भारत के 'ब्रह्मास्त्र' के आगे पाकिस्तान ने टेके घुटने, BrahMos को नहीं रोक सकता दुनिया का कोई एयर डिफेंस सिस्टम
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पहली बार युद्ध में BrahMos सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल का इस्तेमाल किया और पाकिस्तान के कई एयरबेस को मिनटों में तबाह कर दिया. यह मिसाइल इतनी तेज़ और घातक है कि पाकिस्तान, चीन या किसी भी देश का एयर डिफेंस सिस्टम इसे रोक नहीं सकता. रफीकी, सर्गोधा, स्कर्दू जैसे एयरबेस पर हमले में ब्रह्मोस ने रनवे और सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को गंभीर नुकसान पहुंचाया.

जब भारत का ब्रह्मास्त्र आसमान चीरते हुए पाकिस्तान की सैन्य छाती पर गिरा, तो न कोई चेतावनी थी, न कोई रोकने की ताकत. सिर्फ कुछ मिनटों में पाकिस्तान के एयरबेस, सर्गोधा से लेकर स्कर्दू और रफीकी से लेकर रहिम यार खान तक राख के ढेर में तब्दील हो गए. रिपोर्ट्स के मुताबिक यह कोई साधारण मिसाइल हमला नहीं था, बल्कि था युद्ध में BrahMos का पहला प्रयोग, वो भी एक ऐसे वक्त पर जब पाकिस्तान अपने ड्रोन, फाइटर जेट्स और लंबी दूरी की मिसाइलों से भारत के सैन्य और नागरिक ठिकानों को निशाना बना रहा था.
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में अपने सबसे घातक और आधुनिक हथियारों में से एक, BrahMos सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल का इस्तेमाल कर इतिहास रच दिया है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के पूर्व महानिदेशक डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा ने पुष्टि करते हुए कहा कि “BrahMos को दुनिया का कोई भी एयर डिफेंस सिस्टम इंटरसेप्ट नहीं कर सकता, न पाकिस्तान का, न चीन का, और न ही किसी और देश का.”
BrahMos, जिसे भारत और रूस ने मिलकर विकसित किया है, दुनिया की सबसे तेज़ सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल मानी जाती है और अब पाकिस्तान को इसका स्वाद मिल चुका है. जब यह मिसाइल 3 Mach की रफ्तार से पाकिस्तान की सीमाओं को चीरती हुई टारगेट पर गिरी, तो न तो PAF के एयर डिफेंस सिस्टम कुछ कर सके, न ही उनके रडार पर कोई वक्त पर चेतावनी मिली. यह वही मिसाइल है जिसे न अमेरिका रोक सकता है, न चीन और न ही पाकिस्तान.
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने एक के बाद एक सटीक और निर्णायक वार किए, और हर बार BrahMos ने यह साबित किया कि भारत अब सिर्फ परमाणु ताकत नहीं, बल्कि सर्जिकल सटीकता वाली मिसाइल ताकत भी है. पाकिस्तान के लिए यह सिर्फ एक हार नहीं थी, बल्कि उसकी सैन्य रणनीति की नींव पर पड़ी गहरी दरार थी.
भारत ने क्यों चुना BrahMos को?
सैटेलाइट तस्वीरों और पाकिस्तानी बयानों से साफ है कि सर्गोधा, स्कर्दू, भोलारी, चकवाला, रहिम यार खान, रफीकी, मुरिद जैसे एयरबेस पर किए गए हमलों में BrahMos का प्रयोग किया गया. BrahMos की स्पीड, रेंज और सटीकता ने पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को तगड़ा झटका दिया. रविवार को लखनऊ में ब्रह्मोस प्रोडक्शन यूनिट के उद्घाटन के वक्त यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में इसका इस्तेमाल किया गया.
BrahMos: भारत का सुपरसोनिक 'ब्रह्मास्त्र'
- गति (Speed): 2.8-3.0 Mach (आवाज़ से लगभग तीन गुना तेज़)
- रेंज (Range): 300 से 800 किलोमीटर तक
- माध्यम (Platforms): जमीन, समुद्र, वायु (Su-30 MKI से लॉन्च संभव)
- वारहेड (Warhead): पारंपरिक (Non-nuclear), 200-300 किलोग्राम
- प्रभाव: रनवे, बंकर, रडार, हथियार भंडार तक नष्ट
ऑपरेशन सिंदूर: रनवे से उड़ान ही छीन ली
Pakistan-occupied Kashmir और पंजाब क्षेत्र के अंदर तक भारत की ये मिसाइलें पहुंचीं और सर्गोधा एयरबेस पर रनवे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. वहीं रफीकी और मुरिद एयरबेस की UAV और फाइटर स्क्वाड्रन यूनिट्स ठप पड़ गईं. साथ ही नूर खान और भोलारी में भारी नुकसान होने की खबर है जिसकी वजह से एयर मोबिलिटी ठप पड़ गई.
भारत की सैन्य नीति: पहले वार नहीं, लेकिन ज़रूर जवाब
भारतीय वायुसेना की अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह और सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने स्पष्ट किया, “हम सिर्फ सैन्य ठिकानों को निशाना बना रहे हैं. हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन अगर उकसाया गया, तो जवाब बिल्कुल देंगे और वो भी निर्णायक.”
क्यों BrahMos है भारत की मिसाइल शक्ति का शिखर?
- तेज़, सटीक और दुनिया में अपराजेय
- हर मौसम और इलाके में लॉन्च योग्य
- दुश्मन को चौंकाने और पंगु करने में सक्षम