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ममता बनर्जी की बढ़ी टेंशन! गठबंधन की तैयारी में AIMIM और हुमायूं कबीर; ओवैसी की पार्टी ने दिए बड़े संकेत

पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी राज्य में अपने विस्तार के मिशन पर काम कर रही है, वहीं तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर नया राजनीतिक विकल्प बनकर उभर रहे हैं.

ममता बनर्जी की बढ़ी टेंशन! गठबंधन की तैयारी में AIMIM और हुमायूं कबीर; ओवैसी की पार्टी ने दिए बड़े संकेत
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( Image Source:  ANI )
विशाल पुंडीर
Edited By: विशाल पुंडीर

Published on: 12 Dec 2025 6:19 PM

पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी राज्य में अपने विस्तार के मिशन पर काम कर रही है, वहीं तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर नया राजनीतिक विकल्प बनकर उभर रहे हैं. अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में उनकी बढ़ती लोकप्रियता ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है.

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NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक इसी बीच AIMIM की बंगाल इकाई ने संकेत दिए हैं कि पार्टी और हुमायूं कबीर के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत आगे बढ़ रही है. दोनों पक्ष आगामी चुनावों में कुछ सीटों पर साथ आने की उम्मीद जता रहे हैं, जिससे बंगाल की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.

AIMIM–कबीर गठबंधन की बातचीत जारी

AIMIM की बंगाल इकाई के प्रमुख इमरान सोलानी ने NDTV को दिए एक विशेष इंटरव्यू में बताया कि दोनों पक्षों के बीच सकारात्मक बातचीत हो रही है. उन्होंने कहा "मैंने हुमायूं कबीर से बात की है. ओवैसी की अखिल भारतीय छवि के कारण वे एआईएमआईएम के साथ गठबंधन करना चाहते हैं. हम भी कुछ सीटों पर हुमायूं कबीर के साथ गठबंधन करना चाहते हैं। हालांकि, अंतिम निर्णय असदुद्दीन ओवैसी ही लेंगे." इस बयान के बाद यह लगभग स्पष्ट हो गया है कि AIMIM बंगाल में बढ़ती अल्पसंख्यक राजनीतिक गतिविधियों पर बारिकी से नजर रख रही है.

बाबरी मस्जिद की नींव रखते ही सुर्खियों में आए कबीर

हुमायूं कबीर पहली बार तब सुर्खियों में आए जब मुर्शिदाबाद में 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद की तर्ज पर एक मस्जिद बनाने का प्रस्ताव रखा गया था. इस कदम ने उन्हें अल्पसंख्यक समुदाय के एक बड़े चेहरे के रूप में स्थापित कर दिया. तृणमूल कांग्रेस से निलंबित होने के बाद अब उनकी नजर ममता बनर्जी के पारंपरिक मुस्लिम वोट बैंक पर है। कबीर ने दावा किया है कि वे 22 दिसंबर को अपनी नई पार्टी लॉन्च करेंगे और आने वाले चुनावों में किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं.

AIMIM ने कबीर की राजनीतिक चाल पर रखी है कड़ी नजर

कबीर द्वारा गठबंधन की इच्छा जताने के बाद AIMIM ने राज्य की राजनीतिक हलचल पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है. पार्टी का मानना है कि अल्पसंख्यक समुदाय में उसकी मजबूत जड़ें और कबीर की स्थानीय पकड़ मिलकर एक बड़ा चुनावी समीकरण तैयार कर सकती हैं. AIMIM नेता सोलानी ने कहा "हम बंगाल में चुनाव लड़ेंगे। हमारा संगठन पिछली बार से अधिक मजबूत है, और असदुद्दीन ओवैसी इस बार काफी आक्रामक हैं. वे बहुत सक्रिय हैं. मैंने उनसे दो-तीन बार बात की है."

ममता बनर्जी के लिए राह होगी मुश्किल

AIMIM का मानना है कि आगामी चुनाव TMC प्रमुख ममता बनर्जी के लिए पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं. सोलानी ने कहा कि इस बार उनकी पार्टी किसी भी स्तर पर समझौता करने के मूड में नहीं है और बंगाल में मजबूत उपस्थिति दर्ज करवाएगी.

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