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भारत-पाक के बीच 'मिसाइल-ड्रोन वॉर' के 100 घंटे, कैसे पाकिस्‍तान को घुटनों पर ले आया INDIA - पूरी कहानी

7 से 10 मई 2025 तक चली 100 घंटे की जंग में भारत ने पाकिस्तान को निर्णायक जवाब दिया. ऑपरेशन 'सिंदूर' के तहत आतंकवादी ठिकानों पर हमला कर भारत ने साफ किया कि अब हर आतंकी वारदात का जवाब युद्ध स्तर पर मिलेगा. मिसाइल, ड्रोन, एयरस्ट्राइक और डिप्लोमैटिक दबाव से भारत ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया. अब भारत की नई रेड लाइन तय हो चुकी है.

भारत-पाक के बीच मिसाइल-ड्रोन वॉर के 100 घंटे, कैसे पाकिस्‍तान को घुटनों पर ले आया INDIA - पूरी कहानी
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नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Updated on: 11 May 2025 10:53 AM IST

"हमले की शुरुआत पाकिस्तान ने की थी, लेकिन भारत ने अंजाम तक पहुंचाया", यह वाक्य 7 से 10 मई 2025 तक चले 100 घंटे की युद्ध कथा का सार है. 22 अप्रैल 2025 की रात जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने जो चिंगारी लगाई थी, वो 7 मई को ज्वाला बन गई.

भारत ने पहली बार खुलकर जवाब दिया, न सिर्फ शब्दों में, बल्कि मिसाइलों, ड्रोन और एयरस्ट्राइक से. ऑपरेशन 'सिंदूर' के साथ शुरू हुई ये लड़ाई 100 घंटे तक चली, जिसमें दोनों परमाणु ताकतें आमने-सामने थीं. आइए समझते हैं दोनों देशों के बीच जबरदस्‍त तनाव के उन 100 घंटों की पूरी टाइमलाइन.

पहला वार: ऑपरेशन सिंदूर का आगाज़

7 मई की सुबह भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” लॉन्च किया. इजरायली तकनीक से लैस HARPY ड्रोन और स्मार्ट मिसाइलों के जरिए पाकिस्तान और POK में मौजूद 17 आतंकवादी शिविरों को नेस्तनाबूद किया गया. यह भारतीय वायुसेना का Surgical Strike से आगे का कदम था. जवाब में उसी रात पाकिस्तान ने पहली मिसाइल बारिश की शुरुआत की, जिनमें से 8 जम्मू-कश्मीर की ओर दागी गईं. लेकिन भारत के Air Defence System और C-UAS नेटवर्क ने लगभग सभी हमलों को नाकाम कर दिया.

दूसरा वार: ड्रोन की आंधी और जामिंग का कमाल

8 मई की रात पाकिस्तान ने तुर्की के बनाए हुए SONGAR ड्रोन से हमला बोला, एक साथ 300 से 400 ड्रोन भारत के 36 शहरों की तरफ उड़ चले. लेकिन भारतीय सेना ने न केवल 50 ड्रोन मार गिराए, बल्कि रेडियो फ्रीक्वेंसी जैमिंग से कई दर्जन और ड्रोन को रास्ते में ही निष्क्रिय कर दिया.

तीसरा वार: आम लोगों को बनाया निशाना

9 मई की रात पाकिस्तान ने बड़ा दुस्साहस किया. उसने जम्मू के उधमपुर, पंजाब के पठानकोट और गुजरात के भुज में भारतीय सैन्य ठिकानों के साथ-साथ स्कूल और अस्पतालों जैसे नागरिक ठिकानों को भी निशाना बनाया. भारत ने इसे युद्ध की रणनीति में बदलाव बताया और पाकिस्तान को “कायर” करार दिया. इस हमले में राजौरी में एक सीनियर सरकारी अधिकारी की मौत हो गई और पंजाब के फिरोजपुर में कई नागरिक घायल हुए.

चौथा वार: जवाब में 'एक्ट ऑफ वॉर' की घोषणा

10 मई को भारत ने न केवल पाकिस्तान की तीसरी ड्रोन लहर को नष्ट किया, बल्कि दुनिया को चौंकाते हुए पहली बार आधिकारिक रूप से ‘Act of War’ की घोषणा की. इसका मतलब – अब पाकिस्तान की किसी भी हरकत को भारत युद्ध समझेगा और उसका जवाब भी युद्धस्तर पर देगा. इस ऐलान के साथ ही भारत ने अपनी “रेड लाइन” को सार्वजनिक नहीं किया, यानी पाकिस्तान को अब यह पता नहीं होगा कि उसकी कौन सी हरकत भारत को हमले के लिए उकसा सकती है.

कूटनीतिक मोर्चा: अमेरिका की मध्यस्थता

10 मई की दोपहर तक दोनों देशों के नागरिक फिर से ब्लैकआउट, एयरसायरन और बंकरों में रात बिताने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन तभी एक बड़ी कूटनीतिक हलचल हुई. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में वॉशिंगटन, नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच देर रात बातचीत हुई और एक “शर्तों वाला” युद्धविराम तय हुआ. शर्त ये थी कि भारत सिंधु जल संधि को फिर से एक्टिवेट नहीं करेगा.

युद्ध की कीमत और भारत की बढ़त

भारत ने इस 100 घंटे की जंग में जहां सिर्फ सैन्य ठिकानों को टारगेट किया, वहीं पाकिस्तान की सेना नागरिक ठिकानों पर भी टूट पड़ी. बावजूद इसके, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के एक अमेरिकी F-16 और दो चीनी JF-17 फाइटर जेट को गिराने का दावा किया. वहीं पाकिस्तान ने एक भारतीय राफेल को निशाना बनाने का फर्जी दावा किया.

नतीजा: पाकिस्तान घुटनों पर

10 मई शाम 5 बजे सीजफायर लागू हुआ, लेकिन तब तक पाकिस्तान के 26 बड़े शहरों में भारतीय मिसाइलों और ड्रोन का कहर टूट चुका था. कराची, लाहौर, इस्लामाबाद में स्थित कई सैन्य कमांड सेंटर तबाह हो चुके थे. भारत ने स्पष्ट कर दिया – अब कोई भी आतंकी हमला, युद्ध के जवाब में तब्दील होगा. अब युद्ध की परिभाषा बदल चुकी है. पहलगाम हमले ने भारत को वो मौका दिया, जिसका पाकिस्तान ने कभी अंदाजा नहीं लगाया था. अब हर गोली का जवाब मिसाइल से और हर ड्रोन का हिसाब एक्शन से होगा.

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