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नई बाबरी वाले हुमायूं कबीर ने बनाई जनता उन्नयन पार्टी, 135 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव, विधायक बोले- 2026 के बाद ममता नहीं बनेंगी CM

पश्चिम बंगाल की राजनीति में विधानसभा चुनाव 2026 से पहले बड़ा सियासी घटनाक्रम सामने आया है. ‘नई बाबरी’ मस्जिद को लेकर विवादों में रहे और तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने अपनी नई पार्टी जनता उन्नयन पार्टी के गठन का ऐलान कर दिया है. कबीर ने साफ किया है कि उनकी पार्टी राज्य की 249 विधानसभा सीटों में से 135 पर चुनाव लड़ेगी.

नई बाबरी वाले हुमायूं कबीर ने बनाई जनता उन्नयन पार्टी, 135 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव, विधायक बोले- 2026 के बाद ममता नहीं बनेंगी CM
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( Image Source:  ANI )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 22 Dec 2025 11:50 AM IST

पश्चिम बंगाल की सियासत में विधानसभा चुनाव 2026 से पहले हलचल तेज हो गई है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर सत्तारूढ़ दल के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है.

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उनकी पार्टी का नाम जनता उन्नयन पार्टी है और वह 135 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि हुमायूं कबीर उस वक्त विवादों में आए जब उन्होंने मुर्शिदाबाद में एक ऐसी मस्जिद की नींव रखी, जिसे बाबरी मस्जिद की तर्ज पर बताया गया.

TMC से अलग होकर हुमायूं कबीर का नया दांव

हुमायूं कबीर कभी ममता बनर्जी के भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते थे. लेकिन हाल के घटनाक्रमों के बाद TMC ने उनसे दूरी बना ली. इसके बाद कबीर ने अपनी अलग पार्टी जनता उन्नयन पार्टी (JUP) के गठन का ऐलान कर दिया. उन्होंने साफ संकेत दिया कि यह पार्टी राज्य की मौजूदा सत्ता संरचना को चुनौती देने के लिए बनाई गई है.

पार्टी का झंडा, चुनाव चिन्ह

हुमायूं कबीर का कहना है कि जनता उन्नयन पार्टी का परचम आने वाले समय में पूरे पश्चिम बंगाल में लहराएगा. चुनाव चिन्ह को लेकर उन्होंने टेबल और जुड़वां गुलाब को अपनी पहली पसंद बताया है. उनके मुताबिक, ये प्रतीक आम जनता से जुड़ी राजनीति और ज़मीनी सवालों को मजबूती से सामने रखने का संदेश देते हैं.

135 सीटों पर लड़ने की तैयारी

हुमायूं कबीर ने साफ किया है कि जनता उन्नयन पार्टी राज्य की 249 विधानसभा सीटों में से 135 पर अपनी किस्मत आज़माएगी. इसके साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि जल्द ही शुरुआती चरण के उम्मीदवारों की सूची जारी की जाएगी, जिसमें मुर्शिदाबाद और पश्चिम मेदिनीपुर से प्रत्याशियों के नाम सबसे पहले सामने आ सकते हैं.

ममता बनर्जी पर सीधा हमला

अपनी नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा करते ही हुमायूं कबीर ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधा और कड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि 2026 के बाद ममता बनर्जी दोबारा सत्ता में वापसी नहीं कर पाएंगी और पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बिल्कुल नई दिशा शुरू होगी. उनके इस बयान को तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के लिए खुली चुनौती के रूप में देखा जा रहा है.

TMC की सबसे बड़ी चिंता: वोट बैंक

पश्चिम बंगाल की सियासत में मुस्लिम वोट बैंक लंबे समय से तृणमूल कांग्रेस की सबसे बड़ी मजबूती माना जाता रहा है. ऐसे में हुमायूं कबीर की नई पार्टी और AIMIM के साथ संभावित तालमेल की अटकलें ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं. TMC के सामने अब दोहरी चुनौती है, एक ओर अपने परंपरागत समर्थकों को एकजुट बनाए रखना और दूसरी ओर राज्य में भाजपा के बढ़ते असर पर लगाम लगाना.

बंगाल की राजनीति में नया मोड़

हुमायूं कबीर द्वारा गठित जनता उन्नयन पार्टी को ममता बनर्जी की सियासत से उपजे असंतोष की उपज के तौर पर देखा जा रहा है. अब नजर आने वाले समय पर टिकी है कि यह नया राजनीतिक मंच केवल दबाव बनाने का जरिया बनकर रह जाता है या फिर 2026 के विधानसभा चुनाव में वास्तव में सत्ता के समीकरणों को बदलने की ताकत दिखा पाता है.

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