Effects of Ceasefire: “ACT OF WAR” के भीतर छिपी “Redline” का मतलब और उसकी अहमियत समझिए - INSIDE STORY
पहलगाम में हुए हिंदुओं के नरसंहार के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए पाकिस्तान को बुरी तरह सबक सिखाया. पाकिस्तान ने जान बचाने के लिए भारत से सीजफायर की भीख मांगी, लेकिन भारत ने सिर्फ सीजफायर नहीं, बल्कि उसके साथ "ACT OF WAR" का खौफनाक तीर भी छोड़ा. इसका मतलब साफ है, अगर अब पाकिस्तान ने आतंकवाद के जरिए भारत की सीमा लांघने की कोशिश की, तो भारत इसे युद्ध की घोषणा मानकर करारा जवाब देगा.

पहलगाम में धर्म पूछकर हिंदुओं के (Pahalgam Terror Attack) कत्ल-ए-आम के बाद भारत की ओर से धधकाए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के ‘तंदूर’ की लपटों में, मक्कार पाकिस्तान ‘सीजफायर’ के बाद भी जल-भुन-सुलग रहा है. मतलब, पाकिस्तान ने जान बचाने की गरज से घुटनों पर गिरकर भारत से भीख में ‘सीजफायर’ भले ही हासिल कर लिया हो. इसके बाद भी भारत के ‘ऑपरेशन-सिंदूर’ (Operation Sindoor) की तपिश पाकिस्तान (Pakistan) के बदन से दूर होने का नाम नहीं ले रही है.
इसकी वजह है हिंदुस्तानी हुकूमत द्वारा ‘सीजफायर’ (Ceasefire) के संग ही पाकिस्तान की छाती पर चला डाला गया “ACT OF WAR” तीर. जिसके तहत अब भारत जब देखेगा कि पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अगर, एक कदम भी भारत की हदों में रखा तो, हिंदुस्तान उसे पाकिस्तान द्वारा भारत (Indian Army) के साथ की गई युद्ध की शुरुआत मानकर, वैसा ही मुंहतोड़ जवाब देगा. मतलब, ‘सीजफायर’ से फौरी तौर पर भारत के हाथों ऑपरेशन सिंदूर में ही ठिकाने लगते-लगते, पाकिस्तान की जो थोड़ी-बहुत सांसें बच सकी थीं. वह सांसे अब भारत ने ‘ACT OF WAR’ के तीर की नोक पर लाकर टांग ली हैं.
ACT OF WAR पाकिस्तान पर “उड़ता तीर” है
“स्टेट मिरर हिंदी” से विशेष बातचीत करते हुए भारतीय थलसेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल वीके चतुर्वेदी (Indian Army Lieutenant General VK Chaturvedi Rtd.) कहते हैं, “ऑपरेशन सिंदूर की मार से तबाह पाकिस्तान लंगड़ाता हुआ भारत के पास आया तो था, सीजफायर की भीख मांगने. ताकि भारत की सेनाएं उसकी (पाकिस्तान) बाकी बची सांसों को बख्श दें. भारत ने कूटनीतिक चाल चलकर सीजफायर लागू करके दुनिया को बता दिया कि, चलो कोई बात नहीं. भारत शांतिप्रिय देश है. जब भारत के हाथों बुरी तरह पिट चुका पाकिस्तान रहम की भीख-मौहलत मांग रहा है तो वह उसे दे दी जाए.
आंख दिखाते ही ‘तीर’ पाकिस्तान का सीना चीर देगा
चूंकि सन् 1947 से भारत देखता आ रहा है कि मतलबपरस्त पाकिस्तान कुत्ते की टेढ़ी दुम है. जो कभी सीधी नहीं हो सकती है. इसलिए हिंदुस्तानी हुकूमत ने “सीजफायर” के साथ एक उड़ता हुआ तीर भी पाकिस्तान की छाती की तरफ छोड़ दिया. भारत द्वारा पाकिस्तान की ओर छोड़ा गया यह उड़ता हुआ तीर, पाकिस्तान की छाती को तभी भेदकर तब तार-तार कर डालेगा जब, पाकिस्तान फिर से भारत की ओर आंख उठाकर देखने की गलती दोहराएगा. इसी तीर का नाम है एक्ट ऑफ वॉर (ACT OF WAR). सीजफायर ने जहां पाकिस्तान की हाल-फिलहाल जान बख्श दी है. वहीं इस एक्ट ऑफ वॉर के तीर ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है.”
पाकिस्तान के ऊपर कच्चे सूत में बंधी तलवार
भारत द्वारा गजब की कूटनीतिक चाल का जिक्र करते हुए और इस वक्त अमेरिका में मौजूद, भारतीय थलसेना के रिटायर्ड मेजर जनरल सुधाकर जी (Indian Army Major General Sudhakar Jee Rtd.) स्टेट मिरर हिंदी से एक्सक्सूलिव बातचीत में कहते हैं, “सीजफायर के साथ भारत द्वारा पाकिस्तान के ऊपर डाला गया एक्ट ऑफ वॉर, ठीक वैसे ही है जैसे कि मानो किसी हाथ-पैर बंधे हुए के सिर-छाती के ऊपर, कच्चे धागे में बांधकर तलवार लटका दी जाए. जो न मालूम कब सूत के कच्चे धागे से टूटकर नीचे मौजूद बेबस इंसान का सीना या सिर चीर डाले. मेरी नजर में तो अगर हिंदुस्तानी हुकूमत ने अव्वल दर्जे की कूटनीति का इस्तेमाल न करते हुए, पाकिस्तान को सिर्फ सीजफायर ही भीख में दिया होता तो उसका असर उतना नहीं होता जितना कि, सीजफायर के साथ भारत ने तीन दिन के ऑपरेशन सिंदूर में ही अधमरे हो चुके, पाकिस्तान के सिर और छाती के ऊपर “एक्ट ऑफ वॉर” का न सह पाने वाला वजन रख दिया है.”
