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Operation Sindoor Airstrike: रात के घुप्प अंधेरे में भी कैसे कामयाब रहा 'ऑपरेशन सिंदूर' पढ़िए Inside Story

2016 से अब तक यह तीसरी बार है जब भारत ने पाकिस्तान को उसकी नापाक हरकतों का करारा जवाब दिया है. ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने PoK में 9 आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए. राफेल, स्कैल्प और हैमर जैसी अत्याधुनिक मिसाइलों का प्रयोग कर भारत ने दुश्मनों को उनकी औकात दिखा दी और विश्व में अपनी सैन्य शक्ति का परचम लहराया.

Operation Sindoor Airstrike: रात के घुप्प अंधेरे में भी कैसे कामयाब रहा ऑपरेशन सिंदूर पढ़िए Inside Story
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संजीव चौहान
By: संजीव चौहान

Updated on: 26 May 2025 11:40 AM IST

साल 2016 से लेकर 6-7 मई 2025 तक के बीच के वर्षों में यह तीसरा मौका है कि जब पाकिस्तान ने भारत को छेड़ा और भारत ने, पाकिस्तान को फिर दुनिया में कहीं मुंह दिखाने के काबिल नहीं छोड़ा. अब तीसरी बार बीती रात तड़के (करीब दो बजे 6-7 मई 2025 की दरम्यानी रात) भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर में ‘ऑपेरशन सिंदूर’ को अंजाम देकर, पाकिस्तान को फिर जमाने में नंगा कर डाला है.

इस सबके बीच सवाल यह पैदा होना लाजिमी है कि आखिर, एक बार हो तो तुक्का माना जा सकता है. एक दो नहीं पूरे तीन बार भारत ने पाकिस्तान की छाती पर चढ़कर उसे उसकी औकात बताई. तीनो ही बार में भारत सर्वाधिक सफल रहा. नुकसान न पाकिस्तान की जनता का हुआ. न भारतीय फौज का.

तबाह हुए तो सिर्फ पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में संचालित पाकिस्तानी हुकूमत और वहां की आर्मी द्वारा संचालित आतंकवादी कैंप. आखिर भारत इतने जबरदस्त ऑपरेशन इतनी तरकीब से सिर-ए-अंजाम तक पहुंचा कैसे पाता है? जिनमें वो (हिंदुस्तान और उसकी फौज) जिसे चाहता है पाकिस्तान की ज़मीं पर बस उसी को ‘ठोंक’ कर चहलकदमी करता हुआ सुरक्षित वापिस आ जाता है. और पाकिस्तानी हुकूमत, उसकी फौज और खुफिया एजेंसी आईएसआई विरोध में चूं तक नहीं कर पाती है.

जब बात भारत के हाथों पाकिस्तान के आतंकवादी कैंपों की तबाही की हो तो फिर आज बेबाक जिक्र कर लेते हैं, तीन चार घंटे पहले ही अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर का कि, आखिर यह ऑपरेशन भी भारतीय वायुसेना ने रात के धुप्प अंधेरे में कैसे कामयाब कर दिखाया?

भारत और उसकी वायुसेना ने साबित कर दिया...

न केवल भारत और उसकी वायुसेना ने ऑपरेशन-सिंदूर कामयाब कर दिखाया, अपितु दुनिया को भी बता दिया है कि, भारत को जो छेड़ेगा उसकी हालत पाकिस्तान से भी बुरी कर दी जाएगी. ऑपरेशन सिंदूर ने भारत को आंतकवाद विरोधी नीति और सैन्य बल की नजर से तो दुनिया के सिर-माथे पर ले जाकर बैठा ही दिया है. साथ ही चीन, पाकिस्तान-बंग्लादेश से भारत के दुश्मनों को औकात में रहने की नसीहत भी इसी ऑपरेशन सिंदूर ने मय गवाह और सबूत दे डाली है.

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माथे के झूमर और गहने

ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को बता दिया है कि भारत बोलता कम और करता ज्यादा है. फिर चाहे वह दोस्ती निभाने की बात हो या फिर दुश्मनी. जो जैसे पेश आएगा भारत और उसकी फौज सामने वाले के साथ उसी की भाषा में पेश आती हैं. भारतीय सैन्य सेवा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो ऑपरेशन सिंदूर में, स्पाइस 2000 (SPICE 2000) से लेकर विशेष किस्म का गोला-बम-बारूद, हैमर, स्कैल्प क्रूज मिसाइल, सुदर्शन बमों और Popeye तक का इस्तेमाल पाकिस्तानी आतंकवादी कैंपों पर बीती रात खुलकर किया गया है. भारतीय वायुसेना ने यह सब ऑपरेशन सिंदूर के माथे के झूमर और गहने सिद्ध कर दिये हैं.

