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Operation Sindoor का आफ्टरशॉक 2026 तक झेलेगा पाकिस्तान, दुश्मन देश के 11 एयरबेस पर कितना गहरा है भारत का दिया 'घाव'

भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को बड़ा रणनीतिक झटका लगा है. 11 एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचा, जिससे दुश्मन देश पर सैन्य और आर्थिक दबाव बढ़ा है. एक्सपर्ट मानते हैं कि 2026 भी पाकिस्तान के लिए उबरने का साल साबित होगा. सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर वर्तमान में क्या हैं हालात, जानें सब कुछ.

Operation Sindoor का आफ्टरशॉक 2026 तक झेलेगा पाकिस्तान, दुश्मन देश के 11 एयरबेस पर कितना गहरा है भारत का दिया घाव
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( Image Source:  Damien Symon@detresfa_ )

साल 2025 में 'ऑपरेशन सिंदूर' ने भारत-पाक सैन्य संतुलन को नए सिरे से परिभाषित कर दिया. इस ऑपरेशन में पाकिस्तान को सिर्फ कूटनीतिक नहीं बल्कि सैन्य ढांचे पर भी गहरी चोट लगी. सबसे बड़ा झटका उसकी वायुसेना के 11 अहम एयरबेस को लगा, जिनकी कार्यक्षमता या तो पूरी तरह ठप हुई या गंभीर रूप से प्रभावित हुईं. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान के लिए 2026 भी पूरी तरह रिकवरी का साल रहेगा, क्योंकि आर्थिक बदहाली, तकनीकी निर्भरता और अंतरराष्ट्रीय दबाव उसकी राह मुश्किल बना रहे हैं. रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि साल 2025 में भारत-पाकिस्तान संबंधों में दशकों में सबसे ज्यादा गिरावट आई. इसकी मुख्य वजह इस्लामाबाद की गलत हरकतें और सेना प्रमुख आसिम मुनीर की बयानबाजी को माना जा रहा है.

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दरअसल, आज रात 12 बजे के बाद नया साल शुरू हो जाएगा, लेकिन पाकिस्तान ऑपरेशन सिंदूर के नतीजों से निपटने में 2026 में भी व्यस्त रहेगा. ऐसा इसलिए कि ऑपरेशन सिंदूर के चरम पर भारत द्वारा 11 प्रमुख पाकिस्तानी एयरबेस पर हमले के सात महीने से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन इस्लामाबाद अभी भी सचमुच नुकसान की भरपाई करने में लगा हुआ है.

पहली बार इशाक डार ने माना - हमले से हुआ भारी नुकसान

इंडिया टुडे ने नई सैटेलाइट तस्वीरों की जांच करने और रक्षा विशेषज्ञ संदीप उन्नीथन से बात के आधार पर बताया है कि पाकिस्तान में अभी भी ज्यादातर एयरबेस में नुकसान को ठीक करने में लगा हुआ है. दरअसल, इस हफ्ते की शुरुआत में पाकिस्तानी सरकार ने पहली बार आधिकारिक तौर पर विस्तार से ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के हमलों के अपने एयरबेस पर पड़े असर को स्वीकार किया. उप प्रधान मंत्री इशाक डार ने कहा कि भारतीय ड्रोन ने महत्वपूर्ण नूर खान एयरबेस पर हमला किया, जिससे महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठान को नुकसान हुआ और कई सैन्य कर्मी घायल हुए. डार ने कहा, "36 घंटे में कम से कम 80 ड्रोन भेजे गए."

पाकिस्तान द्वारा अचानक यह स्वीकार करना पहलगाम हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर के बाद अहम बदलाव माना जा रहा है. ऐसा इसलिए कि इससे पहले भारतीय हमलों से हुए नुकसान की सीमा को कम करके बताया था या इनकार किया था, लेकिन सैटेलाइट तस्वीरों और वैश्विक जांच के बाद पाकिस्तान के लिए अपनी बात पर टिके रहना मुश्किल हो रहा है.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी एयरबेस का हाल क्या है? डिटेल में जानें सब कुछ

1. नूर खान (रावलपिंडी)

पाकिस्तान ने अब आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है कि एयरबेस को नुकसान हुआ है और इसकी तकनीक मरम्मत चल रही है. नवंबर में भू-खुफिया विशेषज्ञ डेमियन साइमन द्वारा साझा की गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला कि नूर खान में एक नई सुविधा का निर्माण किया जा रहा था, जो सेना मुख्यालय के पास स्थित पाकिस्तान के सबसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एयरबेस में से एक है.