हिंदुस्तानी कूटनीति ने पाकिस्तान त्रिशुंक में टांगा
भारतीय थलसेना में 40 साल सेवा देकर मेजर जनरल से पद से सेवानिवृत्त हो चुके सुधाकर जी कहते हैं, “अगर भारत ने पांवों में पड़े गिड़गिड़ाते हुए पाकिस्तान को सीजफायर दे दिया होता, तब तो वह अपने देश की जनता और भारत दे दुश्मन दोस्तों में जाकर यही फैलाता कि, भारत ने उसके (पाकिस्तान) डरके मारे सीजफायर लागू कर दिया. चूंकि भारत, मक्कार पाकिस्तान की हर चाल को समझता है. लिहाजा भारत ने अपनी मजबूत विदेश नीति और कूटनीति का इस्तेमाल करते हुए सीजफायर के संग, पाकिस्तान को एक्ट ऑफ वॉर देकर उसे त्रिशुंक में टांग दिया है. पाकिस्तान की समझ में नहीं आ रहा है कि वह भारत से भीख में मिले सीजफायर का जश्न मनाए या फिर, सीजफायर के साथ भारत द्वारा उसके ऊपर (पाकिस्तान पर) सोची-समझी रणनीति के तहत ठोंके गए एक्ट ऑफ वॉर का मातम मनाए.”
पाकिस्तान के खिलाफ ACT OF WAR पहली बार
भारतीय थलसेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल वीके चतुर्वेदी, मेजर जनरल सुधाकर जी और कारगिल वॉर (Kargil War) योद्धा के रूप में भारतीय फौज को सेवा दे चुके बोफोर्स तोप चलाने के महारथी रिटायर्ड कर्नल उदय प्रताप सिंह चौहान (Indian Army Colonel Uday Pratap Singh Chauhan Rtd), स्टेट मिरर हिंदी ने भारत की थलसेना के इन तीनों ही बहादुरों से एक सवाल पूछा कि, “एक्ट ऑफ वॉर से क्या पाकिस्तान डर जाएगा जो हमेशा भारत की जड़ें खोदने में जुटा रहता है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, दरअसल एक्ट ऑफ वॉर भारत ने पहली बार पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल किया है.”
“ACT OF WAR” में “REDLINE” की अहमियत
भारतीय थलसेना के तीनों ही पूर्व अफसरों के अनुसार, “भारत ने इस बार एक्ट ऑफ वॉर की गजब की कूटनीतिक चाल चलकर, पाकिस्तान को बुरी तरह से चौतरफा घेर लिया है. अभी पाकिस्तान को इसका अहसास नहीं होगा. क्योंकि अभी तो वह ऑपरेशन सिंदूर की मार से सीजफायर की बदौलत खुद को साबुत बचा ले जाने के जश्न में होगा. पाकिस्तान को एक्ट ऑफ वॉर की कीमत उस दिन पता चलेगी जब वह, भारत में आइंदा किसी भी आतंकवादी गतिविधि को अंजाम दिलवाने की गलती करेगा. भारत ने सीजफायर के दौरान लागू किए एक्ट ऑफ वॉर के भीतर मौजूद रहने वाली रेडलाइन (Redline) न खोलकर, पाकिस्तान के खिलाफ तुरुप का पत्ता चल दिया है.
‘एक्ट ऑफ वॉर’ की गेंद हमेशा भारत के पाले में होगी
जहां तक देखने को मिल रहा है ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद लागू सीजफायर में दुनिया सिर्फ सीजफायर और एक्ट ऑफ वॉर देख रही है. कोई इस वक्त एक्ट ऑफ वॉर के अंदर छिपी बैठी रेडलाइन का जिक्र नहीं कर रहा है. यह भी भारत की एक गजब की रणनीति ही लगती है हमें तो. क्योंकि रेडलाइन का दुनिया के सामने भारत द्वारा न खोला जाना गजब का काम है. दरअसल एक्ट ऑफ वॉर के अंदर छिपी रेडलाइन वह खतरनाक उड़ता तीर है जो, जरूरत पड़ने पर भारत के लिए रामबाण और पाकिस्तान के लिए अकाल मौत को दावत देने जैसी साबित होगी. एक्ट ऑफ वॉर के इस्तेमाल में रेडलाइन दरअसल यह तय करेगी कि, पाकिस्तान द्वारा किस तरह की आतंकवादी घटना भारत की हद में अंजाम दिए जाने पर, भारत जवाब में एक्ट ऑफ वॉर लागू करेगा? मतलब, रेडलाइन में यह तय होगा कि पाकिस्तान द्वारा एक, दो, कोई बड़ी या फिर छोटी आतंकवादी... मतलब किस तरह की आतंकवादी घटना पर भारत, पाकिस्तान के ऊपर एक्ट ऑफ वॉर फार्मूला एप्लाई करके, उसके (पाकिस्तान) ऊपर सीधा हमला बोलने का ह़क रखता है.”