पहले से तय सभी 9 आतंकवादी अड्डे तबाह

पहलगाम में तो भगोड़े आतंकवादियों ने भारत के 25 और नेपाल का एक नागरिक ही मारा था. बीती रात ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में संचालित आतंकवादी कैंपों पर हमला करके, कितने मौत की नींद सुला दिए हैं? इसकी गिनती करने का जिम्मा भारत ने पाकिस्तान, उसकी मक्कार फौज और खुफिया एजेंसी आईएसआई के कंधों पर डाल दिया है. सूत्रों की मानें तो ऑपरेशन सिंदूर में सबसे ज्यादा नुकसान जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे पाकिस्तान के पाले-पोसे आतंकवादी संगठन को हुआ है.

“ऑपरेशन सिंदूर” भारत की ‘मॉकड्रिल’, उनकी तबाही

भले ही भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर महज एक ‘मॉकड्रिल’ सा रहा हो. मगर भारतीय वायुसेना की इस तबाही मचाने वाली मॉकड्रिल ने पाकिस्तान और उसके आतंकवादियों को कहीं मुंह दिखाने के काबिल नहीं छोड़ा है. इसे पाकिस्तान की बदकिस्मती ही कहेंगे कि, पाकिस्तान और उसके आतंकवादियों की इस कदर की दुर्गति भारत ने कर डाली है. इसके बाद भी पाकिस्तान को भारत ने दुनिया के सामने मुंह खोलने के काबिल नहीं छोड़ा है. क्योंकि भारत ने तो हमला पाकिस्तान की जनता पर नहीं उसके यहां चल रहे आतंकवादी कैंपों के ऊपर बोला है. अब पाकिस्तान की हालत ऐसी है कि पिटने के बाद वह रोने के काबिल तक नहीं छोड़ा है. इसलिए कह सकते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर भले ही पाकिस्तान के लिए बदनामी और तबाही का सबब भले बन गया हो. भारतीय वायुसेना के लिए तो यह अपनी मिसाइल-बमों हथियारों, लड़ाकू विमानों पर हाथ साफ करने वाली ‘मॉकड्रिल’ से ज्यादा कुछ नहीं है.

ऑपरेशन सिंदूर में मील का पत्थर बना ‘राफेल’

भारतीय वायुसेना के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो बीती रात अंजाम दिए जा चके ऑपरेशन सिंदूर में, भारतीय वायुसेना ने ‘राफेल’ का सटकी और जबरदस्त इस्तेमाल किया है. जोकि स्कैल्प क्रूज मिसाइल/ हैमर मिसाइल जैसी ताकतवर हथियारों से लैस किया गया था. विदेशों में स्कैल्प क्रूज मिसाइल को स्टॉर्म शैडो के नाम से ही जाना-पहचाना जाता है. इसे यूरोप की रक्षा कंपनी द्वारा तैयार किया गया है. भारतीय वायुसेना ने इसे अपने 36 राफेल जेट के बेड़े में शामिल किया हुआ है. ऑपरेशन सिंदूर में वारडेह (BAROACH Bomb Royal Ordnance Augmented Charge) का भी इस्तेमाल किया जाना बताया जा रहा है. जोकि बंकरों और कठोर से कठोर लक्ष्यों को कागज की तरह तबाह करने में बेहद कामयाब है.

ऑपरेशन सिंदूर में 'हैमर' मिसाइल का इस्तेमाल

HAMMAR- Highly Agile Modular Munition Extended Range यानी हैमर मिसाइल का इस्तेमाल भी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, पाकिस्तानी टेररिस्ट कैंपों को तबाह करने के लिए किया गया है. इसकी निर्माता कंपनी फ्रांसीसी रक्षा कंपनी सैफरन (SAFRAN) है. यह मध्यम दूरी की हवा से जमीन पर मार करने वाली है. दुनिया भर के वायुसेना इसे मॉड्यूलर हथियार भी कहती है. भारत ने इसे साल 2020 में तब खरीदा था जब चीन और भारत की सीमा पर तनाव था. बंकरों को तबाह करने की खूबी ही इसे आधुनिक हथियारों की भीड़ से अलग पहचान दिलाती है. इसका इस्तेमाल भी ऑपरेशन सिंदूर में किया जाना बताया जाता है.

खबरों की मानें तो फ्रांस ने इसे अफगानिस्तान में साल 2008 में, लीबिया और माली में 2011 में खूब इस्तेमाल किया था. यह फ्रांस की वायु और नौसेना दोनो के ही द्वारा प्रयोग में लाई जा चुकी है. 70-80 किलोमीटर दूर से किसी भी बंकर को तबाह करने की इसकी खूबी है.

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