एक चीनी सैटेलाइट फर्म (मिजाविजन) द्वारा जारी तस्वीरों ने भी पुष्टि की है कि नूर खान में नई इमारत बनी हैं. मई के संघर्ष के दौरान एयरबेस को काफी नुकसान हुआ था. सैटेलाइट तस्वीरों में फ्यूल ट्रक जलते हुए, एक वेयरहाउस की छत गिरी हुई और रनवे के पास मलबा बिखरा हुआ दिख रहा था.

2. भोलारी एयरबेस

हाल की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि भारतीय हवाई हमले में क्षतिग्रस्त हैंगर अब तिरपाल से ढका हुआ है, जिससे शायद यह संकेत मिलता है कि मरम्मत का काम या बहाली अब चल रही है. हमलों से पाकिस्तान के सबसे नए एयरबेस में से एक को भारी नुकसान हुआ। कई फाइटर फ्लीट को भी नुकसान पहुंचा.

3. मुरीद एयरबेस

यह एयरबेस, जो भारतीय सीमा के करीब स्थित है और यहां ड्रोन रखे जाते हैं. फॉरवर्ड-ऑपरेटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के नष्ट होने के बाद खराब स्थिति में है. साइमन द्वारा साझा की गई नवीनतम सैटेलाइट तस्वीर में कमांड और कंट्रोल बिल्डिंग को एक विशाल लाल तिरपाल से ढका हुआ दिखाया गया है, जो यह संकेत देता है कि साइट अभी भी मरम्मत के अधीन है. पहले, केवल प्रभावित क्षेत्र को ढका गया था.

4. मुशफ एयरबेस (सरगोधा)

मई के हमलों में महत्वपूर्ण कमांड-एंड-कंट्रोल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षतिग्रस्त होने के बाद यहां से परिचालन क्षमता सीमित है. हमलों के कुछ दिनों बाद ली गई सैटेलाइट तस्वीरों में रनवे पर दो बड़े गड्ढे दिखे, जिनमें से एक का दायरा लगभग 15 फीट था. हालांकि, गूगल अर्थ के जरिए एक त्वरित जांच से पता चलता है कि रनवे की अब मरम्मत कर दी गई है.

5. जैकोबाबाद एयरबेस

रडार और एयर डिफेंस सिस्टम एयरबेस पर ऑफलाइन या मरम्मत के अधीन हैं, जहां पाकिस्तान वायु सेना की सबसे उन्नत संपत्ति, जिसमें नवीनतम JF-17 ब्लॉक II जेट और F-16 जेट शामिल हैं, रखे गए हैं. मई में क्षतिग्रस्त हुए एक हैंगर की छत को चरणों में अलग कर दिया गया है और अब बहाली का काम चल रहा है.

6. रफीकी एयरबेस

भारतीय हमलों में हैंगर और रनवे को हुए संरचनात्मक नुकसान हुआ था. फिलहाल, यहां से किसी भी तरह के उड़ानों पर प्रतिबंध है.

7. सुक्कुर एयरबेस

सैटेलाइट तस्वीरें पुष्टि करती हैं कि गंभीर संरचनात्मक आग और विस्फोट से हुए नुकसान के कारण बेस काफी हद तक गैर-कार्यात्मक है. मई के हमलों के दौरान एक UAV शेल्टर या हैंगर शायद क्षतिग्रस्त हो गया था.

8. चुनियां एयरबेस

तकनीकी सुविधाएं और ईंधन डिपो जला दिए गए, जिससे बेस लंबे समय तक रिकवरी की स्थिति में है.

9 पसरूर एयरफील्ड

पसरूर एयरफील्ड के रडार साइटों के नष्ट होने के बाद वर्तमान में निगरानी क्षमताएं मौजूद नहीं हैं.

10. सियालकोट एयरबेस

सियालकोट एयरबेस भारत के सटीक ड्रोन हमलों के कारण फाइटर जेट और विमानों के लिए सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर खराब हो गया है. उसे ठीक करने का काम जारी है.

11. स्कार्दू एयरबेस

पाकिस्तान के स्कार्दू एयरबेस पर नष्ट हुए फ्यूल रिजर्व और उपकरणों के कारण ऊंचाई पर ऑपरेशनल तैयारी बुरी तरह प्रभावित हुई है.

हाल ही में अमेरिकी थिंक टैंक की रिपोर्ट 2026 में बताया गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की संभावना जताई गई थी. पाकिस्तान के एयरबेस की हालत को देखते हुए, यह एक दूर की बात लगती है. साल 2026 का ज्यादातर समय इंफ्रास्ट्रक्चर की मरम्मत में ही बीत जाएगा.

बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं था, बल्कि यह पाकिस्तान की रणनीतिक क्षमता पर गहरा प्रहार साबित हुआ. 11 एयरबेस को हुए नुकसान ने उसकी वायुसेना की रीढ़ हिला दी है. अब भारत रणनीतिक बढ़त को और मजबूत करने की स्थिति में दिख रहा है.

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