'मुसलमान चुप नहीं बैठेंगे...', बंगाल में वक्फ कानून पर बवाल तय! ममता के खिलाफ मंत्री ने खोला मोर्चा
पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून पर बवाल होता हुआ दिखाई दे रहा है. टीएमसी के मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने इसको लेकर कहा कि अगर वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने की कोशिश की गई तो मुसलमान चुप नहीं बैठेंगे. उन्होंने इसे मुसलमानों पर थोपा गया निर्णय बताया.
केंद्र सरकार के नए वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को लेकर पश्चिम बंगाल में सियासत तेज हो गई है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद (बंगाल) के अध्यक्ष और राज्य के मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने की कोशिश की गई तो मुसलमान चुप नहीं बैठेंगे. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा महीनों तक विरोध के बाद अचानक इस कानून को स्वीकार करने और प्रदेश की लगभग 82,000 वक्फ संपत्तियों का विवरण 5 दिसंबर तक केंद्र के पोर्टल पर अपलोड करने के आदेश देने के बाद राजनीतिक माहौल और गरमा गया है.
चौधरी ने केंद्र के फैसले पर सवाल उठाते हुए इसे मुसलमानों पर थोपा गया निर्णय बताया और साफ कहा कि लड़ाई लंबी और कठिन होगी. वहीं, टीएमसी ने अपने बागी विधायक हुमायूं कबीर की विवादित योजनाओं से दूरी बनाकर स्थिति और भी संवेदनशील कर दी है.
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केंद्र के फैसले पर मंत्री का कड़ा ऐतराज
प्रेस कॉन्फ्रेंस में चौधरी ने कहा “AC कमरों से बहुत सी बातें कहना आसान है, लेकिन क्या कोई गांव में जाकर कह सकता है कि वक्फ की संपत्ति अब उनकी नहीं रही? यह मुसलमानों पर जबरदस्ती थोपा गया फैसला है.” उन्होंने दावा किया कि केंद्र की नीयत पर सवाल उठना स्वाभाविक है और राज्य सरकार भी स्थिति पर नए सिरे से विचार कर रही है.
राज्य सरकार में रुख बदलने की चर्चा
टीएमसी सरकार ने पहले वक्फ संशोधन के खिलाफ रुख अपनाया था, लेकिन पिछले सप्ताह राज्य ने इसे स्वीकार कर लिया. इस पर चौधरी ने कहा “राज्य सरकार ने पहले कुछ सोचा था. अब मुख्यमंत्री कुछ और सोच रही होंगी वक्फ संपत्तियां बहुत जरूरी हैं. हमें नहीं पता कि आगे क्या होगा, लेकिन लड़ाई लंबी और कठिन जरूर होगी.” माना जा रहा है कि राज्य राजनीतिक और प्रशासनिक दबावों के बीच नए समीकरण पर काम कर रहा है.
TMC और बागी विधायक के बीच बढ़ती दूरी
इसी बीच, टीएमसी ने बागी विधायक हुमायूं कबीर की उस योजना से भी किनारा कर लिया है, जिसमें वे 6 दिसंबर बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के दिन मुर्शिदाबाद में एक मस्जिद की आधारशिला रखने की तैयारी कर रहे थे. चौधरी ने भी कबीर से खुद को अलग करते हुए कहा “हम आवेश में आकर कोई कदम नहीं उठाते. मस्जिद राजनीति का विषय नहीं है. जिस तरह सोशल मीडिया पर बातें फैलाई जा रही हैं, उससे लगता है कि 6 दिसंबर को बंगाल में कोई बड़ा धमाका होने वाला है. यह एक साज़िश जैसी लगती है.”





