला
एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा कि 8 मई की रात करीब 8 बजे से पाकिस्तान की ओर से कई मानवरहित हवाई प्रणालियां, ड्रोन और कॉम्बैट व्हीकल्स ने भारतीय वायुसेना के कई बेसों पर हमला किया. ये हमले जम्मू, उधमपुर, पठानकोट, अमृतसर, बठिंडा, डलहौजी और जैसलमेर जैसे ठिकानों पर लगभग एक साथ और लहरों में किए गए. हालांकि, हमारी एयर डिफेंस यूनिट्स पूरी तरह से सतर्क थीं. हर लहर का हमारी प्रशिक्षित टीम ने आधुनिक और परंपरागत सिस्टम जैसे पेचोरा और IAF के SAMAR सिस्टम से मुकाबला किया. इन हमलों के बावजूद जमीन पर किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ. पाकिस्तानी तरफ से किए गए ये समन्वित हमले पूरी तरह नाकाम रहे.
'पाकिस्तान पर हमने किया सुनियोजित हमला'
एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा कि यह तय किया गया कि हम दुश्मन पर वहीं वार करेंगे, जहां उसे सबसे ज़्यादा चोट पहुंचे. इसी सोच के तहत, एक तेज़, समन्वित और सुनियोजित हमले में हमने पाकिस्तान के वायुसेना अड्डों, कमांड सेंटर्स, सैन्य ढांचे और एयर डिफेंस सिस्टम्स को निशाना बनाया- वह भी पूरे वेस्टर्न फ्रंट पर. उन्होंने बताया कि हमने चकलाला, रफीक और रहीम यार खान जैसे अहम एयरबेस पर हमला किया, जिससे यह स्पष्ट संदेश गया कि आक्रामकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसके बाद हमने सरगोधा, भुलारी और जैकोबाबाद में भी हमले किए. हम इन ठिकानों पर मौजूद हर सिस्टम को सटीकता से निशाना बनाने की क्षमता रखते हैं .
'हमने अपने मकसद को पूरा कर लिया है'
एयर मार्शल भारती ने कहा कि हमने पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने के अपने मकसद को हासिल कर लिया है. इसे पूरी दुनिया देख रही है.
'10 मई को दोपहर 3:35 बजे पाकिस्तानी DGMO से बातचीत हुई'
DGMO राजीव घई ने बताया, 10 मई की दोपहर 3:35 बजे मेरी पाकिस्तानी DGMO से बातचीत हुई, जिसके बाद शाम 5 बजे से दोनों देशों के बीच गोलीबारी और हवाई घुसपैठ रोकने पर सहमति बनी. यह प्रस्ताव पाकिस्तान की ओर से आया था. हमने यह भी तय किया कि 12 मई को दोपहर 12 बजे फिर बात करेंगे ताकि इस समझौते को टिकाऊ बनाया जा सके, लेकिन जैसा कि अपेक्षित था, पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों में सीमा पार गोलीबारी और ड्रोन घुसपैठ के जरिए इस समझौते का उल्लंघन कर दिया. इन सभी उल्लंघनों का हमारी सेना ने ज़ोरदार जवाब दिया.
'सीजफायर उल्लंघन का सख्ती से दिया जाएगा जवाब'
राजीव घई ने बताया कि आज हमने एक और हॉटलाइन संदेश भेजकर 10 मई को हुई DGMO वार्ता की शर्तों के उल्लंघन की जानकारी दी है और यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि आज रात या आगे फिर कोई उल्लंघन हुआ, तो उसका जवाब बेहद सख़्ती से दिया जाएगा." सेना प्रमुख ने अपने कमांडरों को पूर्ण अधिकार दे दिए हैं कि वे किसी भी उल्लंघन की स्थिति में तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करें.
भारतीय नौसेना की ऑपरेशन सिंदूर में भूमिका
वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने कहा, “22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी प्रायोजित आतंकियों द्वारा निर्दोष पर्यटकों पर हुए कायराना हमले के तुरंत बाद, भारतीय नौसेना की कैरियर बैटल ग्रुप, सतही युद्धपोत, पनडुब्बियां और एयर विंग को पूर्ण युद्ध तत्परता के साथ समुद्र में तैनात कर दिया गया. केवल 96 घंटे के भीतर अरब सागर में हमने कई हथियार परीक्षण कर रणनीति को और बेहतर किया. हमारी नौसेना उत्तरी अरब सागर में निर्णायक और प्रतिरोधक मुद्रा में अग्रिम रूप से तैनात रही, पूरी क्षमता के साथ समुद्र और जमीन (जैसे कराची) पर चुनिंदा लक्ष्यों को मारने की तैयारियों सहित... इस तैनाती ने पाकिस्तान को रक्षात्मक मुद्रा में ला दिया उनके नौसैनिक और वायु इकाइयां बंदरगाहों या तट के बहुत करीब ही रहीं, जिन्हें हमने लगातार मॉनिटर किया. हमारी प्रतिक्रिया शुरू से ही मापी हुई, जिम्मेदार और तनाव न बढ़ाने वाली रही है. फिलहाल अभी भी किसी भी दुश्मनी भरे कदम का निर्णायक जवाब देने के लिए भारतीय नौसेना पूरी सतर्कता और शक्ति के साथ समुद्र में तैनात है.”